मामी की नाइटी

मेरा नाम सुमित है आज मैं आप सभी को मेरी मामी की चुदाई की कहानी बताने वाला हूँ। कि कैसे मैंने अपनी मामी को मदहोश करके उनकी चुत की प्यास और अपने लंड की खुलजी सांत की। पहले मैं आपको बता दूँ की मेरी उम्र 25 साल हो चुकी है। मैं बहुत चुदासु किस्म का लड़का हूँ।

मैं अब तक कई औरतों और लड़कियों को चोद चुका हूँ। पता नही मुझे किसी भी औरत और लड़की को देखकर क्या हो जाता है। मैं बस अपने मन मे उनकी नंगी छवि बनाने लगता हूँ। मैंने अपने पड़ोस की सभी शादी शुदा औरतों के साथ संबंध बना चुका हूँ। मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता था। कि उनकी उम्र क्या है। यहाँ तक कि मैं अपने पड़ोस में रहने वाली एक बुजुर्ग औरत जिनको मैं दादी कहता था उनको भी कई दफा चोद चुका हूँ।

मेरे पड़ोस में रहने वाली सभी औरतों को मेरे काले मोटा लंड का चस्का लग चुका था। मुझे अब चुत की कमी नही थी। जब मन करता तब एक चुत चुदने को हाजिर रहती थी। ज्यादातर औरतें मेरी माँ की उम्र की या उनसे बड़ी थी। तो वो सब उस उम्र में तो प्रेग्नेंट नही हो सकती थी। इसलिए मैं उन्हें बिना कंडोम के चोदता था। जो उन्हें भी पसंद आता था।

maami ki nighty

एक दिन मम्मी ने मुझे उनके गाँव यानी मामा के घर जाने को कहा पर मैंने नखरें दिखाते हुए उन्हें मना करने लगा। क्योंकि अब मुझे रोज़ चुदाई करने का बुखार चढ़ चुका था। मैं बिना किसी औरत की चुत मारे बगैर मेरा दिन सही नही जाता था। मुझे ज्यादा इस बात का डर था कि मुझे चुत नही मिलेगी। पर मम्मी ने मुझे बहुत मनाया और वहाँ जाने के लिए मना लिया।

अगले दिन मैं मामा के घर के लिए निकल गया जब मैं मामा के घर पहुँचा तो नाना जी बाहर बैठे हुए थे। वो मुझे देखकर खुश हो गए थोड़ी देर बात करने के बाद उन्होंने मुझसे कहा जाओ अपनी मामी से मिल लो।

मैं उठकर अंदर गया तो देखा मामी आंगन में बर्तन धो रही थी। मुझे देखकर वो तुरंत अपना हाथ धोकर उठी और मेरी तरफ कुर्सी बढ़ाते हुए मुझे बैठने को कहा।

मैं कुर्सी पर बैठ गया और वो खुद मेरे पास जमीन पर बैठ गयी। थोड़ी बहुत बातें होने लगी हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर बातें कर रहे थे। वो काम कर रही थीं इसलियो शायद उनके कपड़े थोड़े गीले और अस्त व्यस्त थे। बात करते करते मेरी नजर उनकी सीने पर पड़ी उनकी चुचियों के उभार ब्लाउज के बाहर थे और उनके चुचियों के बीच की गहरी दरार भी दिख रही थी।

मैं उनसे बात करते हुए उनकी चुचियों को ही ताड़ रहा था। वो भी मस्त मौला होकर मुझसे बातें करने में गुल थी। फिर मामी ने कहा कि आप आये हो तो आपसे इतनी बात हो गयी। नही तो दिन भर बस चुप चाप काम करती हूँ। घर में कोई बात करने के लिए भी नही है।

मामा के घर में नाना , मामी और एक मामा का 15 साल का बेटा है जो स्कूल में पढ़ाई करता है। और मामा जो 3 साल से विदेश में ही है। इस लिए मैं मामी की तन्हाई समझ सकता था। फिर मामी ने कहा अब आप आ गए है तो ज्यादा बोर नही होउंगी मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा अब आप बिलकुल बोर नही होंगी।

