मौसी के साथ संभोग

हाय फ्रेंड्स मेरा नाम दीपक हैं और मैं दिल्ली से हूं मेरी उम्र 24 साल है और मैं अभी तक सिंगल हूँ। ये कहानी दो साल पहले की है मैं तब 22 का था और पहली बार दोस्तों के कहने पर रंडी के साथ सेक्स किया बहुत अच्छा लगा और बार बार मन करता की और करू।

पता नहीं क्यों मुझसे सेक्सी मेच्यूर लेडीज को देखकर मुझसे कंट्रोल नहीं होता था। खैर ऐसा मेरी उम्र के लड़कों के लिए नॉर्मल ही है लेकिन जल्द ही मेरी सेक्स की चाह पूरी हो गई। मैं उन दिनों दिल्ली में मैं अकेला था तो अपनी  मम्मी के कहने पर अपनी मौसी के घर चला गया दोपहर का टाइम था और वो घर पे अपनी दो बेटियों के साथ थी उनकी एक बेटी 19 और दूसरी 18 कि थी।

मौसी के साथ संभोग

मेरी मौसी का नाम रंजू है उनकी उम्र 40 और फिगर 36 34 38 बहुत ही सेक्सी मैच्योर औरत है। गोरी और चिकनी एक दम माल मौसी को देखकर लंड खड़ा हो जाता है। उनके पति 45 के आसपास होंगे और मासी ने मुझे बाद में बता दिया था कि वो मौसी को अब ज्यादा नहीं चोदते। खैर मेरे किस्मत के लिए शायद यही चीज काम कर गई। उन दिनों मेरी सेक्स की भुख इतनी ज्यादा हो गई थी की मुठ मारने से भी मुझे संतुष्टि नहीं मिलती थी। मैं मौसी के यहां गया तब उनके बड़े बड़े दूध देखकर मेरे मन में अचानक उन्हें चोदने के ख्याल आने लगे।

मैंने खाना खाया और हम सब ने थोरी देर बातें की बातो बातो में मैं मौसी के चूचियों की तरफ देखे ही जा रहा था और शायद उन्होंने ये बात काफ़ी बार नोटिस की। उन्होंने सलवार कमीज पहनी थी और
गर्मियों के कारण घर में उन्होंने चुन्नी नहीं ली थी, वैसे भी वो मुझे अपने बच्चे की तरह ही समझ रही थी। लेकिन उनको देखकर मेरे दिमाग में सेक्स चल रहा था। कुछ देर बातें करने के बाद उनकी बेटियां ट्यूशन के लिए चली गई।

मैंने पूछा तो बोली दो घंटे की क्लास है। मैं ये सुन खुश हुआ और मौसी के बारे में सोचते हुए अपनी चुदाई की कल्पना को मज़बूत करते हुए उन्हें चोदने का प्लान बनाने लगा। उनके जाते ही मौसी ने  मुझसे आराम करने को कहा मैं  उनके लिविंग रूम में आ गया और वो अपने कमरे में चली गई। थोड़ी देर बाद मुझे बड़े ज़ोर की सुसु आई और मैं उठा और बाथरुम की ओर चला गया।

मैं टॉयलेट गया और लंड निकाल के सुसु करने लगा। पिसाब कर के में ऐसे ही मजे के लिए शीशे में अपने लंड को देख रहा था। अचानक मेरी नजर बाथरुम के टब में पड़े गंदे कपड़ों पर गई। टब में मुझे मौसी की पैंटी दिखी मैं उनकी पैंटी निकाल के सूंघने लगा और उनकी पैंटी की मादक खुशबू से मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं मौसी के नाम की मुठ मारने लगा। मैंने बाथरुम का दरवाजा बंद नहीं किया था और अचानक से दरवाजा खुला और मासी अंदर आ गई वो नहीं जानती थी की मैं अंदर हूं।

मैं अपनी आंखें बंद करके अपना लंड मौसी के नाम से हिला रहा था। अचानक दरवाज़ा खुलने की आवाज से मैं घबरा गया। मैं अपना लंड अंदर कर पता उससे पहले मौसी अंदर आ चुकी थी। कुछ पलों के लिए तो वो मेरे लंड को देखती रह गई। फिर सॉरी सॉरी कहती हुई बाथरूम से निकली। मैंने उसी वक्त सोच लिया की अब मुठ नही इनकी चुत मारूंगा।

