देहाती अम्मी की जमके चुदाई की

देहाती अम्मी की जमके चुदाई की
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम आरिफ है और मेरी उम्र 22 साल है और मैं आज अपनी पहली कहानी आप सभी के सामने रख रहा हूँ.. वैसे मैंने इस साईट पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी लगी और आज मैं अपनी कहानी लेकर आया हूं। उम्मीद करता हूँ कि यह मेरी कहानी भी आप सभी को बहुत पसंद आएगी. मैं एक छोटे से गांव का रहने वाला हूँ और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है.  अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ.

देहाती अम्मी की जमके चुदाई की

दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब मैं गर्मियों के दिनों में मैं अपने गावं गया हुआ था। मेरे अब्बू ने दो शादियां की थी और वो अपनी दूसरी बीवी के साथ अपनी दूसरी बीवी के गावं में ही बस चुके थे। और मेरी अम्मी हमारे पुस्तैनी गावं में रहती थी. मेरी अम्मी दिखने में एक बहुत सुंदर औरत है।

बड़े बूब्स, गदराया हुआ बदन, पतली कमर और नियत गंदी कर देने वाली उनकी बडी सी गांड. जब मैं काम के सिलसिले में बाहर था तब मेरे घर में मेरी अम्मी और बस मेरी दादी ही रहती है. फिर हुआ यूँ कि मैं एक दो दिन से गांव में था। तो मुझे अम्मी के चाल चलन कुछ ठीक नहीं लग रहे थे। वो मेरे पड़ोस के एक लड़के से ज्यादा मिलती जुलती थी। जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आता था।

मैं उस लड़के को बचपन से ही जानता था। वो बड़ा ही हरामी किस्म का लड़का था। उन दोनों का इतना मेल जोल मुझे खटक रहा था। मैं सब समझ रहा था। मैं जानता था की वो किस गंदी नियत से मेरी अम्मी से मिलता है और मुझे मेरी अम्मी पर भी शक हो रहा था। तभी मेरे दिमाग में सब घुसने लगा की मेरी अम्मी अपनी बदन की भूख मिटाने के लिए उस लड़के से ज्यादा मेल जोल बढ़ा रही थी।

तब मेरे दिमाग़ में मेरी अम्मी के लिए गंदी गंदी बातें आने लगी। मैं अपने अब्बू को मन ही मन कोसने लगा। अब्बू के दूसरी शादी के बाद से अम्मी को लंड नही मिल रहा था। इसलिए वो अब अपनी चुत की प्यास शांत करने के लिए बाहर के मर्दों को ख़ोज रही है। मैं जितनी खुशी के साथ सालों बाद गांव आया था। वो सब देखकर मुझे उतना ही दुख और गुस्सा आ रहा था। लेकिन मैं चुप चाप सब देख रहा था।

मुझे जलन भी हो रही थी की एक तो मैं इतने दिनों बाद अम्मी के पास आया हूं। लेकिन मेरी अम्मी मुझमें दिलचस्पी लेने की बजाए उस लड़के के चक्कर में थी। अम्मी घंटों छत पर चढ़कर उस लड़के से बातें किया करती थी। लेकिन एक दिन भोर के 4 बजे के वक्त  हुआ ऐसा की मैं उठा और पेशाब के लिए बाथरूम जाने लगा तो देखा की  बाथरूम की लाईट चालू थी और में बिना कुछ सोचे ही अंदर घुस गया।

तभी मैंने देखा तो सामने बैठी अम्मी पेशाब कर रही है और उनकी बड़ी गांड मुझे साफ साफ दिख रही थी और मैं वही खंभा बन बेसुध होकर उनकी गांड देखता ही रह गया।