उस दिन सब सही चला रात तक खूब हसी ठहाके चले उसके बाद हम सब सोने चले गए। अगले दिन सुबह मैं लेट तक सोया बर्तन के आवाज से मेरी नींद खुली और जब मैं कमरे से बाहर आया तो देखा सूरज की रोशनी तेज़ आ रही थी और मामी आंगन में काम कर रही है।

मैं वही कुर्सी पर बैठ गया जब मैंने फिर से मामी की तरफ देखा तो मैं आश्चर्य में पड़ गया। मामी ने नाइटी पहनी हुई थी। जिससे सूरज की रोशनी आर पार हो रही थी। जिससे मामी की नाइटी पारदर्शी हो चुकी थी और मामी के शरीर के निचला हिस्सा पूरा झलक रहा था। मुझे उनकी दोनों टाँगे और गांड की उभार और उनकी दोनों टाँगों के बीच का ऊपरी हिस्सा यानी कि उनकी चुत की झाँटे तक दिख रही थी।

मामी ने शायद बिना पेटिकोट के ही नाइटी पहन ली थी। मैं जी भर के उनके पीछे बैठकर उनके बदन के उस नज़ारे को देख रहा था। मैं उनकी टाँगों से लेकर उनकी कमर तक अपनी नज़र दौड़ा रहा था। और बारीकी से उनकी चुत पर जमे बिखरी हुई झांटो को देख रहा था।

कुछ देर बाद मामी आंगन में चलकर काम करने लगी जिससे उनके स्तन उनकी नाइटी में उछलने लगे मैं मजे लेकर उनकी चुचियों की हलचल देख रहा था। जो ज़ोर ज़ोर से हिलकर आपस में टकरा रही थी और ऊपर नीचे बाउंस हो रही थी। फिर जब मामी पानी से भरी बाल्टी उठाने के लिए झुकी तो उनके नाइटी का गला इतना ढीला था कि उनकी दोनों चुचियाँ नीचे लटककर झूलने लगी।

जिससे उनके निपल्लों के दोनों काले दाने मुझे दिखाई दिए बाल्टी भारी थी इसलिए मामी से नही उठ रही थी उन्होंने मेरी तरफ देखा मैं तुरंत उठकर उनकी मदत के लिए गया मामी और मैंने एक एक तरफ से बाल्टी पकड़ी और उसे बॉथरूम में ले गए। मामी ने बाल्टी को झुककर पकड़ा था जिससे मुझे उनकी नाइटी के गले वाले हिस्से से उनकी हिलती हुई चुचियों के निप्पल दिखाई पड़ रहे। और उनके पेट के नीचे का हिस्सा झटके से दिख गया।

मैंने एक पल के लिए उनकी झाँटे अपनी आंखों से देख ली थी। बाल्टी को बाथरूम में रखवाकर मैं बाहर आ गया। तभी नाना जी एक बैग के साथ आंगन में आये और बोले बहु मैं निकल रहा हूँ। और मुझसे कहा सुमित मुझे आने में तीन-चार दिन लग जाएंगे। तब तक तुम घर का ख्याल रखना और मामी के साथ रहना। फिर मैंने और मामी ने नानाजी को घर की चौकठ तक छोड़ा और उन्हें विदा किया।

उस दिन भर में कई बार मुझे जब मामी जब आंगन में काम करती तो मैं उनके पारदर्शी नाइटी से उनके शरीर की बनावट देखने का मौका मिला दिन भर में कई बार मामी को वैसे देखकर मेरा लंड खड़ा होता और सांत होता शाम तक मेरे लंड में दर्द उठ चुका था। रात में नींद में मुझे सपने आने लगे कि मैं मामी को नंगा करके चोद के रहा हूँ। अचानक मेरी नींद खुल गयी। फिर मैंने अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगा। करीब 20 मिनट बाद मैं झड़ गया।