मैं अपना लंड बिना पैंट के अंदर डाले तुंरत उनके पीछे भागा और दौड़कर मौसी को पीछे से पकड़ लिया। मैं अपना लंड उनकी गांड़ पर रगड़ते हुए अपनी पकड़ मज़बूत करने लगा। मौसी मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी और बोली छोड़ मुझे तू पगला गया है क्या मैं तेरी मौसी हूं। अंदर कर इसको( लंड को) और छोड़ दे मुझे।

पर मैं कहा मानने वाला था सेक्स का भूत मूझपर सवार हो गया था। वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैंने उनकी कमर को पकड़कर कसकर अपने लंड पर दबा लिया। मैं मौसी को बोला आई लव यू मौसी आप बहुत ज्यादा सेक्सी लगती हो। मौसी मुझसे छूटने की लगातार कोशिश कर रही थी। मैं अपने लंड को उनकी गांड पर रगड़ रहा था और शायद उनको भी मेरे लंड के स्पर्श से मजा आता होगा। लेकिन वो उस वक्त बहुत गुस्से में थीं।

मैंने कहा मौसी मैं एक जवान लड़का हूं और आप से सेक्सी औरत है क्या हर्ज है अगर हम संभोग कर ले। मौसी बोली ऐसा नहीं हो सकता ये पाप होगा। मैं उन्हें काफी देर तक मनाता रहा। फिर मैंने अपने दोनों हाथ आगे किए और उनकी चूचियां दबाने लगा। उनकी चूंचियां दबाने के बाद से उनका विरोध लगभग खत्म हो चुका था।

उनकी चूंचियां को दबाते हुए मैंने उनसे कहा मौसी ये हमारे बीच राज रहेगा इस बात की भनक कभी भी किसी को नही लगेगी। मौसी ने हा तो नही कहा पर वो मुझसे छुट कर बाहर की तरफ चली गई। मैं उनके कमरे में पलंग पर बैठकर मुठ मारने लगा। 2 मिनट के बाद मौसी अपने कमरे में आई और मेरी तरफ तिरछी नजरों से देखते हुऐ अलमारी से कुछ निकालने लगी।

मैंने अपनी पूरी पैंट निकाल दी और चलकर उनके पास गया और उनका मुंह अपनी तरफ करके झट से मैंने उनके होठों को अपने होठों में भर लिया और किश करने लगा। एक दो बार मैंने उनके होठों को अपने मुंह के अंदर बाहर खींचा और उनके होठों को गीला कर दिया। अब मौसी बिना विरोध के मेरा साथ देने लगी।

मैं उनको किश करते हुए वासना के भड़के आग में जलने लगा और पागल होने लगा। 10 मिनट उनके होठों को चूसने के बाद वो भी गरम होने लगी थी। मैंने उनकी कमीज़ उतार दी और उनकी बड़ी बड़ी चुचियों को दबाने लगा। फिर मैंने उनकी ब्रा का हुक खोला और ब्रा भी उतार दी। ब्रा के उतरते ही मैं उनकी निप्पलों पर टूट पड़ा। कुछ देर खड़े खड़े उनकी निप्पलों को चूसने के बाद।

मैंने उन्हें पलंग पर धकेल दिया और उनके उपर चढकर उनकी चुचियों को निचोड़ निचोड़ के अपनी सेक्स की आग शांत करने लगा। वो उफ्फ… उफ्फ… की आवाजें करती हुई बोली दीपक जरा आराम से मसलो मैं 15 मिनट तक उनकी चुचियों को चूसता रहा। अब मैं अपना चेहरा उनकी नाभि पर ले गया और अपनी जीभ उनकी गहरी नाभि में घुसाकर चाटने लगा। वो बहुत गरम हो चुकी थी।