मैंने थोड़ी देर वो खूबसूरत नज़ारा देखा और जब वो बाहर निकलने लगी। तो उनके उठने से पहले मैं बाहर आ गया। जब वो दरवाज़े के पास पहुंच गई तो मैंने उसी वक्त दरवाजा खोल दिया. अम्मी और मैं आमने सामने हो गए हमारी नज़रें मिली और वो मुझे देख रही थी और में उन्हे।

फिर मैंने खुद को उनकी गांड के हसीन नजरों में खोए दिमाग को  संभाला और उनसे कहा कि मुझे पेशाब करना है। तो वो बिना कुछ बोले चली गयी। लेकिन उस वक्त से मैंने मन बना  लिया कि मुझे अम्मी की चुदाई ज़रूर करनी है इससे पहले कोई बाहर का मर्द मेरी अम्मी की चुत की रस में अपना लंड डुबोए उससे पहले मैं अम्मी को चोदूंगा।

फिर उस भोर की सुबह अम्मी सूट सलवार पहने बिना दुपट्टे के  मुझे चाय देने आई और झुककर टेबल पर चाय का कप रखते वक़्त उनके सूट के गले से मुझे उनकी लटकते हुए दोनों चूचियों के थोड़े दर्शन हो गये और मेरा लंड खड़ा हो गया। तभी अम्मी ने कहा कि चाय पीकर जल्दी से नहा कर नाश्ता कर लो नही तो ठंडा हो जायेगा।

तो मैंने कहा कि ठीक है..अम्मी तभी मेरे दिमाग में आया की अम्मी वैसे भी अभी लंड की भूखी हैं। मैं अगर इनको अपना लंड दिखा पाऊं तो आगे का सब काम आसान हो जायेगा। मैंने सोचा की अगर अम्मी मेरे नहाने के वक्त बाथरूम में आ गई तभी मैं इनको अपना लंड दिखा पाऊंगा। तभी मेरे दिमाग में एक बात सूझी…

मैंने कहा कि ठीक है अम्मी मैं नहा लूंगा लेकिन आप मेरी पीठ ही मल देना बहुत मैल है मेरा हाथ पीठ पर नही पहुंचता। आप बचपन में भी तो मेरी पीठ रगड़ रगड़ के मुझे नहलाया करती थीं। तो अम्मी हाँ कर दिया और में बहुत खुश हो गया और जब में नहाने बैठा तो आगे के मेरे प्लान के बारे में सोचकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया था।

मैं चाय पीकर बाथरूम में नहाने बैठ गया। मैं सारे कपड़े उतार कर सिर्फ अंडरवियर में बैठा हुआ था और अम्मी मेरी पीठ पर साबुन मल रही थीं। कभी कभी वो मेरी पीठ पर साबुन लगाते हुए। मेरे पेट तक अपने हाथों को पहुंचा रही थी। एक बार उनका हाथ जब मेरे पेट पर आया तो उनका हाथ मेरे खड़े लंड से छू गया।

तो अम्मी ने मुझसे कहा कि क्या बात है शहर से बड़े गरम होकर आए हो तुम? तो मैंने पूछा कि कैसे? तो वो बोली कि मुझे सब समझ में आता है। मैंने फिर पूछा कि कैसे? तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और वो मेरे बदन पर साबुन लगा रही थी और उनके छुने से मेरे बदन में एक अलग ही गरमी आ रही थी। जिससे मेरा लंड काबू में नहीं था। मेरी पीठ मलने के बाद उन्होंने मुझसे खड़ा होने को कहा..

उस वक्त मेरा लंड तो तनकर सलामी दे रहा था। मैं मुड़कर खड़ा हो गया इससे पहले की उनका ध्यान मेरी चड्डी पर पड़ता उससे पहले ही मैंने अम्मी को सॉरी कहा तो वो बोली कि जवानी में यह सब होता है और वो मेरे पैरों को धोने लगी. तभी वो मेरी कमर को पकड़ मेरे मेरे पैरों में साबुन लगाने लगी।अचानक उनका हाथ मेरी कमर से स्लिप होकर मेरे लंड पर पड़ा और उनको सही में मेरे गठीले मोटे लंड का आकार समझ आ गया वो बोल उठी.. हाय अल्लाह इतना बड़ा…

इतना बड़ा… तो तेरे अब्बू का भी नहीं है। तो मैंने मौके पर चौका मारते हुए कहा कि आपने तो अभी तक मेरा देखा भी नहीं है आप कैसे कह सकती हो की मेरा अब्बू से बड़ा है। अम्मी क्या आप मेरा देखोगी?

