ठंड की रात चाची के साथ

मै राज बिहार का रहने वाला हुं। यह घटनाक्रम आज से १६ साल पहले की है।तब मैं ३२ साल का था, और बेरोजगार था। मैं काम धंधा ढुंढ रहा था। संयोग से एक काम मिला। और मैं प्रशिक्षण में भाग लेने चला गया गोरखपुर। मेरे पिता ४ भाई थे छोटे वाले चाचा का मौत हो गया था। उनकी पत्नी उमा जो कि ४२ साल कि बड़े बड़े चुची और गदराई हुई थी अपने बच्चों के साथ बेतिया में अपने पिता के साथ रहती थी और शिक्षक के तौर पर काम कर रही थी। उनके साथ मेरा कोई खास बात चीत और नियत भी खराब नहीं था। लेकिन उनको इस बात कि सुचना मिल गया कि मैं गोरखपुर में प्रशिक्षण ले रहा हुं,बस फिर उनका फोन आया मैंने बात किया फिर कहने लगी कि इतना नजदीक होकर आप लोग बताते नहीं है चाचा नहीं है तो सभी लोग भूल गए। मैंने कहा नहीं ऐसा नहीं है ।अंत में आने के लिए आग्रह करने लगी । मैंने कहा प्रशिक्षण हो जाए पुरा तब ही आ सकेंगे। फिर शाम को रात को बातचीत होने लगा।७ दिन बाद २ दिन का छुट्टी मिला , उनके साथ बातचीत चल रहा था। तभी बताया गया,उमा ने सुन लिया और उसके कर कहीं अब आईए । वहां से सारे रास्ते की जानकारी बगैरह दिया।मैं होटल गया समान लिया और उनका फोन लगातार आ रहा , में ट्रेन में बैठा और गाड़ी चल पड़ी। लेकिन उनका फोन लगातार अपडेट ले रहा था । ठंड का महीना था रास्ते में मेरा फ़ोन बंद हो गया। फिर भी स्टेशन पहुंचा उनसे बात कैसे हो एक रिक्शा चालक ने बताया कि उनका घर जानता हूं, मैं बैठ गया, उनके घर पर पहुंच गया। दरवाजा बंद था लाइट नहीं होने के चलते पुरा अंधेरा था, दरवाजा से काफी बार आवाज देने से आई , मुझे देख कर चहक चुपचाप दरवाजा खोलने लगी मैं रिक्शा चालक को पैसा देकर विदा किया और अंदर आ गया।कमरे में बैठकर जुता खोला, बच्चे सब सो गए थे, मोमबत्ती जल रहा था। मुझे चाय लाकर दे दी और बैठकर इधर उधर की बातें करने लगी और मुझसे चिपकती जा रही थी और मुझे मन से बेहद प्यार अहसास हो रहा था और बात करते मुझसे पुरा चिपक गई थी, हवा निकलने भर का जगह नहीं रह गया था ।इस दौरान मेरा हाथो को पकड़ कर चूमने लगी। मेरे लंड अब खड़ा होने लगा,इतने में मुझे से पुछी अच्छा नहीं लगा। मैंने कहा ठीक है लेकिन मेरा लन्ड ठनकर लाल हो गया था,बस मैं कुछ समझु और उमा मुझे पकड़ कर लिपट कर किस करने लगी मैं भी उनके होटों को चुसने लगा ओर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे हम एक-दूसरे का पुरा साथ देने लगें ,फिर उमा एक एक मेरा कपड़ा उतारने लगी मैं भी उमा का उमा कपड़ा उतारने लगा वो ब्रा नहीं पहनी थी मैं खड़ा कर कसकर पकड़ लिया और उमा के बड़े बड़े चुची को चूसने लगा उनके चूचे को ५ मिनट चूसने के बाद हम दोनों पुरे जोश में आ गए थे,मैंने बिछावन पर चाची को लेटा दिया तब चाची कहीं राज पहले मेरे बुर चाटो मैं चाटने लगा चाटते चाटते चाची पुरा जोश में आ गई और चाची बोली-राज मैं बहुत सालों से प्यासी हूँ मेरी चूत रेगिस्तान की तरह तप रही है कई सालों से इस बंजर जमीन में पानी की बूंदे नहीं पड़ी। आज मेरी प्यास को बुझा दो. इसको चोद कर शांत कर दो अब। मेरी गर्म प्यासी चूत की ज्वाला बुझा दो। अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था फिर मैं लंड निकाल कर उनके जांघों को फैलाकर लंड को बुर में डालकर चोदने लगा हाय जान फाड दो बुर और मैं जोश में आकर ताबड़तोड़ चुदाई करते रहा तब तक लंड और बुर में घमासान चल पड़ा और फच्च फच्च का आवाज आने लगा, मुझे लग रहा था कि अब मैं किसी और दुनिया में पहुंच गया हुं, उमा भी पुरा जोश में आकर नीचे से धक्का लगा रही थी,
हाय जान बहुत मजा आ रहा है और जोर से , आज लगा रहा दुसरे दुनिया में आ गए आज रात भर बुर को चोद चोद कर माल गिराओ ताकि पुरा बुर को माल से नहा ले, आह आह आह राजाअब तो चाची के मुंह से कामुक मजे की सिसकारियां निकल रही थीं-ऊम्म्म … हम्म्म्म … हाह … हाहाह … आह्ह चोदो.मगर कुछ ही देर में चाची के स्वर बदल गये. अब वो सिसकारते हुए कह रही थी- आह्ह . और तेज . आह्ह और तेज . करो . जोर से . आह्ह . अम्म . याह.. हाय . मजा आ रहा है. अब गिर रही हुं इतने में उमा का बुर का माल गिर गया और मेरा भी। पुरा माल बुर में लेकर मैं उनके ऊपर पड़ा रहा। कुछ देर के बाद हम दोनों उठे। पेशाब करने चले गए दोनों साथ में बिना कपड़े के पेशाब किए वहीं मेरा लन्ड पकड़ कर चूसने लगी। लन्ड खड़ा हो गया मैंने उमा को गोद में लेकर बिछावन पर लाया और अब मैंने अपना लंड उनकी चुत की छेद पर रखा और सुपारे को उमा की बुर की फांकों में फिराने लगा.कोई 5 मिनट बाद मैंने मेरा पूरा लंड अन्दर पेला, तो वो धीरे से चीख उठीं और लंड को जज्ब करने लगीं. मैंने लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. अब उन्हें बहुत मजा आने लगा.