सुबह जब मैं उठा तो मामी फिर काम मे लगी हुई थी। और फिर उन्होंने आज नाइटी पहनी थी जो कल की तरह पारदर्शी थी शायद मामी को नाइटी के अंदर पेटिकोट पहनना पसंद नही था। फिर उनका शरीर का निचला हिस्सा साफ झलक रहा था। उस वक़्त ही मेरा लंड टाइट होने लगा। मैं अभी ही उनको चोदना चाहता था। और कोई घर पर रोकने वाला भी नही था पर इससे हमारे रिश्ते खराब हो जाते।

उसके बाद मैं फ्रेश होने चला गया जब मैं बॉथरूम से बाहर आया तो देखा कि मामी कुर्सी पर खड़े होकर जाले साफ करने की कोशिश कर रही थी। पर वो छत तक नही पहुँच पा रही थी। मैं मामी के पास गया और उनसे कहा कि मामी दीजिए मैं साफ करता हूँ। मामी नीचे उतर गई और कुर्सी को पकड़कर खड़ी हो गयी। मैं जाले साफ करने लगा और नीचे ताक ताक कर उनकी क्लेवेज देखने लगा।

कुछ देर में जाले साफ हो गए और मैं नीचे उतर आया मामी मुझे देख हसने लगी मुझे समझ नही आया क्यों फिर उन्होंने आप कुर्सी पर बैठिए आपके माथे पर जाले लगे है। मैं साफ करती हूँ। मैं कुर्सी पर बैठ गया और मामी मेरे सर पर लगे जाले साफ करने लगी। जाले साफ करने के चक्कर में वो मुझसे इतनी करीब हो गयी कि उनका पेट मेरे कंधे से छूने लगा और उनकी चुचियाँ मेरे गालों पर दबने लगी।

उनके बदन के छुवन से मैं काबू में नही रह पाया मैंने मामी नाइटी के ऊपर से ही अपना हाथ उनकी चुत पर लगा दिया। मेरा हाथ सीधा उनकी चुत और उनकी खुरदरी झांटो पर पड़ गया। मेरी हाथों का स्पर्श होते ही मामी बिछुक गयी और अपनी कमर दूर कर ली। पर बिना कुछ बोले मेरे सर से जाले हटाती रही। शायद उन्हें लगा कि गलती से हाथ लग गया है।

कुछ देर बाद मामी फिर से पहले जैसी ही खड़ी हो गयी इस बार फिर मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से ही मैंने अपने एक हाथ को उनकी चुत के ऊपर रख दिया। मैंने अपना हाथ उनकी चुत पर ऐसे रखा था कि मानो मैं उनकी चुत को अपने हाथ से ढक रहा हूँ। मुझे मेरी हथेली पर उनके चुत के दोनों फल्के महसूस हुई तो झट से मैंने अपनी एक उँगली नाइटी के ऊपर से ही उनकी चुत में ठेल दी। मामी की नाइटी की वजह से मेरी उँगली पूरी उनकी चुत में नही गयी। पर मेरी उँगली के साथ उनकी नाइटी थोड़ी सी उनकी चुत में घुस गयी।

ये सब सेकेंडो में हुआ मामी को कुछ समझ आता तब तक ये हो चुका था। मामी अपनी चुत के साथ हुई छेड़छाड़ से हड़बड़ा गयी और मेरी हाथ को दूर झटकते हुए गंभीर आवाज में बोली ” नही ये सब ठीक नही”

मैंने उनकी तरफ देखा उनकी नाइटी का वो हिस्सा जो उँगली के साथ उनकी चुत में गया था। वो हिस्सा गिला हो चुका था। उसके बाद मामी चली गयी। मैं वहीँ बैठा सोचने लगा आखिर कब तक नखरे दिखाएगी मामा में तो तीन सालों से छुआ नही है। कब तक अपने आप को रोकेगी।

शाम हो चुकी थी। मामी अपने कमरे से बाहर नही निकली थी। तब मुझे थोड़ी घबराहट होने लगी कि मामी ने ये बात किसी को बता तो नही दी। करीब आधे घंटे बाद मामी मेरे कमरे में आई और चाय के लिए पूछा फिर मैं और मामी आंगन में चाय पीने लगे। उन्होंने मुझे महसूस ही नही होने दिया कि मैंने उनके साथ क्या किया है। वो नार्मल ही बातें कर रही थी। या तो उन्हें ये पसंद आया था या वो ये एक गलती समझ कर भूल गयी थी।

