अम्मी मुझसे निकाह करके बनी मेरी बीवी

मैं रूस्तम उम्र 21 साल आज मैं आप सब को मेरे घर की एक गुप्त घटना बताने जा रहा हूं। ये बात अभी तक बस तीन लोग ही जानते थे। मैं मेरी अम्मी और अब्बू हालाकि जो भी हुआ वो एक मजबूरी थी। आगे जानिए कैसे मैंने अपनी अम्मी से निकाह किया और 5 रातों तक उनको अपनी बीवी को तरह रखा।

अम्मी मुझसे निकाह करके बनी मेरी बीवी

मेरी अम्मी रुबीना 41 साल की एक घरेलू औरत है। जो बखूबी अपने घर और परिवार को संभालना जानती है। मेरे अब्बू की उम्र 50 साल के क़रीब हो चली है। वैसे तो मेरे अम्मी अब्बू में बहुत झगड़े होते हैं। लेकिन एक रात को ये झगड़ा इतना बढ़ गया की अब्बू ने अपना आपा खो दिया और 3 बार अम्मी को तलाक़ कह दिया।

हमारे घर छोटा सा ही है जिसमें 1 कमरा, बरामदा और किचन, बाथरुम था। मेरे अब्बू अम्मी कमरे में सोते थे और मैं बाहर बरामदे में उस रात जब अम्मी अब्बू अपने कमरे में झगड़ रहे थे। तो उनकी तेज आवाजें बरामदे में भी आ रही थी। उनको झगड़ता हुआ मैं सुन रहा था। जिस वजह से मुझे काफी बुरा लग रहा था। मैं चाह कर भी सो नहीं पा रहा था।

तभी मैंने अब्बू के मुंह से कुछ ऐसा सुना जो मैं या अम्मी कतई नहीं सुनना चाहते थे। अब्बू ने अम्मी से गुस्से में तीन बार तलाक – तलाक कह दिया। जिसके बाद अम्मी फुट फुटकर रोने लगी। मेरी भी आंखों में आंसू आ गए। कुछ देर बाद अम्मी अपनी आंखों में आंसू लिए कमरे से बाहर आई और मेरे बगल में बैठकर रोने लगीं।

मैंने अम्मी को चुप कराने की कोशिश की पर अम्मी चुप नहीं हो रही थी। काफी देर बाद अम्मी थोड़ी शांत हुई रात काफी हो चुकी थी और मुझे नींद आ रही थी पता ही नही चला की कब मैं सो गया जब भोर में मेरी नींद थोड़ी हल्की हुई तो मैंने अपने अगल बगल देखा तो मुझे मेरी अम्मी नही दिखी।

मुझे थोड़ी चिंता हुई पर जब मैंने गौर से कुछ सुना तो कमरे से बात करने की आवाज सुनाई दी जब मैं चुपके से अम्मी अब्बू के कमरे के दरवाज़े पर कान लगाकर सुनने लगा। तो मुझे समझ आया की अम्मी और अब्बू कमरे में है। और आराम से एक दूसरे से नर्मी से बातें कर रहे है। तभी मैंने कुछ सुना!

अब्बू – रुबीना मैंने कल रात गुस्से में तुमको तलाक दे दिया मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।
अम्मी – आपने शायद गुस्से में ही कहा लेकिन अब तलाक तो हो चुका है अब मैं आपकी बीवी नही हूं।
अब्बू को अफ़सोस हो रहा था वो अम्मी से माफ़ी मांगते हुए पछता रहे थे।
अब्बू – रुबीना मैं तुम्हें नहीं छोड़ सकता मैं तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करता हूं।
अम्मी – मैं भी आपसे बहुत मोहब्बत करती हूं। लेकिन सच तो ये है की मैं अब आपकी बीवी नही हूं। अब आप मेरे लिए गैर मर्द है। अब मैं आपके साथ नही रह सकती।
अब्बू – अगर तुम मुझे छोड़ दोगी तो मैं मर जाऊंगा।
अम्मी – और कोई रास्ता भी नही है। मुझे आपके साथ रहने के लिए किसी गैर मर्द से निकाह करना होगा। जिससे ये बात सभी को पता चल जायेगी की आपने इस उम्र में मुझे तलाक दिया है।
अब्बू – जिद करने लगे की अगर अम्मी उनको छोड़ेगी तो वो कही के नही रहेंगे और अपनी जान ले लेंगे।
अम्मी – मैं किसी गैर मर्द के साथ रात नही बिताऊँगी और आपके साथ दुबारा निकाह करने के लिए मुझे पहले किसी और से निकाह करके एक रात तो उस के साथ बिताना ही पड़ेगा।