क्योंकि अब मौसी का हाथ मेरे लंड पर था वो बार बार अपने हाथ से मेरे लंड को टटोल रही थी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा ढीला किया जिसके बाद वो खुद ही अपनी सलवार नीचे करने लगी। मैंने पैंटी के उपर से ही उनकी चुत को रगड़ा अब वो बिल्कुल तैयार थी। उनकी चुत किसी गरम भट्ठी की तरह धधक रही थी और उनकी पैंटी पर गोलाई में गीला होने का निशान आ गया था।

मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी अब मेरी माँ की बहन यानी मेरी मौसी मेरे सामने नंगी पड़ी थी। उनकी नंगे बदन को देखकर मैं पागल हो गया और मैं उनकी चुत पर टूट पड़ा। मैं सेक्स में नौसिखिया था मैं दूसरी बार किसी औरत को इतने सामने से नंगा देख रहा था। मैं मौसी की चुत को चाटने लगा। मौसी की चुत की मादक खुशबू सूंघते हुए मैं उनकी चुत के दोनों पट्टो के बीच अपनी जीभ डालकर उनकी चुत को चोदने लगा।

जब जब मेरी जीभ उनकी चुत में जाती तो मौसी सिसकारियां भरती अब पूरे कमरे में उनकी ही आवाजें आने लगी। मैं पहली बार किसी औरत की चुत को चाट रहा था। मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा था की मौसी को खुस कर दूं। अब मौसी की आवाज में कंपन पैदा हो गई वो तड़पती हुई बोली दीपक देर मत कर चोद मुझे।

लेकिन मैं मौसी की चुत के पूरे मजे लेना चाहता था। मैं उनकी चुत को चाटता रहा अचानक मौसी का बदन ऐंठने लगा और उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे बालों को कसके पकड़ लिया और अपनी कमर को उठाकर मेरा मुंह अपनी चुत पर दबाने लगी। उनके दबाने की वजह से मेरी आधी जीभ मौसी की चुत में चली गई और मेरी नाक भी मौसी की चुत से चिपक गई।

फिर मुझे मेरी जीभ पर कुछ गीला महसूस हुआ। जब मैंने मौसी की चुत से अपनी जीभ निकाली तो देखा मेरी जीभ पर सफ़ेद वीर्य की परत थी। मैंने जीभ अंदर की और सारा रस खा गया। मौसी की चुत से और वीर्य रिस रहा था। मैंने फिर से मौसी की चुत पर अपनी जीभ लगाई और जैसे कोई कुत्ता आवाज के साथ पानी पीता है उसकी तरह मैंने मौसी की चुत का सारा रस पी लिया।

जब मौसी शांत हुई तो बोली दीपक तू तो बहुत अच्छे से चुत चाटता है। मैं मौसी की बात सुनकर खुश हुआ। मौसी को पता ही नही चला की मैं पहली बार किसी औरत की चुत को चाट रहा हूं। ये तो पोर्न मूवी की देन थी मैं देख देखकर ट्रेंड हो चुका था। मौसी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मुझे किश करने लगी मैं भी उनको किश करने लगा।

उसके बाद मौसी ने कहा तूने मेरी चुत चाटी उसके बदले में तुझे भी कुछ मिलना चाहिए। मैंने कहा क्या मौसी तो वो बोली चल खड़ा हो जा और वो घुटनों के बल बैठ गई। मौसी मेरा लंड पकड़ते हुए बोली चल इसे अब मैं मजा देती हूं। वो मेरा लंड अपने मुंह में डालकर चूसने लगी। जैसे ही मौसी के होठों ने मेरे लंड को छुआ मैं तो मानों जन्नत में पहुंच गया।

मौसी मेरा लंड अपने मुंह में अंदर तक ले रही थी। वैसे तो हाथों से अपने लंड को झाड़ने में मुझे 15 मिनट लगते थे। लेकिन अभी मौसी को मेरा लंड चूसते हुऐ कोई 5 मिनट ही हुए थे। मुझे लगा अब मैं झडने वाला हूं। मैंने मदहोशी भरे आवाज में मौसी से कहा मौसी अब मैं झडने वाला हूं। लेकिन मौसी ने मेरी बात को इग्नोर किया और मेरा लंड अपने मुंह में लेती रही।

