पड़ोसन राधिका आंटी की चुदाई-2

पड़ोसन राधिका आंटी की चुदाई-2

हैल्लो फ्रेंड्स,

आप सब ने पिछली कहानी में पढ़ा कि कैसे मैंने राधिका आंटी को खूब चोदा। तो मैं ये कहानी वही से शुरु कर रहा हूँ। तो रातभर आंटी की चुत चोदने के बाद जैसे ही मैंने अपना बीज आंटी के चुत में छोड़ा तो आंटी दौड़ कर बॉथरूम में जाकर अपनी चुत साफ करती हुई रो रही थी।

मैं बॉथरूम के बाहर खड़ा होकर ये सब देख रहा था। पर मुझे ये समझ नही आ रहा था। कि चुदाई के वक़्त आंटी मेरा साथ मन से दे रही थी या अपने शरीर की वजह से बेबस होकर मेरा साथ दे रही थी। कुछ देर बाद आंटी अपनी चुत साफ करके नंगी हॉल की तरफ भागी और टॉवल लपेटते हुए दूसरे कमरे में भाग गई।

मैं भी अभी पूरा नंगा था। मेरे लंड पर भी आंटी की चुत का माल लगा हुआ था जिससे लंड चिपचिपा हो रखा था। मैं भी बॉथरूम में जाकर अपना लंड साफ करने लगा। लंड साफ करने के बाद मैंने हॉल से टॉवल उठाकर पहन ली। और अपने कपड़े देखने चला गया जो हमने सूखने को रखे थे। हमारे कपड़े अभी भी गीले ही थे धूप न निकलने के कारण हम में से किसी के कपड़े सूखे नही थे।

और बाहर झमाझम बारिश हो रही थी, और ट्रेने भी अभी चालू नही हुई थी। जिस कारण आज भी हम यहाँ से नही निकल सकते थे। मैं अकेले हॉल में बैठा था। तब मेरी नज़र आंटी की लटक रही गीली चड्डी पर गयी क्या सेक्सी चड्डी थी उनकी चड्डी देखकर मुझे उनकी चुत की याद आने लगी और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैं आंटी के कमरे के तरफ बढ़ने लगा। जब मैं कमरे में घुसा तो देखा आंटी टॉवल पहने सो रही थी, मस्त सेक्सी लग रही थी। फिर से मैं उनकी सेक्सी जांघो को देख सम्मोहित होने लगा। और मेरा लंड काबू से बाहर होने लगा। मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया और अपनी टॉवल खोलकर पूरा नंगा हो गया।

और आंटी के बगल में जाकर लेट गया। इस बार मैंने उनकी टॉवल के गाँठ खोली और टॉवल को निकालकर फेंक दिया। नींद में होने के कारण आंटी को कोई अंदाजा नही हुआ कि अब वो बिल्कुल नंगी हो चुकी है। फिर मैंने आंटी के पीठ से अपना सीना और उनकी गांड से अपना लंड सटा कर लेट गया।

फिर मैं उनके बूब्स को मसलने लगा। अब मैं ये चाहता था कि आंटी जाग जाए मैं उनको पूरे होस में लाकर चोदना चाहता था। मैं उनके बूब्स को कसकर अपनी मुट्ठियों से मिसने लगा। जिससे आंटी की नींद खुल गयी। और वो झट से मुझसे दूर हो गयी।

फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनकी चुचियों को दबा दबाकर पीने लगा। आंटी मुझे दूर धकेल रही थी। पर मैं उनके ऊपर हावी हो चुका था। वो मुझे अपनी चुचियाँ पीने से रोक रही थी। और अपने हाथ पैर चला रही थी। मैं उनकी निप्पल्स को चूसे जा रहा था। मैंने उनकी निप्पलों को चूस चूसकर लाल कर दिया।

फिर मैंने उनकी दोनों टाँगों को फैलाया और अपना सर उनकी दोनों टाँगों के बीच घुसाकर उनकी चुत को अपनी जीभ से चाटने लगा। आंटी सिसकारियां लेती हुई बिलखने रोने लगी थी। मैंने अपनी जीभ को उनकी चुत की छेद में डाल दिया तो आंटी मेरे सर के बालों को खींचने लगी। पर मैं नही हटा मैं लगातार अपनी जीभ उनकी चुत में घुमाए जा रहा था। आंटी की चुत का नमकीन पानी मेरे मुँह में लग चुका था।