फिर अम्मी अब्बू जस्बाती होकर रोने लगे कुछ देर के लिए कमरे में चुप्पी छा गई। तभी अब्बू ने कहा एक रास्ता है। जिससे तुमको किसी गैर मर्द से निकाह भी नही करना पड़ेगा और घर की बात घर में ही रह जाएगी।

अम्मी भी एक रास्ता निकालने की बात सुनकर तोड़ी उतावली हो गई और अब्बू से बोली बताइए क्या है मैं आपसे बहुत मोहब्बत करती हूं। मुझे भी ता उम्र आपके साथ ही रहना है। तभी अब्बू ने कहा तुम हमारे बेटे रूस्तम से निकाह करके अपना हलाला करवा लो फिर उससे तलाक ले लेना।

अम्मी अब्बू की बात सुनकर चौंक गई और मैं भी उतना ही चौंक गया और फिर से कमरे में चुप्पी छा गई। फिर अम्मी ने कहा हमारा बेटा मेरे बारे में क्या सोंचेगा और हमारी निकाह के बारे में सभी को पता चल जायेगा और फिर से अब्बू ने कहा की उसका भी तोड़ है।

तुम दोनो यहां निकाह नहीं करोगे बैंगलोर में मेरा एक पहचान वाला मौलवी है। जो तुमदोनो को नही जानता मैं उससे तुम दोनों की पहचान छुपकर तुम दोनों का निकाह करवा देने के लिए कह दूंगा। तुम दोनों वहीं 4 – 5 दिन रह जाना मैं पड़ोस में कह दूंगा की तुम रूस्तम के साथ अपने मायके जा रही हो।

अम्मी बोली ये तो ठीक है। पर मुझे अभी भी ये ठीक नहीं लग रहा अपने बेटे से ही अपना हलाला करवाना। फिर अम्मी बोली क्या हमारा बेटा रूस्तम कभी भी इस बात के लिए राजी होगा। तभी अब्बू ने कहा अरे वो एक मर्द है और मर्द को वासना में सिर्फ़ औरत दिखती हैं। फिर अब्बू ने कहा जाओ तुम अभी से उसके सामने अपने बदन की नुमाइश करो देखना कैसे वो तुम्हारे काबू में आता है।

फिर अब्बू ने अम्मी को मेरे पास भेज दिया और जैसे ही पलंग से अम्मी के उतरने की आवाज आई मैं तूरंत उनके कमरे के पास से भागकर अपने बिस्तर पर आ गया और अपनी आंखें बंद करके सोने का नाटक करने लगा। अम्मी अब मेरे बिस्तर के पास खड़ी थी। मेरी धड़कन बढ़ने लगी थी पर मैं अपनी आंखें बन्द किए सोच रहा था की अम्मी अब क्या करने वाली है।

फिर मैंने अपनी एक आंख हल्की सी खोली ताकि अम्मी को पता न चले फिर जब मैंने अम्मी को देखा तो वो मेरे पास खड़ी होकर एक टक मुझे देखे जा रही थी। फिर अम्मी ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और अपनी ढीली सलवार को अपनी एक मुट्ठी से पकड़ लिया।

फिर अम्मी मेरे बिस्तर पर आकर मेरे बगल में लेट गई कुछ देर बाद अम्मी मुझपर चढ़ने लगी। लेकिन मैं बिना हीले लेटा रहा अम्मी की दोनों टांगें मेरी टांगों पर चढ़ी हुई थी और उनकी क़मर मेरी क़मर से चिपकी हुई थी। अम्मी अपने दोनों बड़े बड़े गुबारों (चुचियों) को मेरे सीने पर दबाकर मेरे गले और गालों पर अपनी गरम गरम सांसे छोड़ रही थी।

