मम्मी की नमकीन चूत

मम्मी की नमकीन चूत

हैलो दोस्तों आप सभी को मेरा नमस्कार मैं प्रवीण मैं आज थोड़ी अपनी प्राइवेट बात आप सभी को बताने जा रहा हूं। मैंने जिंदगी में इससे ज्यादा कमीनापन कभी नहीं किया।

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मम्मी की नमकीन चूत

ये सब मेरी वासना का नतीजा था। मैं दरअसल मोबाइल में एमएमएस, और पोर्न विडियोज बहुत ज्यादा देखता हूं। और मुट्ठ मारता रहता हूं।

मैं अभी M.A की पढ़ाई कर रहा हूं और ये मेरा आखिरी साल चल रहा है। मेरी उम्र 24 साल की है और मैं दिखने में पतला दुबला पर 5.8 फूट हाईट का हूं।

मेरी मम्मी की उम्र 50 साल के करीब है। मम्मी दिखने में मोटी तगड़ी और 5.2 लंबाई की गेहूए रंग वाली एक घरेलू महिला है। मेरी मम्मी मोटी यानी थोड़ी chubby किस्म की है।

उनके बदन के कर्व्स काफी सेक्सी लगते है। मोटे मोटे चूतड रुई की गद्दे जैसी उभरी और फुली हुई। जांघें मोटी मोटी और चूचियां बड़ी और भारी। जो शायद बिना ब्लाउज के उनके आधे पेट तक लटक जाए।

जब मेरी मम्मी झुककर घर का काम करती है तो उनकी गांड़ बिल्कुल किसी रुई की गठान जैसी उभर जाती हैं और चौड़ी हो जाती है।

कुछ दिनों से मैं मम्मी को कुछ ऐसी वैसी नज़रों से देख रहा था। क्योंकि मैंने एक एमएमएस में देखा था। कोई लड़का जब उसकी मां सोई हुई थी तब वो चुपके से अपनी मां की साड़ी उठाकर वीडियो बनाते हुए अपनी मां की चूत को छू रहा था।

बस उसी दिन से मुझे मेरी मम्मी में भी एक कामुक औरत दिखने लगी। उस दिन के बाद से मुझे मेरी मम्मी और भी ज्यादा खूबसूरत दिखने लगी।

बात ऐसी है की कुछ दिन पहले ही हम अपने नए घर में शिफ्ट हुए थे। घर बड़ा था तो थोड़ा रहने का ढंग भी बदल चुका था। सभी के रूम में सेपरेट बाथरूम था।

मैं अपनी मम्मी के रूम में कुछ ज्यादा आना जाना करता हूं। क्योंकि रोजमर्रा की चीजें उनके ही रूम में पड़ी होती थी और बड़ा सा टीवी भी मम्मी के रूम में ही लगा हुआ था। तो मैं अक्सर ज्यादा समय मम्मी वाले रूम में ही बिताता हूं।

बड़ा घर होने के कारण मम्मी के मन में शायद ऐसा कुछ आ गया। घर बड़ा है और सभी के कमरे अलग अलग हैं तो क्या बाथरूम का दरवाजा बंद करूं।

एक दिन मैं कंघीं लेने के लिए मम्मी के रूम में चला गया। उसी वक्त मम्मी नहा रही थीं। बाथरूम का दरवाजा पूरा खुला हुआ था। मम्मी बिना कपड़ों के छोटे से टेबल पर बैठकर बाथरूम में नहा रही थी।

जैसे मेरी नजर मम्मी के नंगे जिस्म पर पड़ी मैं चौंक गया और दो कदम पीछे हट गया। मम्मी को पता नही था की मैं कमरे में हूं। जितनी भी देर मैं मम्मी को देख पाया उतने ही देर में मम्मी की वो नंगी तस्वीर मेरी आंखों में छप गई।

मैं चुपचाप अलमीरा की आड़ में खड़ा हो गया और छुप कर मम्मी को नहाते देख वीडियो बनाने लगा।

मेरी chubby मम्मी अपने हाथों से अपने बदन पर साबुन लगा रही थी। मम्मी के मोटे मोटे बूब्स को देखकर मेरा लन्ड सनसना गया। मम्मी अपने एक हाथ से अपनी दूसरी कांख में साबुन लगा रही थी।

जिससे मम्मी एक चूंची उनकी बाजू से दब रही थी तो दूसरी उनके हाथ से टकरा टकराकर उछल रही थी। मम्मी के बूब्स 3-3 किलो के होंगे। मम्मी की थान बहुत बड़ी थी। फिर मैंने देखा मम्मी अपने बड़े से पर जिसपर हल्के से स्ट्रैच मार्क्स थे।