पर मैंने गौर किया कि उन्होंने अभी भी वही नाइटी पहनी है। मैंने फिर से एक चांस लेने की सोची कुछ देर बाद मामी किचन में रात का खाना बना रही थी। मैं किचेन के दरवाज़े के पास खड़ा होकर मामी की गांड पर नज़रे टिकाए था जब वो रोटीयाँ बेलती तो उनकी गांड हिलती जो उनकी नाइटी से साफ मालूम चल रही थी।

मामी भी बीच बीच में मुड़-मुड़ कर मुझे देख रही थी। पर कुछ बोले बिना ही रोटीयाँ बेलने लगती। मैं किचन के अंदर गया और झट से अपना एक हाथ मामी की गांड पर फेरने लगा। वो उफ्फ करके मुड़ी और मुझे पीछे ठेलकर फिर रोटीयाँ बेलने लगी। पर अब फिर से मैंने अपना हाथ उनके कूल्हों पर रखा।

और इसबार मैंने अपनी बीचवाली उँगली को उनकी गांड की दरार में जमा दिया और उनकी नाइटी को उनके गांड की दरार में ठेलता हुआ अपनी उंगली को उनके चुत के ऊपर तक ले गया और मामी की गर्म चुत को अपनी उंगली से मसलना चालू कर दिया मामी अभी भी बेचैन होने लगी। वो धीमी आवाज में अपने लड़खड़ाते जुबान से नही..नही कर रही थी।

पर मैंने उनकी चुत को मसलना नही छोड़ा थोड़ी देर बाद मामी ने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ लिया और अ आ ह ह… कहती हुई मेरे हाथ को हटाने की कोशिश करने लगी। पर मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और अपनी उंगली उनकी चुत पर चलानी जारी रखा थोड़ी देर में मामी मस्त होने लगी वो अपनी गांड मटकाती हुई अपनी चुत को मेरी उँगली से मसलवाने लगी। और चूल्हे को बंद करके थोड़ी झुक गयी।

जिससे उनकी चुत और भी अच्छे से मेरी हाथ लगने लगी। करीब 5 मिनट बाद उनकी नाइटी गीली हो गयी और मेरी उँगली भी उनके चुत के पानी से चिपचिपी हो गयी। अब वो बिल्कुल मेरा लंड लेने के लिए तैयार हो चुकी थी। वो गर्म हो चुकी थी पर कुछ नही बोल रही थी। शायद शर्म के मारे वो अपने आप कुछ नही करना चाहती थी। मैं समझ चुका था कि अब जो करना है वो मुझे ही करना है। नही तो सुनहरा मौका हाथ से निकल जायेगा।

वही किचन में एक टेबल पड़ी थी तो मैंने वो टेबल अपने तरफ खींची और मामी के नाइटी को पीछे से उनकी कमर तक उठाकर उनके कमर में लपेट दिया। और मामी को टेबल पर घुटनो के बल बैठा दिया और उनका हाथ चूल्हे वाले छज्जे पर कर दिये। अब मामी बिल्कुल घोड़ी बन चुकी थी। वो चुपचाप बिना कुछ बोले मेरे अगले का कदम का इंतजार करने लगी।

मैं मामी के चेहरे के पास खड़ा हो गया और उन्हें अपना लंड दिखाने के उत्साह में अपनी पैंट उतार दी जैसे ही उन्होंने अंडरवेयर में मेरा तना मोटा लंड का साइज देखा तो उनके चेहरे पर थोड़ा डर दिखने लगा। फिर मैंने जैसे ही अपना अंडरवियर उतारा तो मेरा एकदम मोटा तगड़ा काला लंड मामी के आँखों के सामने तन कर टाइट हो गया।

वो मेरा मोटा लंड देखकर एकदम से सकपका गयी और डर से अपनी चुत को छुपाने लगी। वो मुझे मना करने लगी पर मैंने उनको समझाया और समझाते हुए मैंने उनकी चुत में उँगली करनी शुरू कर दी ताकि वो और गर्म हो जाये। बहुत समझाने के बाद वो मान गयी और धीरे धीरे करने को कहा।