जिससे मेरे जवान लंड में हलचल होने लगी और अम्मी को भी मेरे लंड में हुई हरकत का एहसास हो गया। अम्मी ने उसका फ़ायदा उठाया उन्होंने अपनी सलवार अपनी चूत पर से हटाकर थोड़ी नीचे कर दी और फिर उन्होंने अपनी उंगलियां मेरे पैंट में डाल दी और मेरी पैंट की इलास्टिक को फैलाकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया।

फिर अम्मी अपनी घनी झांटों को मेरे लंड पर रगड़ने लगी मैं कुछ देर तो शांत रहा लेकिन जब मुझसे रहा नही गया तो मैंने आंखें बन्द करे ही अपने शरीर को इधर उधर खुजलाने लगा। मेरे शरीर में एक अलग सी गरमी भरी हुई थी। कभी मैं अपनी बांहों को खुजलाता तो कभी अपने चेहरे को अम्मी ने मेरे लंड को इतना गरम कर दिया था।

मैं अब छूटने वाला था। उस वक्त मैं बता नही सकता की मेरे शरीर में कितनी गरमी और ऊर्जा भरी थी। मैंने अपना शरीर खुजाते खुजाते झट से अपने लंड को खुजाने लगा। जिस वजह से मेरी उंगली अम्मी की चूत को छू गई और मेरे लंड का माल जो मैंने इतनी देर रोक रखा था वो अपनी बांध तोड़कर बेलगाम बहने लगा।

मेरा लंड अब झड़ चूका था और ढीला हो चुका था। अब भी अम्मी मेरे ऊपर लेटी हुई थी। अब उन्होंने अपनी सलवार नीचे करके अपने घुटनों तक उतार दी उसके बाद उन्होंने अपनी दोनों टांगों को फैला दिया जिससे उनकी चुत मेरे लंड के सामने हो गई और उनकी चूत के दोनों पट खुल गए। अब मेरा लंड अम्मी की चूत के दोनों हिस्सों के बीच आ गया।

अम्मी ने मेरे कंधों को जकड़ लिया और अपने नरम होंठो से मेरे गालों पर पप्पी देने लगी और साथ ही मेरे लंड को अपनी चुत के दोनों होठों से मसाज देने लगीं। अम्मी अपनी कमर हिला हिलाकर मेरे लंड को अपनी चुत से मसलते हुए तेज और गरम सांसें छोड़ रही थी।

मैं भी अंदर ही अंदर बहुत गरम हो चुका था। लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं तो मैंने अपने हाथों से धीरे धीरे अपने पैंट को नीचे करने लगा ताकि अम्मी को पता न चले ऐसा करके मैंने अपने पुरे लंड को अपनी पैंट से बाहर निकाल लिया। अब मेरे पूरे लंड को अम्मी की चूत का मसाज मिल रहा था। कुछ ही देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।

तभी मुझे मेरे लंड पर कुछ गीला गीला महसूस हुआ अम्मी की चूत से उनका बीज (वीर्य) निकल रहा था जो की सीधे मेरे लंड पर चू रहा था। अम्मी झड़ने के बाद थोड़ी शांत हो गई थी। अब उनकी क़मर रुक गई थी। और अम्मी मेरे सर के बगल में अपना सर रखकर थकने के कारण लंबी लंबी सांसे ले और छोड़ रही थी।

मैंने सोचा की यही अच्छा मौका है अम्मी को पकड़ने का मैंने तुंरत अपनी आंख खोली और अम्मी को अपने ऊपर अध नंगी होकर लेटे हुए देखकर चौंकने का नाटक करने लगा। अम्मी भी थोड़ी चौंकी मैंने बोला ये क्या है अम्मी?? वो बोली कुछ नहीं फिर वो मेरे उपर से पलटकर बगल में लेट गई।