साबुन लगा रही थी मम्मी के पेट के नीचे उनकी चूत जिसपर आधे इंच लंबी झांटे उगी हुई थी। उनको साबुन से रगड़ रगड़कर साफ कर रही थी। मम्मी की चूत बहुत मस्त थी।

मम्मी की चूत देखने भर से ही मेरा लन्ड मेरी पैंट में ही झड़ गया। मैंने मम्मी की नहाते हुए पूरी वीडियो बना ली और उनकी चूत पर जूम कर के भी अच्छे से वीडियो बना ली।

मैं चुपके से मम्मी के रूम से निकलकर अपने रूम में आ गया और सीधा अपने बाथरूम में जा कर मैंने मम्मी की नंगी वाली वीडियो चालू कर दी। फिर मैंने अपनी पूरी पैंट निकालकर अपने कड़े लन्ड पर अपने हाथ को फेरने लगा।

मैं मन ही मन सोच रहा था काश कैसे भी मम्मी की चूत मुझे मिल जाती तो मैं मजे से चोदता। मम्मी की वो वीडियो देखकर मैंने वही बाथरूम में दो बार मुट्ठ मार दिया।

माल झड़ने के बाद जब मेरा दिमाग़ थोड़ा शांत हुआ। तो मुझे एमएमएस वाली वीडियो याद आई। मैंने सोच क्यों न मम्मी के सोने के बाद मैं भी वैसा ही करूं। लेकिन डर भी लग रहा था की मम्मी कही पापा को ना बता दे।

पापा वैसे घर पर थे तो नही। इसलिए मैंने अच्छा मौका सोचकर अपना प्लान तैयार किया। रात को खाने के बाद मम्मी अपने कमरे में चली गई और मैं अपने कमरे में चला गया।

करीब रात के 2 बजे मैं अपने कमरे से चोरी छुपे निकला और मम्मी के कमरे में गया तो देखा। मम्मी सो रही थीं। मैंने कांपते हाथों से अपने फोन का कैमरा ऑन किया।

फिर मैं मम्मी के पैरों के पास गया थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने वीडियो रिकॉर्डिंग चालू की और मम्मी की साड़ी को ऊपर उठाने लगा।

मैं रुक रुककर मम्मी की साड़ी को ऊपर उठा रहा था। कुछ ही देर में मम्मी की साड़ी उनके मोटे व सुडौल जांघो पर आ गई।

मम्मी की मस्त जांघें देखकर मेरे अंदर का डर थोड़ा कम हुआ और वासना ज्यादा जागने लगी। मेरा लन्ड मेरी पैंट में तगड़ा हो चुका था। धीरे धीरे मैंने मम्मी की साड़ी थोड़ी और उपर खिसकाई।

अब मम्मी की पेट और चूत के बीच वाले हिस्से पर के झांट दिखने लगे। मम्मी की चूत मम्मी की जांघो के बीच दबे हुए थे। लेकिन उनकी चूत के फांके उपर से जहां से दो हिस्सों में बांटती है वो दिख रही थीं।

मम्मी की चूत की फांकों का कुछ ही हिस्सा देखकर मेरा लन्ड झड़ गया। मैंने डरते हुए अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर मम्मी की चूत के उपर वाले हिस्से पर रखा।

मेरा हाथ बहुत कांप रहा था। मैंने अपने कांपते हाथों से ही मम्मी की झांटे सहला दी। मम्मी की चूत गरम थी। क्योंकि मम्मी की चूत की गर्मी मेरी उंगलियों पर लग रही थी।

मैंने डरते हुए अपनी एक उंगली मम्मी की चूत की फांकों की सीध में उनकी जांघों के बीच घुसा दी। मेरा हाथ बहुत जोर कांप रहा था और प्यास से मेरा गला सुख रहा था।

कुछ ही देर में मेरी उंगली मम्मी की नरम और मुलायम जांघों के बीच घुस गई। अब मेरी उंगली मम्मी की चूत के सट रही थी। ऐसा लग रहा था की उनकी चूत से चमड़े जैसा नर्म मुलायम कुछ बाहर निकला हुआ था।

उनकी जांघों से उनकी चूत दबे होने के कारण मुझे कुछ दिखाई तो नही दे रहा था। लेकिन मैं समझ गया की ये मम्मी की चूत का लाबिया था जो बाहर निकला हुआ था।

मैंने अपनी उंगली को मम्मी की चूत के फांकों के बीच डालकर अपनी उंगली को उनकी चूत के तरफ टेढ़ा किया। जिससे मेरी उंगली मम्मी की चूत के अंदर घुस गई।