मैं अपना लंड अपनी मुठी में भरते हुए घूमकर उनकी गांड के पीछे आ गया और बड़े आराम से मामी की चुत को ऊपर से नीचे तक अपने लंड से रगड़ने लगा। मामी भी मस्त होने लगी वो गहरी सांसें लेने लगी और अ..ह…ह.. अ.. ह..ह उम्म.. ह अन्ह..ह करने लगी। उनकी चुत पर लंड रगड़ने से मेरा लंड उनकी चुत के पानी से गिला हो चुका था। तो जैसे ही मेरा लंड मामी की चुत के छेद पर आया तो अचानक मेरा लंड का अगला हिस्सा मामी की चुत में पिसल गया।

मामी जोर से उछल पड़ी पर मैंने उनकी कमर को पकड़ लिया और उन्हें उस पोजीशन में बनाये रखा मामी को तेज दर्द हुआ वो अ..आन्ह आह.. करने लगी और अपने एक हाथ को पीछे करके मेरी कमर को पकड़ लिया। फिर मैंने आहिस्ते-आहिस्ते मामी की चुत में अपना लंड अंदर करने लगा। मामी अपने एक हाथ से अपना मुँह दबा कर अपनी चींख रोक रही थी। तो दूसरे हाथ से मेरी कमर को पीछे ठेलकर लंड को अपनी चुत से बाहर लाने की कोशिश कर रही थी।

पर मैंने मामी की कमर को पकड़ रखा था। और धीरे – धीरे लंड को अंदर कर रहा था। जैसे कोई कुत्ता कैसे झटके मार-मार कर कुतिया को चोदता है वैसे ही मैं अपनी कमर उछाल कर मामी की चुत में अपना लंड ठेलने लगा। बस लंड का 2 इंच का हिस्सा ही अब बाहर बचा हुआ था। तो मैंने अपना आधा लंड बाहर खींचा और एक ज़ोर का धक्का मारा जिससे मामी की चुत में मेरा पूरा लंड समा गया। इतने तेज़ धक्के से मामी की सांसे फूल गयी।

क्योंकि उनकी चुत काफी टाइट थी। या मेरा लंड ज़्यादा मोटा पड़ रहा था। जब मैंने आखिरी जोर का धक्का मारा तो मामी की आँखों मे पानी भर आया और वो अपने चुत को सहलाते हुए अहह…मा आ आ आ.. कर रही थी। फिर मुझे मेरे लंड पर कुछ खिंचाव महसूस होने लगा ऐसा लग रहा था। कि मामी की चुत मेरे लंड को ऐंठ और जकड़ रही है। फिर मेरे लंड के चारों ओर कुछ गरम गरम सा लगने लगा।

जब मैंने अपना लंड मामी की चुत से बाहर खिंचा तो देखा लंड के साथ मामी की चुत से गाढ़ा सफेद पानी बाहर आ रहा है। और मामी अपनी कमर लहरा रही थी। मैंने फिर से मामी की चुत में लंड ठेल दिया और धीरे-धीरे अपनी कमर आगे पीछे करके मामी की चुत को चोदने लगा। क्या मस्त लग रही थी मामी उस पोजीशन में एक दम मस्त माल

मैं मामी के पेट को पकड़ के पीछे से मामी की चुत में लगातार लंड पेल रहा था। मामी आह…आह…मा आ आह… उंह..ऊं ह… न अ अ..ही… मैं अपने लंड को उनकी चुत में घुसते हुए देख और उतेजित हो रहा था। उनकी गोरी चुत को मेरा चमकता हुआ काला लंड फैलाकर अंदर घुस रहा था। मेरा पूरा लंड मामी की चुत के पानी से लसफ़स हो चुका था। जब मैं धक्के मारता तो मेरी कमर उनके बड़ी गांड से टकरा कर ठाप…ठाप. ठाप… की आवाज कर रही थी।