उन्होंने अपना बदन ढका नही और ऐसे ही मेरी तरफ अपनी बड़ी सी गांड दिखाती हुई लेट गई। उसके बाद मैंने भी कोई सवाल जवाब नही किया और मैं भी अम्मी की नंगी गांड की तरफ अपना चेहरा घुमाकर लेट गया। अम्मी की बड़ी गांड को देखकर अपने आप ही मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया।

मैं अम्मी की गांड को देखते हुए अपने लंड को मुठ्ठी में लेकर मुठ मारने लगा। मैं जानता था की अम्मी खुद मुझसे चुदने आई है तो मैं अपना लंड अम्मी की गांड पर दबाने लगा और धीरे से अपने हाथ को अम्मी के पेट पर सहलाते हुए अपना हाथ उनकी सूट के अंदर घुसा दिया। अम्मी ने अपनी सांस छोड़ी जिससे मेरा हाथ आसानी से उनकी टाईट सूट के अंदर घुस गया।

फिर मैंने अम्मी के सूट के अंदर से ही अम्मी की ब्रा को उनकी चुचियों पर से हटा दिया और अपने पंजे से अम्मी की चुचियों को बारी बारी से दबाने लगा। नीचे मेरा लंड उनकी गांड में दबाने लगा। फिर अम्मी ने मेरी आसनी के लिए अपने सारे कपड़े उतार दिए और फिर उसी पोज़ में लेट गई।

मैं पीछे से उनकी बड़ी बड़ी गुबारे जैसी चुचियों को मसलने लगा अम्मी भी गरम हो चुकी थी। मेरा हाथ सख्ती से उनकी चुचियों पर पड़ा उन्होंने अपना एक हाथ पीछे किया और मेरे लंड की चमड़ी को सरकाने लगी। अब मैं एक हाथ से अम्मी की चुचियों को मसल रहा था तो एक हाथ को उनकी चुत को रगड़ रहा था।

फिर अम्मी ने अपनी एक जांघ को थोड़ा ऊपर उठा लिया अब मैं अपनी एक उंगली को अम्मी की चुत में घुसाने लगा। अम्मी मीठी आवाजों में सिसकियां भरने लगी मैं तेज़ी से अपनी उंगली को उनकी चुत के अंदर बाहर करने लगा। कुछ ही देर में अम्मी की चुत में पानी आने लगा।

अब मैंने अपने मुंह से ढेर सारा थूक निकाला और थूक को अपने लंड पर अच्छे से लपेट लिया अब मेरे लंड पर अच्छे से चिकनाहट जम गई थी। फिर मैंने अपना लंड पकड़ा और अम्मी की गांड के बीच वाले गहरे हिस्से में डाल दिया। कुछ ही देर में मेरा लंड अम्मी की गांड की छेद पर सेट हो गया।

फिर मैंने अम्मी की क़मर को पकड़कर एक शॉर्ट मारा जिससे मेरा लंड 3 इंच अम्मी की गांड में घुस गया। अम्मी तेज दर्द के कारण चिल्ला उठी पर उनके चिल्लाते ही मैंने उनको पेट के बल पलट दिया और मैं उनकी गांड में लंड घुसाए उनके उपर चढ़ गया। अम्मी की तेज आवाज सुनकर तुंरत अब्बू कमरे से बाहर आए।

लेकिन उन्होंने कुछ कहा नहीं और कमरे के दरवाज़े पर ही खड़े रहे मैंने उनके सामने ही अम्मी की गांड पर से अपनी कमर उठाई और एक और जोरदार शॉर्ट उनकी गांड में पेल दिया। उस शॉर्ट से अम्मी ज़ोर से चिल्लाई और मेरा लंड एक झटके में ही अम्मी की गांड में 8 इंच तक घुस गया। अम्मी ने समर्पण वाले अंदाज में मुझे थोड़ी नर्मी से करने को कहा।