लेकिन वो अब भी मेरा विरोध कर रही थी। पर मैं आंटी की चुत को चाटे जा रहा था। करीब 20 मिनट तक मैंने उनकी चुत चाटी उसके बाद आंटी झड़ गयी मेरी जीभ उनकी चुत के अंदर ही थी जिससे उनकी चुत का माल मेरे मुँह में लग गया था।

फिर मैंने अपना लंड आंटी से चुसवाने का सोचा और अपना लंड लेकर उनके मुँह के पास गया और लंड को उनके होठों पर रगड़ने लगा। लेकिन आंटी ने अपना मुँह हाथ से ढक लिया और उठकर भागने की कोशिश करने लगी। तो मैंने उनको दबोच लिया और उनके सीने पर बैठकर उनके मुँह में अपना लंड ठूस दिया।

फिर मैंने उनके हाथों को जकड़ लिया और उनके मुँह में अपनी कमर दबाने लगा और उनसे अपना लंड चुसवाने लगा। करीब 10 मिनट तक मैं उनके मुँह में अपना लंड पेलता रहा मेरा लंड और उनका मुँह पूरा थूक से भर चुका था।

अब मेरा लंड फिर से तैयार हो चुका था, मैं उनकी चुत चोदने को तैयार था। मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाला और उनकी टाँगों के पास जाकर बैठ गया। तो आंटी समझ गयी कि मैं क्या करने वाला हूँ। अब वो सिसकियां लेकर रोने लगी जब तक मेरा लंड उनके मुँह में था। तब तक उनके मुँह से आवाज नही आ रही थी।

आंटी समझ गयी थी कि अब मैं उनको फिर चोदने वाला हूँ। तो आंटी ने अपने दोनों पैर आपस में चिपका लिया और अपनी चुत को अपनी चुत को अपनी जाँघों से दबाकर छुपाने लगी। पर मैंने ज़ोर लगाकर उनके दोनों पैर अगल करके फैला दिया।

फिर मैं अपना लंड लेकर उनकी टाँगों के बीच में आकर लेट गया। आंटी की चुत अब चुदने ही वाली थी, ये देखकर आंटी ज़ोर से रोने लगी। पर मैंने उनके मुँह पर अपना एक हाथ रख दबा दिया और अपना लंड उनकी चुत के मुँह पर लगाकर एक जोर का शार्ट मारा जिससे एक ही झटके में मेरा लंड उनकी चुत के अंदर बच्चेदानी में लगा।

आंटी की चींख निकल गयी आह..आह..आन्ह.. आ..मा..आ..आ करने लगी फिर मैंने उनको किस करते हुए हौले हौले उनकी चुत में अपना लंड दौड़ाने लगा। काफी देर उनकी चुदाई करने के बाद उनकी चुत झड़ गयी मैं अपना लंड उनकी बूर में चोदता रहा अब पूरे कमरे में उनकी चुत से फच्च.. फच्च… और मेरी कमर के उनके कूल्हों से टकराने की ठाप… ठाप की आवाज पूरे कमरे में फैल गयी थी।

मैं पसीना से भीग चुका था मेरे पेट का पसीना आंटी की चुत पर टपक रहा था। वैसे तो उनकी चुत का सत्यानाश हो चुका था। मैंने चोद-चोदकर उनकी चुत सुझा दी थी। उनकी चुत के दोनों पट्टे थोड़े सूज कर लाल हो गए थे। कुछ देर बाद मैं उनकी चुत में ही झड़ गया। फिर मैंने अपना लंड उनकी चुत से निकाल लिया।

और गहरी सांस लेता हुआ उनके बगल में लेट गया। आंटी की चुत में दर्द हो रहा था। आंटी ने भी धीरे धीरे करवट बदली और अपनी चुत टटोलती हुई सिसकिया लेने लगी। मैं पीछे से उनकी गांड देख रहा था। जब मैंने देखा कि आंटी अपनी गांड मेरी तरफ करके लेटी है।

मैं उनकी बड़ी सी गांड देखकर पगला सा गया। मेरा मन उनकी गांड देखकर ललच गया। मेरे लंड में फिर से जान आने लगी। मैंने आंटी की कमर पर अपना हाथ रखा और उनके कमर को सहलाने लगा। फिर मैं अपना हाथ आंटी की गांड पर फेरने लगा। तो आंटी ने मेरा हाथ झटक दिया।