पहले तो वो शर्माती हुई मना करने लगी। लेकिन मैं जानता था की अम्मी के मन में लालच आ रहा है।  फिर अचानक से अम्मी ने मेरा अंडरवियर नीचे मेरी जांघों तक खींच दिया और मेरे लंड को देखने लगी। तो मैंने अम्मी से कहा की अम्मी सच में मेरा अब्बू से बड़ा है क्या? तो उन्होंने धीमे आवाज में कहा हां…

फिर मैंने कहा अम्मी प्लीज मुझे भी आपको बिना कपड़ो के देखना है। मुझे आपकी गांड को मसलना है.. चुचियों को दबाना है और तो वो बोली और क्या करना है? तो मैंने कहा कि आपकी जांघो के बीच जो झांटों से ढकी जो जन्नत है उसे चाटना है। वो बोली कि नहीं. फिर मैंने कहा कि हाँ प्लीज अम्मी.. अब्बू तो आपके साथ रहते नहीं है आपको भी सेक्स करने का मन करता होगा?

मैं ये भी जानता हूं। की आप उस बगल वाले लड़के के चक्कर में पड़ी हुई हो। वो अच्छा लड़का नहीं है। पहले वो आपको भरपूर सेक्स का मजा देगा। लेकिन बाद में वो बात को लोगों में फैला देगा तो घर की इज्जत चली जायेगी और मौहल्ले के मर्द आपको रंडी बना देंगे। न चाहते हुए भी आपको सभी के साथ सोना होगा।

अम्मी किसी बाहर के मर्द पर भरोसा करने से अच्छा है अपने बेटे के साथ ही सेक्स कर लो। इससे घर की इज्जत घर में ही रहेगी और आपकी सेक्स की इच्छा भी रोज पूरी होगी। आप चिंता मत कीजिए ये बात हम दोनों के अलावा कोई नहीं जान पाएगा। आज से में ही आपकी हर खिदमत  करूंगा।

तो उन्हें शायद मेरी बातें समझ आ गई या तो वो बदनामी से बचने के लिए। उन्होंने कहा कि ठीक है.. लेकिन अभी नहीं रात में। मैं खुशी से पागल हो रहा था। मेरा प्लान पूरा कामयाब हो गया था। फिर में बड़ी बेसब्री से रात होने का इंतज़ार कर रहा था और  दोपहर को खाना खाने के बाद दादी सो गयी और मुझे मौका मिल गया मैंने सही मौका देखकर अम्मी की गांड को पीछे से पकड़कर  दबाने लगा और फिर अपने लंड को उनकी गांड के नज़दीक लाकर मस्त तरीके से उनकी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा।

फिर मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी चुचियों को सूट के उपर से ही दबाया। फिर अम्मी के सूट को नीचे से उनके गले तक उठाकर उनकी दोनों चूचियों को दबाने लगा। फिर मैं अम्मी की दोनों चूचियों को बारी बारी से निचोड़ निचोड़कर पीने लगा। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर अम्मी ने देखा की मैं वही उनको नंगा करने के फिराक में हूं। तो उन्होंने बड़े प्यार से मुझे खुद से अलग कर लिया और बोली सब कुछ करना लेकिन सिर्फ रात को.. इसके आगे हमने कुछ नहीं किया।