तो मैंने अम्मी की बात मान ली और उनकी गांड पर बिना अपनी कमर सटाए हवा में अपनी कमर उठाकर आधे लंड से ही अम्मी की गांड को चोदने लगा। जब तक अम्मी की गांड की छेद ढीली नही हुई तब तक अम्मी कराहती रही। अम्मी की टाईट गांड मारते हुए मैं झडने को आ गया तो मैंने अपना लंड अम्मी की गांड से बाहर निकाला और उनकी गांड के दोनों हिस्सों पर बारी बारी अपना लंड पटक कर झड़ने लगा।

मेरा बिना कवर का लंड अम्मी की चुत का लालची हो चुका था। अब मुझसे अम्मी की चुत पेले बिना रहा नही जा रहा था। अम्मी ने अभी गांड की दर्द से निजाद पाई ही थी की मैंने उनको पलटकर सीधा कर दिया और उनकी दोनों टांगों को फैलाकर दूर दूर कर दिया।

मैं अम्मी की दोनों टांगों के बीच अपने घुटनों पर बैठ गया और अपना लंड पकड़कर अम्मी की घनी झांटों से ढकी चुत पर दबाने लगा और जैसे ही मेरा लंड अम्मी की चुत की छेद में हल्का सा घुसा अम्मी आह… आह कर करही। फिर मैंने अपनी क़मर के ज़ोर से अपना लंड अम्मी की चुत में धकेल दिया मेरा पूरा मोटा लंड अम्मी की चुत में दाखिल हो गया।

मेरा लंड जवान और अब्बू से काफी मोटा था तो अम्मी आह..आह… हे खुदा… अ आ… कर कराहे लेने लगी। अभी तो मैंने धक्के पेलने शुरू भी नहीं किए थे। मैंने अपनी अम्मी की चुत में अपना पूरा लंड भर दिया और अपने घुटनों और क़मर की ज़ोर पर मैं अपने लंड को अम्मी की चुत में दबाए जा रहा था।

मेरा लंड अम्मी की चुत में अंतिम गहराई (गर्भ) तक पहुंच चुका था। अम्मी आह…आ… हे खुदा दर्द हो रहा है… अम्मा..आह…. रूस्तम जरा नर्मी से करो बेटा आह… आह…. तब मैंने अम्मी के बदन के ऊपरी भाग को अच्छे से अपनी बांहों में कस लिया और अपनी कमर पीछे खींच खींचकर अपने घुटनो के बल पर कस कस के अपना मोटा लंड अम्मी की चुत में चोदने लगा।

मैं कोई ज्यादा रफ्तार से अम्मी की चुत नही पेल रहा था। मैं मिनट में लगभग 15 धक्के मार रहा था। मैं एक झटके में अपना लंड अम्मी की चुत के बाहर खींचता और एक झटके में अपना लंड अम्मी की गर्भ गुफा तक पहुंचा देता। मैं धक्के से अम्मी का पूरा बदन झकझोर कर रख दे रहा था। अम्मी मेरे आगे पहले से ही समर्थन कर चुकी थी।

मैं उनको जैसे कोई हवासी किसी वैश्या को चोदता है ठीक उसी तरह चोदे जा रहा था। मेरे ज़ोरदार 15 से 20 धक्कों के बाद अम्मी खुद अपनी गांड उठा उठाकर मेरा लंड अपनी सुलगती चुत में लेने लगी। कुछ ही देर में उनकी चुत में अकड़न आने लगी और मेरा लंड उनकी चुत में चारों ओर से दबने लगा। लेकिन मैं ज्यादा ताक़त के साथ अपना लंड उनकी चुत से खींचता और ताकत के साथ उनकी चुत में दुबारा अपना लंड भरता।

मेरे धक्कों से तुंरत ही अम्मी की चुत में पानी आने लगा और अम्मी एकदम से झड़ गई। उनकी गीली चुत में मेरा लंड आसनी से फिसल रहा था। तो मैंने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी और मिनट में 50 धक्के लगाने लगा। अब अम्मी की चूत में चिकनाहट हो गई थी तो अब मुझे उनकी चुदाई में मजा नहीं आ रहा था।