उस वक्त उमा मजे से सीत्कार भर रही थीं- ओह. … आंह … बड़ा अच्छा लग रहा है … उन्ह …
उनके साथ मैं भी आवाज निकाल रहा था- आह … ले … पूरा ले लो …

चुदाई के साथ साथ मैं उमा को किस भी करता जा रहा था. उमा को बहुत मजा आ रहा था.

करीब 20 मिनट तक हमारा ये खेल चलता रहा था. उसके दौरान हमने बहुत सारी पोजीशनों में सेक्स का आनन्द लिया. मैं कभी डॉगी स्टाइल में उमा को चोदने लगता, तो कभी मैं नीचे लेट कर उमा को अपने लंड पर कुदाने लगता.

ऐसी बहुत सारी पोजीशनों में हम दोनों ने चुदाई का आनन्द लिया. जब मैंने उमा को कुतिया बना कर चोदा था उस समय मेरा मन हो गया था कि उमा की गांड भी मारना है.

इस सबके दौरान वो एक बार अपना पानी छोड़ चुकी थीं, अब मैं अपना पानी छोड़ने वाला था.

मैंने उनसे पूछा, तो वो बोलीं- अन्दर ही छोड़ दो.

मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और लंड का पूरा गर्म गर्म माल उनकी चुत में छोड़ दिया. झड़ने के बाद मैं शांत होकर उनकी ऊपर ही पड़ा रहा और उनको किस करता रहा

उन्हें लंड के स्पर्श से बहुत मजा आने लगा और वो तड़पने लगीं.

उमा बोलीं- मेरी जान अब ज्यादा बर्दाश्त नहीं होता … जल्दी से लंड अन्दर डाल दो.
मैंने थोड़ा जोर से झटका मारा और मेरा आधा लंड बुर के अन्दर चला गया.

शारदा की चिख निकल गई चिल्ला दीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई!
मैं जरा रुक गया और उनके चूची को चूसने लगा. श को मजा आने लगा.दोनों जांघों को फैलाकर बुर में डालकर चुदना चालू किया और उमा हा हा राजा भरपूर मजा आज मिला।१० मिनट में उनका माल गिर गया और मुझे कसकर पकड़ ली इतने में मेरा लन्ड माल छोड़ दिया, जिसका एक एक बूंद माल बुरा में ले ली।।

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