मुझे पूरा मज़ा तो रात में आने वाला था मैं फिर रात होने का बेसब्री से इंतज़ार करने लगा और फिर धीरे धीरे शाम का अंधेरा हो गया था मैं थोड़ी देर गांव घूम आया  यानी यही कोई रात के 7 बज रहे थे। मैं जब घर वापस आया तो मैंने देखा कि उस समय लाईट कटी हुई थी और अम्मी ने मोमबत्ती जला रखा था और वो बावर्चीखाने में रोटियां बना रही थी।

मैंने दादी की ओर देखा तो वो बावर्चीखाने से दूर दादी अपनी खटिया पर लेटी हुई थी। मुझे फिर से अम्मी के साथ थोड़ा अकेले वक्त बिताने का मौका मिल गया। तो में चुपके से अम्मी के पीछे गया और उनकी कमर पर हाथ रख दिया.. वो एकदम से डर गयी और पीछे मुड़कर देखा। फिर मुझे देखते ही वो मुस्कुराने लगी.. वो बोली कि और शरारत रात में.. अभी नहीं।

तो मैंने कहा अम्मी प्लीज दरवाज़ा बंद कर देता हूं और दादी अपनी खटिया पर सोई है प्लीज़ मुझे आपकी गांड दबानी है उसकी गांड पर हाथ फेरते हुए मैंने कहा आपकी गांड एकदम मस्त है। अम्मी बोलीं कहा कि नहीं.. लेकिन में नहीं माना और मैंने अपनी पैंट आगे से नीचे की और अपना लंड बाहर निकाला और अम्मी गांड पर रखकर दबाने लगा। अम्मी भी मज़े लेने लगी वो अब मना नहीं कर रही थी।

मैं उनकी गांड पर लंड दबाता हुआ आगे पीछे होने लगा। फिर मैंने अम्मी से कहा कि अम्मी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और अपना लंड अम्मी की गांड पर जोर से दबाते हुए मैंने अम्मी को आगे से अपनी बांहों में घेर लिया और बोला अम्मी मुझे अभी आपकी चूत चाटनी है। तो अम्मी ने कहा कि नहीं.. अभी नही…लेकिन में नहीं माना और अम्मी की सूट के नीचे हाथ डालकर।

मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया। अब अम्मी की सलवार सरकती हुई उनकी टांगों से खुलकर उनकी एड़ियों में फंस गई। मैं उनकी दोनों टांगों के बीच बैठ गया। फिर उनकी दोनों जांघों पर अपने हाथ रखकर में अम्मी की चूत को पेंटी के ऊपर से ही चाटने लगा। मेरे लार से उनकी पेंटी गीली हो गई थी। जब मैं उनकी चुत पर अपनी जीभ फेर रहा था। तो वो मदहोश होने लगी और अपनी जांघो  से मेरे सर को दबाने लगी।

अब अम्मी वो उम्ह्.. उम्ह्ह मोअन कर रही थी.. मैंने फिर अम्मी की पेंटी को उनकी चुत के हिस्से पर से थोड़ा साईड में किया और उनकी दोनों जांघों को थोड़ा फैलाया अब मेरा मुहं उनकी चुत तक पहुंच गया। मैं अपनी जीभ को उनकी झांटों से ढकी हुई चुत पर फेरने लगा। मैंने अपनी जीभ से ही उनकी झांटो को उनकी चुत के अगल बगल कर दिया और अम्मी की प्यारी सी चूत को चाटना शुरू किया वो और ज्यादा उम्ह्ह्…उम्ह्ह्ह… मोअन करने लगी और मैं उनकी चुत चाटे जा रहा था और अपनी जीभ को अम्मी की चुत में भी ठेल रहा था।