मैं समझ गया कि आंटी मुझसे नाराज़ है। तो मैंने उनके पीछे जाकर सट कर लेट गया और उनके कंधो को चूमने लगा आंटी ने कुछ नही कहा फिर मैंने आंटी के गालों को किस किया तो आंटी ने अपना चेहरा छुपा लिया। मैं उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश करने लगा। मैंने उनको पीछे से अपनी बाँहों में भर लिया और उनके गले और कंधो को चूमने लगा।

अब आंटी ने कोई हरकत नही की फिर मैंने आंटी के पीठ को चूमने लगा और अपना एक हाथ उनके चुत पर ले जाकर उनके चुत और चुत के दाने को रगड़ने लगा। आंटी कोई प्रतिक्रिया नही दे रही थी। यहां तक कि उन्होंने अपनी चुत ढकने की कोशिश भी नही की।

फिर मैंने आंटी को पूरा पलटकर पेट के बल लेटा दिया और मैं उनके ऊपर आकर उनके पीठ को ऊपर से नीचे तक चूमने लगा। फिर मैं उनको चूमता हुआ उनकी गांड तक आ गया। फिर मैं उनकी गांड के दोनों हिस्सो को चूमने लगा। मैं उनकी चूतड़ों के दोनों हिस्सों को चाटने लगा। आंटी अपना सर तकियों के बीच छुपाये चुपचाप लेटी थी।

फिर जब मैंने आंटी के दोनों चूतड़ों को फैलाकर अपनी जीभ उनकी गांड की दरार में लगाई तो मैंने देखा आंटी की सांसे तेज़ होने लगी है। मैं अपनी जीभ आंटी गांड की दरार में फेरने लगा। तब वो शायद उतेजना के मारे गहरी गहरी साँसे लेने लगी। जब मैंने अपनी जीभ उनकी गांड की छेद पर लगाई तो आंटी के मुँह से मदहोश आवाज आआन्ह… निकली मैं समझ गया कि आंटी को मज़ा आ रहा है।

फिर मैं अपनी जीभ को उनकी गांड के छेद पर गोल गोल घुमाने लगा आंटी बीच बीच में गहरी सांसें लेती हुई आआन्ह.आआन्ह कर रही थी। अब उनकी गांड की छेद मेरी थूक से भर चुकी थी।

अभी सही मौका था आंटी की गांड मारने का लोहा गरम था तो हथौड़ा भी मारना जरूरी था। तो मैंने तेल की सीसी ली और ढेर सारा तेल लेकर अपने लंड पर लगा लिया और आंटी के जांघो पर बैठकर मैंने अपने लंड को आंटी के गांड की छेद पर लगा दिया।

आंटी को समझ आ गया था। कि आगे क्या होने वाला है। जैसे ही मेरे लंड ने उनकी गांड की छेद पर निशाना लगाया। तो आंटी ने तकिये को कसकर अपनी मुट्ठी में कस लिया और गांड चुदाई के पहले दर्द के लिए तैयार हो गयी। मैं ये सब देखकर मन ही मन मुस्कुराया और फिर अपना लंड उनकी गांड की छेद पर दबाने लगा।

छेद पर दबाव पड़ने से उनकी गांड की छेद थोड़ी सी खुल गयी और मेरा लंड उनकी गांड के अंदर थोड़ा सा घुस गया। अब मेरे लंड ने सही रास्ता पकड़ लिया था। तो मैंने एक और झटका मारा जिससे मेरा लंड 2 इंच तक अंदर घुस गया। लेकिन आंटी की चींखें निकल गयी वो फिर से रोने लगी। और कहने लगी नही नही…. निकालो इसको

बहुत दर्द हो रहा है। पर मैं धीरे धीरे लंड को उनकी गांड में धकेल रहा था। अब तक तो मैंने आधा लंड उनकी गांड में घुसा दिया था। मेरे लंड पर भी उनकी गांड की छेद कसाव बना रही थी। उनकी टाइट गांड ने मेरे लंड को छील दिया था जिससे मुझे लंड पर जलन महसूस होने लगा।