तो मैंने अम्मी की चुत से अपना लंड निकाला और उनकी चुत और अपने लंड को अच्छे से साफ करने लगा। फिर मैं बिस्तर से नीचे उतरा और अम्मी की दोनों टांगों को पकड़ते हुए उन्हें बिस्तर के किनारे खींच लिया। अब मैं अम्मी की दोनो जांघों के बीच अपना मोटा लंड लिए नीचे खड़ा था और अम्मी अपनी टांगें फैलाए बिस्तर के किनारे पड़ी थी।

फिर मैंने अम्मी की दोनों टांगों को अपने दोनों हाथों में पकड़ा और अपना लंड उनकी चुत में घुसा दिया और उनकी टांगें उठाए लंबी लंबी तान लेकर अपना लंड अम्मी की चुत में चोदने लगा। अम्मी मेरे लंड की चुदाई से कराहती हुई आह… आ…. करती मुझसे नर्मी की भीख मांगने लगी।

मैं अम्मी को बुरी तरह चोद रहा था। मानों मुझे इसके बाद जैसे मैं आखिरी बार किसी चुत को चोद रहा हूं। अब्बू कमरे से बाहर आए वो मेरे लंड को अपनी बीवी की चुत में दौड़ता हुआ देखकर भी कुछ नही बोले अम्मी उनके सामने चीख और कराह रही थी। जब अम्मी की कराह अब्बू से बर्दास्त नही हुई तो वो बोले बेटा तेरी अम्मी है जरा आराम से कर देख उसकी हालत खराब हो गई है।

इतना कहकर वो अपने काम पर चले गए उसके बाद मैंने अम्मी को और जोर जोर से चोदना शुरू किया क्योंकि अब घर में कोई नहीं था। पहले तो मैं अब्बू के होने से संकोच कर रहा था। अम्मी और जोर जोर से कराहने लगी। अब मैं झडने वाला था तो मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी अब अम्मी भी समझ गई की मैं झडने वाला हूं।

तो वो चुदते हुए लड़खड़ाती जुबान में बोली जल्दी से बाहर निकालो पर मुझे उनकी ये बात समझ नही आई। मैंने एक आखिरी बार ज़ोर से अपना लंड अम्मी की चुत में धकेला और उनके उपर लेट गया। अम्मी की दोनों टांगें बिस्तर से नीचे झूल रही थी और मैं उनकी दोनों जांघों के बीच खड़ा उनकी चुत में लंड डाले हुए उनके उपर लेटा रहा।

जब तक अम्मी मुझे सही से लंड उनकी चुत से बाहर निकालने की बात अच्छे से समझाती तब तक बहुत देर हो चुकी थीं। मेरा लंड उनकी चुत की अच्छे से सिंचाई कर चुका था। अब मेरे लंड के इर्द गिर्द से उनकी चुत से मेरे लंड का पानी बहने लगा। पता नही उस दिन मेरा अम्मी की चुदाई करने से मन ही नही भर रहा था। मैं अपने लंड का पानी उनकी चुत और गांड़ में भरता रहा।

मैंने उनको सारे दिन चोदा उसके अगले दिन हम दोनों बैंगलोर चले गए और वहा निकाह कर लिया। बैंगलोर में मैं और अम्मी 5 दिनों तक होटल में रुके थे और वही मैंने 5 दिनों तक उनके साथ रात गुजारी अम्मी ने 5 दिनों तक खुलकर मुझसे चुदवाया और मैंने भी उनको जमकर चोदा अब वो मेरी बीवी थी मैं पूरे हक से उनको चोद रहा था।

5 दिन अम्मी को चोदने के बाद मैंने उनको तलाक दे दिया इस तरह उनका हलाला निकाह हुआ और फिर अम्मी ने मुझसे तलाक ले लिया और दुबारा मेरी अम्मी ने मेरे अब्बू से चुपके से निकाह कर लिया।
दोस्तों अम्मी के साथ बैंगलोर के गुजारे दिनों की कहानी मैं अगले भाग में किसी और शीर्षक के रूप में बताऊंगा।

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