ऐसा लगा जैसे मेरी उंगली किसी गीली चिपचिपी चीज में घुस गई हो। मेरी उंगली मम्मी की चूत में घुसते ही मेरे अंदर बिजली दौड़ गई।

मेरा पूरा शरीर थर्राने लगा और मेरा लन्ड झटके ले लेकर पानी झाड़ने लगा। मैंने वैसे ही अपनी उंगली को मम्मी की चूत में और अंदर डालने की कोशिश की लेकिन शायद मम्मी को गुदगुदी हुई।

मम्मी थोड़ी हिली और अपनी टांगें मोड़कर अपनी जांघें फैलाने के बाद वो अपनी चूत खुजाने लगी। मम्मी ने अपनी टांगें फैलाकर खोल ली। मम्मी की गुलाबी चूत का ढक्कन टांगें खुलने के बाद खुल चुका था।

मैंने थोड़ी देर दूर खड़े होकर इंतज़ार किया। जब मम्मी ने कोई हरकत नहीं की तो मैं उनके पास गया और बैठ गया। मैंने अपना सर मम्मी के दोनों जांघों के बीच डाल दिया और अपनी नाक उनकी चूत के नजदीक ले जाकर उनकी चूत सूंघने लगा।

दोस्तों अगर आप सभी में से किसी ने भी चूत की खुशबू सुंघी होगी तो आप लोगों को पता ही होगा। मैं मम्मी की चूत सूंघने के बाद पगला गया। उनकी चूत से भीनी भीनी खुशबू आ रही थी।

मैंने तुरंत अपने मुंह से अपनी जीभ बाहर निकाली और मम्मी की चूत की फांकों में डाल दी। ये करते हुए मेरा सारा बदन कांप रहा था। मेरी सांसे तेज हो चुकी थी।

मैंने जैसे तैसे करके अपनी जीभ टाइट की और अपनी जीभ को मम्मी की चूत में डाल दिया। जैसे ही मेरी जीभ मम्मी की चूत के अंदर गई तो मेरी जीभ पर मम्मी की चूत का चिपचिपा रस लग गया।

मैं धीरे धीरे मम्मी की चूत को चाटने लगा। मम्मी की चूत का नमकीन पानी मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। अब चूत चाटने के साथ साथ चटर चटर… की आवाज आने लगी।

ठीक वैसी ही आवाज थी जैसे जब कोई कुत्ता पानी को चाट चाट कर पिता है तो जैसी आवाज आती है ठीक वैसी ही आवाज आ रही थी।

कुछ देर बाद मम्मी की चूत से और पानी निकलने लगा। मम्मी झड़ गई थी। मैं मम्मी की चूत का सारा पानी चाट गया।

मै जब मम्मी की चूत को चाट रहा था तब मम्मी नींद मे ही कुछ बोलने लगी और अपनी जांघों को और फैलाकर उन्होंने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाना चाहा। लेकिन जैसे ही उनका हाथ मेरे सरपर आता मैंने अपनी जीभ उनकी चूत से निकाल दी और पीछे हटकर दूर खड़ा हो गया।

मम्मी की खुली हुई चूत से मेरे थूक के साथ साथ सफ़ेद गाढ़ा पानी भी आने लगा। मैं दूर खड़ा होकर सब देख रहा था। कुछ भी कहो आज मम्मी की चूत चाटकर मजा आ गया। औरत की चूत का नशा ही अलग होता है।

कुछ देर बाद मम्मी का नींद में बोलना बड़बड़ाना बंद हो गया। मम्मी की दोनों जांघें अभी भी फैली हुई थीं। मैंने अपना लन्ड पैंट से निकाला और धीरे से मम्मी की दोनों जांघो के बीच बैठ गया।

मैंने अपना लन्ड मम्मी की चूत से सटाया तो फिर वही करंट मेरे पूरे शरीर में दौड़ गया। मैंने जल्दी जल्दी अपना लन्ड उनकी चूत में डाल दिया।

गजब की गर्मी थी उनकी चूत में मेरे बर्दास्त से बाहर थी। मैंने 8 से 10 धक्के ही मारे होंगे। मेरा लन्ड मम्मी की चूत में ही भरभरा गया। मम्मी की चूत में मेरे लन्ड का गरम लावा छूट गया था। मेरे लन्ड का लावा धीरे धीरे मम्मी की चूत की गहराई में बहने लगा।

मम्मी नींद में फिर से बड़बड़ाने लगी। मैंने अपने आप को संभाला और तुरंत उठकर अपने कमरे में भाग आया और दरवाजा लॉक कर लिया।

तो दोस्तों कुछ इस तरह मैंने अपनी मम्मी की नमकीन चूत चाटी। उम्मीद करता हूं की आप सभी को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी।

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