मैं आराम से उनकी गांड में लंड घुसाए उनके ऊपर लेट गया। जिससे मेरा बचा हुआ लंड भी उनकी गांड में घुस गया। और आंटी ज़ोर से चिल्ला पड़ी और मैं अपनी कमर उठा उठा कर उनकी गांड मारने लगा। वो दर्द से तड़प रही थी। मुझे रुकने को कह रही थी। पर मैं बेदर्दी से उनकी गांड मार रहा था। 10 मिनट तक मैंने बिना रहम दिखाए उनकी गांड मारी उसके बाद वो एकदम सांत हो गयी

अब आंटी बस हर धक्के के साथ आह..आह।।। की आवाजें निकाल रही थी। अब मेरा लंड भी उनकी गांड में थोड़ा ढीला जा रहा था। मैं उनकी गांड चोदे जा रहा था। तभी आंटी आनंद भरे स्वर में आआन्ह आह आह करने लगी इसबार वो फिर झड़ गयी थी। उनकी चुत से सफेद धात बह रहा था।

मैंने आधे घंटे तक उनकी गांड में अपने लंड की बौछार की अंत में मैं भी उनकी गांड में ही झड़ गया और अपना लंड निकाल कर करवट बदलकर वही लेट गया। आंटी की गांड से मेरा ढेर सारा वीर्य निकल रहा था। मैं उनकी गांड में 2 बार झड़ चुका था। दोनों बार का वीर्य एक ही साथ निकल रहा था।

चुदाई की मार से उनके दोनों गोरे चूतड लाल हो चुके थे। शाम तक मैंने 2 बार उनकी गांड मारी और एक बार चुत चोदी मैं बहुत थक चुका था। दो दिन से मैं आंटी को चोद रहा था। आंटी की चुत और गांड की हालत खराब हो चुकी थी। मेरे भी शरीर में ताकत नही बची थी। उस रात हम नंगे पंगे एक दूसरे के बगल में लेटे रहे। अगली सुबह हमने ट्रेन पकड़ी और घर आ गए।

उसके बाद से आंटी ने मुझसे बात नही की मुझे देखकर नज़रे चुरा लेती थी। न ही हमारे बीच जो हुआ या मैंने जो जबरदस्ती उनको चोदा किसी को बताया। करीब एक महीने बाद एक रात को अचानक उनका मुझे फ़ोन आया और उन्होंने मुझे चुपके से छत के रास्ते उनके घर बुलाया।

जब मैं उनके यहाँ पहुँचा तो उन्होंने मुझे एक ज़ोर का थप्पड़ दिया और बोली कि तुमने मेरे फायदा उठाया और मुझे जबरदस्ती खूब चोदा जब तुम्हारा काम निकल गया तो मेरी तरफ देखते भी नही हो। तो मैंने कहा कि मैं सोच रहा था कि आप मुझसे नाराज़ होंगी। तो उन्हीने कहा हा मैं नाराज तो थी। मगर मेरे पति मुझे वैसी चुदाई का सुख नही दे पाते।

तुमने भले ही जबरदस्ती मुझे चोदा मगर तुमने उस वक़्त मेरी आत्मा को सांत कर दिया था। जब से तुमने मेरी चुत और गांड को चोदा है तब से मुझे मेरे पति के लंड का कोई असर नही होता। तो क्या तुम फिर मुझे चोदना पसंद करोगे। अब मैं नखरे नही दिखाउंगी। तुम जैसे चाहे वैसे मुझे चोदना मुझे बस मेरी चुदाई की आग मिटानी है।

ये सब सुनकर मैं इतना खुश हुआ कि मैंने तुरंत आंटी को बिस्तर पर पटक दिया और उनकी साड़ी को उठाकर तुरंत अपना लौड़ा उनकी गांड में डाल दिया। मैंने रातभर जी नही भरा तब तक मैंने आंटी की चुत और गांड मारी उसके बाद मेरा और आंटी का नाजायज संबंध बन गया। और आज भी मैं उनको खूब चोदता हूँ।।

वो मेरे लंड की दीवानी है। मैं उनको हरेक बार नई नई पोजीशन में चोदता हूँ। अब रोजाना हमारे बीच सेक्स होने लगा। हम एक दूसरे के साथ पति पत्नी की तरह रहते थे। कुछ दिनों बाद आकाश को भी मालूम पड़ गया कि मैं उसकी माँ को चोदता हूँ। उसने तो कई बार हम दोनों को नंगा देखा है। तो दोस्तो कैसी लगी आपको मेरी और मेरी पड़ोसन राधिका आंटी की चुदाई की कहानी।

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