मेरी जीभ उनकी चुत में जाते ही अम्मी खुद को संभाल नहीं पा रही थी तो अम्मी ने कहा आरिफ बेटा खुदा के लिए अभी बाहर.. निकाल दो अपनी जीभ! बाहर …निकालो मुझे कुछ हो रहा है मैं अपनी जीभ उनकी चुत में डालें उनकी चुत को खोदता रहा। अम्मी उउफफफफ्फ़ अह्ह्ह हे अल्लाह.. में मर गयी.. नहीं आरिफ खुदा के लिए छोड़ दो..अभी नहीं ऊई आह.. उम्ह्ह्ह्… में मर गई उउफफफ्फ़ नहीं मेरे राजा हाय अलाहह….।

फिर मैं उठकर अम्मी के आगे खड़ा हो गया और अपना लंड जैसे ही अम्मी की चुत पर लगाया अम्मी नर्वस होकर कभी मेरी तरफ तो कभी दादी की तरफ तो कभी मेरे लंड की तरफ देखने लगी। फिर मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी चुत पर रखकर नीचे से अपनी एड़ियों का जोर लगाकर उपर धक्का दिया। मेरे मोटे लंड का टोप्पा अम्मी की चुत में दाखिल हो गया। अम्मी अ..अह्ह्ह्. की आवाज में सिसकाने लगी बोली नहीं आरिफ खुदा के लिए छोड़ दो..अभी नहीं बेटा.

मैं जानता था की अम्मी अभी भी लंड लेने के लिए तैयार है बस वो कही दादी न देख ले इसलिए उपर के मन से ही अभी नही… अभी नही… कर रही है। मैंने जान बूझकर उस वक्त थोड़ा सा लंड अम्मी की चुत में डाल दिया और उनके सामने अपने लंड की नुमाइश की ताकि अम्मी के अंदर  लंड लेने की और लालच जाग जाए।

फिर मैंने सोचा कि रात को तो अम्मी को अच्छे तरीके से चोदना ही है.. इसलिए मैंने लंड को अम्मी की चुत से निकाल लिया।  फिर अम्मी को अकेला छोड़कर मैं बावर्चीखाने से बाहर आ गया। कुछ देर बाद अम्मी ने  खाना बना लिया। उसके  बाद अम्मी , मैं और दादी ने एक साथ बैठकर खाना खाया।

फिर अम्मी ने दादी की खटिया को अपने कमरे से थोड़ा सा दूर रखकर दादी का बिस्तर लगा दिया और उन्होंने मेरी खटिया को अपने कमरे के दरवाज़े के पास रखकर वही मेरा बिस्तर लगा दिया। मैं अपनी खटिया पर चुपचाप लेट गया अम्मी अपने कमरे के दरवाज़े को बिना बंद किए मुझे आने का इशारा करते हुए अपने कमरे में चली गई। अब हम दोनों को बस दादी के सोने का इंतजार था।

एक घंटे बाद मैंने दादी की तरफ देखा तो दादी सो चुकी थीं। मैं अम्मी के कमरे में घुस गया उसके बाद  के बाद ही हमारी मस्ती शुरू हो गयी..

फिर मैंने अम्मी से पूछा कि कहीं दादी जाग तो नहीं जाएगी? तो अम्मी ने कहा कि तुम चिंत मत करो मेरे राजा.. तुम्हारी दादी नींद की दवाई खाती है। और कमरे से कोई आवाज बाहर गई भी तो उन्हे सुनाई नही देगी। क्योंकि वो सुनने की मशीन रात को निकालकर सोती है। अब मेरी सारी चिंता दूर हो गई। उसके बाद अम्मी और मैं थोड़ी देर एक दूसरे से गुत्थम गुत्थी होकर लेटे रहे।

मैं बोला अम्मी मैं कितने दिन से चुत काप्यासा हूँ प्लीज आज मेरी प्यास मिटा दो। अम्मी हाँ मेरे राजा.. में भी तो कई सालों से प्यासी हूँ जब से तेरे अब्बू ने दूसरी शादी की तब से कुछ नहीं गया मेरी इस चूत में। मुझे तो लगता है मेरी चुत बिना लंड के दिन बे दिन सिकुड़ती जा रही है। मैं बोला अम्मी मुझे आपकी चूत का पानी पीना है और अपनी की प्यास बुझानी है..और आपकी बड़ी बड़ी रसीली चूचियां  इन्हें चूसने में आज बहुत मज़ा आया।