अचानक मेरे लंड से मौसी के मुंह में ही वीर्य की 4 – 5 पिचकारी निकली और मौसी का पूरा मुंह मेरे वीर्य से भर गया मौसी ने अपने दोनों गाल फूला लिए और धीरे धीरे मेरा सारा वीर्य गटक गई। अब मेरा लंड शांत हो गया था। लेकिन मैं मौसी की चुत में अपना लंड भिगोए बिना नहीं मानने वाला था। मैंने ज्यादा समय न गवाते हुए।

तुंरत मौसी की दोनों जांघों को चूमना शुरू किया और अचानक से अपनी जीभ मौसी की चुत में डालकर फिर से उनकी चुत पर टूट पड़ा। मौसी अब दोबारा गरम हो चुकी थी। जैसे ही मैंने अपनी जीभ मौसी की चुत से हटाई वो बिना मेरे कहे ही उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और मेरे लंड को चूसकर तैयार करने लगी।

मौसी के चुसाई ने मेरे लंड को 2 मिनट में ही तैयार कर दिया। लंड खड़ा होते ही मैंने तुंरत अपने लंड को मौसी की चुत पर रखा और रगड़ने लगा। मौसी ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चुत में डालने लगी। पर मैंने उनके हाथ झटक के लंड पर से हटा दिया और अचानक एक ज़ोर का धक्का लगा दिया।

मौसी उस धक्के पर चिल्ला पड़ी लेकिन लंड का अगला हिस्सा उनकी चुत में घुस गया। वो कराहती हुई बोली बेटा आराम से डाल दर्द हो रहा है। तुम्हारा लंड तुम्हारे मौसा जी से मोटा है। मुझे उनका दर्द से लाल चेहरा देखकर लगा मौसी कही मुझसे चुदाना न बंद कर दे। मैंने उनका ध्यान भटकाया और मैंने मौसी के होठों को अपने होठों में दबा कर चूसने लगा।

मुझे उनके होठों को किश करते 2 मिनट हो चुके थे। उनका ध्यान भटक चुका था। तभी मैंने अपना लंड उनकी चुत में से निकाला और तुंरत रफ्तार के साथ दूसरा धक्का मारा मौसी फिर से चिल्ला उठी उस धक्के के बाद मैंने दो बार अपनी कमर की ताकत से अपने लंड को मौसी की चुत में दबाया अब मेरा पूरा लंड मौसी की चुत में घूस चुका था।

अब मैंने मौसी की चुत की चुदाई शुरू कर दी। मैं पूरी ताक़त से अपने लंड को उनकी चुत में धकेल रहा था और जब मेरा लंड उनकी चुत में थोड़ा सा भी टेढ़ा होता तो वो चिल्ला उठती। मुझे उनका चिल्लाना अच्छा लग रहा था। मुझे उनके चिल्लाने से अपनी मर्दानगी पर घमंड हो रहा था। कुछ देर बाद वो मीठी सीत्कार ले लेकर चुदाई का मजा ले रही थी।

करीब 10 मिनट तक मौसी की चुत की जबरदस्त चुदाई करने के बाद मौसी ने अपना पानी छोड़ दिया। मैंने मौसी की चुत से अपना लंड निकाल लिया और उनके चुत के पानी को बाहर आने का रास्ता दिया। मैं वही लेट गया जब मौसी की चुत का पानी निकलना बंद हुआ। तब मौसी अचानक मेरे लंड पर बैठ गई।

उन्होंने अपनी चुत में मेरा लंड सेट किया और धीरे धीरे मेरे लंड पर उछलने लगी। थोड़ी ही देर में उन्होंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और अपनी गांड को मेरी जांघों पर जोर जोर से पटकने लगी और मेरा लंड अपनी चुत में लेने लगी।

अब मेरा निकलने वाला था तो मैंने मौसी को रुकने को कहा और अपना लंड उनकी चुत से निकाल लिया और बाहर झड़ गया। अब मैं मौसी की गांड को मसलने सहलाने लगा। फिर मैंने मौसी को कहा की आप अब उल्टी होकर लेट जाओ तो मौसी ने कहा की तू अगर मेरी गांड मारने की फिराक में है तो भूल जा मैंने कभी अपनी गांड नही मरवाई न अब मरवाऊंगी।