मेरे धक्कों से मामी का पूरा बदन हिल रहा था। और उनकी लटकती चुचियाँ आगे पीछे हिलते हुए उनके चेहरे के आगे तक जा रही थी। उनकी चुत और भी गीली हो चुकी थी जिससे जब मैं लंड को अंदर घुसा रहा था तब उनकी चुत से फरर…फररर.. पुच्छ पच्च की आवाज बाहर निकल रही थी।

मैं बहुत देर से मामी को इस पोजीशन में चोद रहा था। उनके घुटने दुखने लगे थे। मैंने मामी को उठने को कहा और खुद टेबल पर बैठ गया। मामी खड़ी होकर मेरे लंड को देख रही थी जिसपे उनकी चुत का सफेद गाढ़ा वीर्य लगा हुआ था। मेरा लंड अभी भी तना हुआ किसी दानव जैसा लग रहा था। फिर मैंने मामी को अपने लंड पर बैठने का इशारा किया।

पर मामी ने अपनी नज़रे मेरे लंड पर टिका रखी थी। उनका सारा ध्यान मेरे लंड को देखने मे था। मैंने फिर से मामी को लंड पर बैठने को कहा। पर वो थोड़े नखरे करने लगी मैंने उनको खींचकर अपनी गोद में बैठा लिया। पीछे से उनकी नाइटी को उठाकर उनकी गांड को मलसने लगा और उनके गांड की छेद को फैलाने लगा। और उनकी कमर को पकड़कर अपने लंड पर उनकी चुत को रगड़ने लगा।

वो भी अपनी कमर आगे पीछे करके मेरे लंड पर अपनी चुत को रगड़ने लगी। मेरा लंड उनकी चुत के दोनों पट्टो के बीच मामी की चुत से मसाज ले रहा था। मैंने आगे से उनकी नाइटी ऊपर उठाई और उनकी दोनों चुचियों को हाथ मे लेकर मसलने लगा मामी आआन्ह.. आआन्ह…ओह्ह..ओह्ह… करने लगी। फिर मैंने उनकी चुचियों को बारी-बारी करके चूसने लगा। उनके चुचियों के दानों को अपने दांतों से काटने चबाने लगा।

फिर मामी ने अपनी कमर मेरे लंड के ऊपर से उठाई और अपने नाइटी से मेरे लंड को पोंछ लिया और फिर मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में लेकर अपनी चुत में डाला और धीरे-धीरे करके मेरे लंड पर बैठने लगी। जब लंड पूरा उनकी चुत में पिल गया तो मामी धीरे धीरे करके मेरे लंड पर उछलने लगी। कभी कभी मेरे कंधो को पकड़कर अपनी कमर आगे पीछे करके अपनी चुत चुदवाने लगी।

मामी ने करीब 20 मिनट तक वैसे ही मेरे लंड पर उछल कर अपनी चुत चुदवाई और मेरे लंड को अपनी चुत में ऐसा ऐंठा की मेरा लंड उनकी चुत में ही झड़ गया। कुछ देर मामी मेरे लंड को अपनी चुत में लिए बैठी रही मैं भी उनके दूधों को पीने लगा। अब मन बहुत हल्का हल्का सा लग रहा था। मामी की चुत मार के बहुत मज़ा आया था। फिर मामी ने मेरा लंड अपनी चुत से निकाला और अपनी चुत को दबाये हुए सीधे बॉथरूम में भाग गई।

काफी देर बाद मामी बॉथरूम से बाहर आई तो मैं समझ गया कि मामी अपनी चुत के अंदर गिरे वीर्य को साफ करके आयी है। मैं जब तक वहाँ था मैंने अपनी मामी की दिन रात चुदाई की हर रात मामी मेरे साथ ही सोती थी हम पति पत्नी की तरह एक साथ सोते थे। मैं रात भर मामी को नंगा करके चोदता और मामी चुदती जाती अब तो मामी मेरा लंड भी चूसती है। अब हम बिना डर के चांदनी रात में आंगन में खाट लगाकर नंगे एक दूसरे को चोदते है।

तो दोस्तों कैसी लगी आप सभी को मेरी और मेरी मामी की चुदाई की कहानी उम्मीद है आप सभी लोगों को मेरी ये काहानी पसंद आई हो।

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