अम्मी के बातों से साफ समझ आ रहा था की वो कितने दिनों से लंड की भूखी है। उन्होंने मेरे लंड को छेड़ना शुरू कर दिया था। अम्मी बोली मेरे राजा देर ना करो.. डालो अपनी अम्मी जान की रसीली  चूत में अपना मोटा लंड और बना दो अपनी अम्मी की चूत का भोसड़ा.. कर लो आज मज़ा अपनी अम्मी की चूत के साथ.. ज़ोर जोर से चोदो मुझे आज से तुम्हारी अम्मी की चूत तुम्हारे लंड की गुलाम है और तुम्हारा लंड जब चाहें मेरी चुत में जा सकता है।

मैंने कहा जी अम्मी आज से मैं इस चुत का बहुत ख्याल रखूंगा। आज से आपकी चूत मेरे लंड की अमानत है और  मेरा लंड भी आपकी चुत की अमानत  है.. चूसो मेरे लंड को… अम्मी हाँ मेरे राजा जरूर मुझे भी इसका लेने दो.

अब अम्मी मुझसे खुलकर बात करने लगी उनके मुंह से ऐसी बात सुनकर मेरा लंड और खड़ा हो गया.. तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनके हाथ में दे दिया. तो वो कहने लगी कि आह मेरे राजा का लंड बहुत मस्त है मुझे चूसने दो इसे.. सच में तेरा लंड तेरे  अब्बू से बड़ा और मोटा और बहुत बड़ा है और आज तो यह मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा. फिर मैंने अम्मी का सूट उतार दिया और साथ ही उनकी सलवार भी उतार दी।

अम्मी पेंटी और ब्रा में वो एकदम मस्त माल लग रही थी और फिर मैं भी पूरा नंगा हो गया। पहली बार मैं अपनी अम्मी के सामने बिना कपड़ो के था पूरा नंगा वो मुझे नंगा देख जितनी खुश थी उतनी ही चौंकी हुई थी उनकी नजर अब  मेरे लंड को घूर रही थी। अब अम्मी सही से मेरे लंड के साइज़ को देख पा रही थी। ऐसा लग रहा था की अम्मी अपनी  आंखों से ही मेरे लंड को नाप तोल रही हैं।

फिर अम्मी ने कहा ओह मेरे राजा और ना तड़पा.. दे मारो अपना तोप मेरी चुत की गहराई में। फिर मैंने भी अम्मी को ज्यादा इंतज़ार नहीं करवाया और उसके मुहं में अपना लंड दे दिया और वो उसे चूसने लगी.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।

जैसे ही अम्मी ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया वैसे ही मेरे मुंह से मादक आवाज में निकला हाँ अम्मी मेरी जान और चूसो मेरे लंड को.. यह अब तुम्हारा है.. चूसो मेरी जान प्लीज और ज़ोर से चूसो.

अम्मी ने मेरे लंड को खूब चूसा और अपनी थूक से मेरे लंड को अच्छे से गीला कर दिया और बोली मेरे राजा अब और ना तड़पाओ.. डाल दो अपनी तोप को मेरी चूत में।

फिर मैंने अपना लंड निकाला और अम्मी की दोनों जांघो के बीच में अपना सर घुसाकर अपनी जीभ उनकी छोटी सी चुत पर  घुमाने लगा। वो और मदमस्त हो गई.. मैंने उसकी चूत की गुलाबी पंखुड़िया खोली और जीभ अंदर डालकर अपनी जीभ को उनकी चुत के अंदर बाहर करने लगा।

अब अम्मी  सातवें आसमान पर पहुंच गयी और मैं उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था और वो नशीली आवाज में मोअन कर रही थी.. उउफफफ्फ़ मर गयी डालो ना प्लीज़ मेरे राजा में मर जाउंगी.. ऊह्ह उफ्फ..हाय.. डालो ना अपना लंड मेरी चूत में उफफफ्फ़ आआअहह प्लीज़ डाल दो चूत में अहहाअ.