तो मैंने मौसी को कहा आप पहले उल्टी होकर लेट तो जाओ वो लेट गई। मैं उनकी जांघों पर बैठ गया और उनकी गांड के दोनों हिस्सों को फैलाकर अपना मुंह उनकी गांड में घुसा दिया। मैं मौसी की गांड की टाईट होल को चाटने लगा। मौसी भी मस्त होने लगी पर वो अभी भी बोल रही थी की गांड मत मारना।

अब मैंने अपने लंड को सीधा किया और मौसी की गांड के पीछे से उनकी चुत में अपना लंड डाल दिया। लेकिन मैंने मौसी से कहा मौसी कम से कम अपनी गांड में एक उंगली तो डालने दो। वो मना कर रही थी मगर मैंने झट से एक उंगली मौसी की गांड में डाल दी वो चिहुंक गई। लेकिन मैं उनकी जांघों पर बैठा था इसलिए वो ज्यादा हिल नहीं पाई मैंने उनकी चुत में अपना लंड चलाना शुरू किया।

साथ ही मैं अपनी उंगली को उनके गांड की छेद के अंदर बाहर करने लगा। मौसी चुत में लंड खाकर इतनी मस्त हो गई की अब वो अपनी गांड में घुसती मेरी उंगली को इग्नोर करने लगी और चुदाई का भरपूर मजा लेने लगी। अब मैं झडने वाला था तो मैंने मौसी से कहा की मौसी अब मैं झडने वाला हूं। तो उन्होंने कहा की चल अंदर ही छोड़ दे।

मैं अब प्रेगनेंट नही हो सकती मैंने नसबंधी करवा ली है। कोई डर नहीं है तू आराम से बेखौफ होकर मेरी चुत को अपने लंड का रस पिला उस वक्त मैंने अपना लंड मौसी की चुत में ही रहने दिया और अपना सारा माल मौसी की चुत में ही निकाल दिया। तभी मौसी ने कहा चल अब जल्दी हट अब मेरी बेटियों के आने का वक्त हो चुका है।

जल्दी से अपने अपने कपड़े ठीक कर लेते है। नही तो उन्हें शक हो जायेगा और पता चल जायेगा की उनके मौसेरे भाई ने उनकी मां चोदी है। एक बात और तू ये गलत फहमी मत पालना की मैं तुझसे दुबारा चुदूंगी ये पहली और आखिरी बार ही था। मैंने मौसी को कहा तुम अब अपनी चुत अपने पति से चुदवाओगी तो तुम्हें कोई असर नहीं पड़ेगा। तुम्हारी चुत अब और ज्यादा फैल गई है।

सच बताओ मौसी तुम्हें मेरे लंड से चुद के मजा आया की नही कभी तुम्हारे पति ने तुम्हें इतना खुस किया है क्या?? मौसी बोली तू सही बोल रहा है। लेकिन तू बार बार मेरे घर आएगा तो लोगो को वैसे ही शक होगा। इसलिए कह रही हूं। मैंने कहा मौसी आप ही मेरे घर आ जाना मैं तो अकेला रहता हूं। मौसी बोली ठीक है वादा कर की तू ये सब कभी अपने करीबियों को भी नही बताएगा।

मैंने कहा नही बताऊंगा मौसी फिर वो बोली ठीक है। लेकिन जब मेरा मन करेगा तो मैं तुझे फ़ोन करूंगी। तू मुझे फ़ोन मत करना। उसके बाद मौसी चोरी छिपे एक बार मेरे घर आई और ज्यादा समय न होने के कारण वो खड़े खड़े ही मुझसे चुदी और मुझे चुदाई की आग में जलाकर अपनी गांड मटकाती हुई चली गई।

उस दिन मौसी ने मेरा मूड खराब कर दिया। उसके बाद मैंने उनका फ़ोन उठाना बंद कर दिया वो अब भी मुझे दिन में कम से कम एक बार फ़ोन करती है। लेकिन मैं भी उन्हें तड़पाने के लिए उनका फोन नही उठता। लेकिन एक दिन जब मेरी मां मेरे पास आई तो मौसी अपनी एक बेटी के साथ मेरे घर मेरी मां से मिलने पहुंच गई। उसके बाद की कहानी कभी और बताऊंगा।

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