तो मैंने अम्मी को और ना तड़पाते हुए अपना लंड उसकी चूत पर रखा और ज़ोर से धक्का दिया.. उसकी एक बहुत ज़ोर से चीख निकल पड़ी उईईई हाय.. अल्लाह.. मर गयी मैं बाहर निकालो इसे.. लेकिन में नहीं माना और ज़ोर ज़ोर से धक्के देता रहा और थोड़ी देर बाद सब ठीक हो गया और मेरा लंड अम्मी की चूत में आसानी से अंदर बाहर हो रहा था। अम्मी भी अपनी गांड उछाल उछालकर अपनी चुत चोदा रही थी और मेरा साथ दे रही थी।

फिर मैंने अम्मी को डॉगी स्टाईल में चोदना शुरू किया और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मेरा माल निकलने वाला था तो मैंने अम्मी से कहा कि अम्मी मेरा गिरने वाला है कहां गिराऊँ? तो अम्मी ने कहा कि मेरे राजा अपना माल  मेरी चूत में डालकर इस बंजर चूत को सींच दो.. कितने दिन से बंजर पड़ी है तेरी अम्मी की चुत।

तेरे अब्बू  ने मुझे पिछले कई सालों से छुआ तक नहीं है ऊओह आह्ह्ह्…  मर गयी और ज़ोर से चोद मुझे राजा  हाँ और ज़ोर से और चोदो मुझे आहहाा.. मज़ा आ रहा है।

फिर मैंने अपना वीर्य से अम्मी की बंजर चूत को सींच दिया। फिर मैंने और अम्मी ने थोड़ी देर के लिए ब्रेक लिया। फिर आधे घंटे के बाद मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया.. जब अम्मी का ध्यान मेरे लंड पर पड़ा तो अम्मी मुस्कुराती हुई बोली कि तुम बहुत शैतान हो।

तुम्हारा लंड फिर  से उठकर खड़ा हो गया है और अब मेरी भी चूत में खुजली हो रही है। मैंने फिर उस रात अम्मी को 3 बार चोदा और करीब एक महीने मैं अम्मी को रोज चोदता रहा..

अब मेरी अम्मी की चुत सिर्फ मेरी है मैं अब बीच बीच में जल्दी जल्दी गांव आने लगा और अम्मी को चोदने लगा। मैं और अम्मी बहुत मज़े करने लगें। हम दोनों की जरूरत पूरी हो रही थी। मैं जब भी गांव जाता हूं। तो अम्मी रोज मुझसे अपनी चुत की चुदाई करवाती है और जब मैं शहर में रहता हूं। तो फ़ोन पर विडियो कॉल में हमारी गंदी गंदी नंगे होकर बातें होती है।

कुछ 1 साल पहले अचानक दादी का इंतकाल हो गया। उस वक्त मैं गांव में कुछ ज्यादा ही दिन रुक गया था। उस दौरान मैं अम्मी को रोज चोदता था। उसकी वक्त अम्मी पेट से हो गई थी। तीसरे महीने में मैंने उनको शहर ले आया और उसके बाद अम्मी ने एक लड़की को जन्म दिया। जिसे हम सबको मेरी बहन बताते है। असलियत में वो मेरी बहन नही बल्कि मेरी और अम्मी की पहली अपनी औलाद थी।

तो उम्मीद है दोस्तों आप सभी को मेरी ये कहानी पसंद आई होगी।
                            धन्यवाद

error: Content is protected !!

DMCA.com Protection Status