विधवा मौसी की बुर चुदाई

हैलो दोस्तों आज मैं आप सब को वो कहानी बताने जा रहा हुं। जो मैंने बहुत दिनों से अपने दिल में दबा रखा था। दूसरो की सेक्सी कहानी पढ़कर मुझे भी अपनी कहनी आप लोगों के बीच रखने का ख्याल आया।

विधवा मौसी की बुर चुदाई

मेरा नाम मुकेश है और मैं यूपी के एक गांव का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 27 साल है। पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने छोटा सा ही पर अपना किराने का बिजनेस शुरू किया है जो अच्छा खासा चल रहा है।

अभी तक मैं कुंवारा हूं। लेकिन मेरी एक गर्लफ्रेंड है। हम दोनों फ़ोन पर सेक्स की खूब बातें करते है। और जब भी मौका मिलता है तो उसे चोदकर अपनी लंड की प्यास बुझाता हूं। या उसे जब चुदने का सुरूर चढ़ता है तो वो मेरे पास आकर चुदती है।

एक दिन की बात है मैं रोज की तरह अपनी दुकान गया। उस दिन ट्रक से दुकान का सारा राशन आने वाला था। इसलिए मैं उस दिन थोड़ा जल्दी दुकान चला गया। पर सुबह से दोपहर से शाम हो गई लेकिन अभी तक ट्रक नही आया। ट्रक के न आने से दुकानदारी पर भी असर हो रहा था।

तो मैं इंतज़ार करने के बाद मंडी के लिए निकल पड़ा मंडी वही कोई 30 किलोमीटर की दूरी पर थी। तो मैंने बाइक उठाई और निकल गया पर वहां पहुंचते ही मौसम खराब होने लगा और बारिश होने लगी। आसमान एक दम काला हो चुका था। आंधी तूफ़ान के साथ साथ मूसलाधार बारिश होने लगी थी।

तो मुझे ध्यान आया की मेरी मौसी का घर यही पास में है। और इतने तेज आंधी तुफ़ान में बाहर रहना भी ठीक नहीं। तो मैं किसी तरह अपनी मौसी के घर पहुंच गया।

वो मुझे देखकर बहुत खुश हुई और मेरा अच्छे से स्वागत किया उनके बेटे और बहू ने भी मेरा अच्छे से आदर सत्कार किया। सबके लिए चाय आई और चाय पीते पीते हम लोग बातें करने लगे।

मैं बस बारिश छुटने का इंतज़ार कर रहा था, पर बारिश आज छुटने का नाम ही नही ले रही थी और अब रात भी हो चुकी थी। जैसे ही मैंने मौसी के यहां से निकलने का आग्रह किया तो उनलोगो ने मुझे रोक लिया और कहा की आज रात यही रुक जाओ इतनी तेज बारिश में कहां जाओगे।

मौसी ने कहा तू आज मेरे कमरे में सो जाना पर अभी मत जा मौसी के यहां दो ही कमरे थे। एक में उनके बेटा बहू और दूसरे में मौसी सोती थी। मै उनलोगो के कहने पर रुकने के लिए मान गया।

रात हो चुकी थी हमसब ने रात का खाना खा लिया था। तभी मौसी ने कहा मुकेश तू जाकर कमरे में सो जा मै जाकर कमरे में पलंग पर लेट गया।

कुछ देर बाद मौसी भी कमरे में आ गई और मेरे बगल में आकर लेट गईं। मैं भी अपनी आंखें बंद करके सोने की कोशिश करने लगा। तभी मेरे फोन पर मेरी गर्लफ्रेंड का फ़ोन आने लगा। मौसी बगल में थी इसलिए मैं बार बार उसका फ़ोन काट रहा था।

हमें रोज रात को फ़ोन पर सेक्सी बातें करने की आदत थी। पर उसे कहा पता था की आज मैं अपने कमरे मे नही मौसी के कमरे में हूं। क़रीब मै उसकी 10 कॉल काट चुका था। आधे घंटे बाद मौसी उठी और कमरे से बाहर चली गई।

मैं समझ गया की मौसी बाथरूम के लिए गई होंगी ये अच्छा मौका था अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने का तो मैंने तुरंत उसे फ़ोन लगाया और उससे बात करने लगा। पता ही नही चला की कब हमारे बीच गंदी गंदी बातें होने लगी।

मैं उससे बातें करते हुए गरम हो चुका था। वो भी गरम हो चुकी थी। तभी मुझे मौसी के आने की आहट हुई तो मैंने झट से फ़ोन काट दिया और सोने का नाटक करने लगा।

मौसी चुपचाप आकर मेरे बगल में लेट गई और अपनी आंखें बन्द करके सोने लगी। मुझे भी नींद आने लगी थी। मेरी आंख लगे कुछ ही देर हुई होगी।

लेकिन कुछ समय बाद नींद में ही मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे लंड को पकड़े हुए है और सहला रहा है. मुझे समझ नही आया की मैं सपना देख रहा हूं। या सच में हो रहा है।

मुझे मज़ा आ रहा था, इसलिए मैंने अपनी आंख बंद किए हुए ही उस मज़ेदार छन के मज़े लेता रहा।

इसी बीच मौसी की चूड़ियों के बजने की आवाज आई. तो मुझे शक हुआ कि मेरे लंड पर जो हाथ है वो मौसी का है।

मैंने धीरे से थोड़ी सी आंख खोल कर देखा तो वो मौसी ही थीं और मेरे लौड़े को हिला रही थीं।
मैं कुछ नहीं बोला और ऐेसे ही मज़ा लेता रहा। मौसी अपने मुट्ठी में मेरे लंड को लपेटे हुए धीरे धीरे मेरे लंड की चमड़ी को ऊपर नीचे खिसका रही थी।

उनका धीरे धीरे लंड की चमड़ी सरकाना मेरे उपर जादू चला रहा था।थोड़ी देर बाद जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने मौसी का हाथ पकड़ लिया। जिससे मौसी एकदम से चौंककर डर गईं।

मैं उनसे बोला- मौसी आप ये क्या कर रही हैं?
वो बोलीं- चुप रहो.

वो बोलीं- जो तुमने उस लड़की के साथ गंदी गंदी बातें की वो सब मैंने सुन लिया है, अब अगर ज्यादा बोलोगे तो कल वो सब मैं तुम्हारी मां को बता दूंगी।
उनकी वो बातें सुनकर मैं थोड़ा डर गया। वो मुझे ब्लैकमेल कर रही थी।

मैं उनसे बोलने लगा- मौसी आप प्लीज मेरी मां को ये सब मत बोलना आपको जो भी करना है, कर लीजिए। मेरे मुंह से सहमी आवाज सुनकर
वो मुस्कान के साथ बोली- अच्छा मै जो बोलूँगी, करोगे?
मैंने हां में सिर हिला दिया.

मेरे इतना बोलते ही मौसी ने मेरे सर को पकड़ा और एक जोर का किस कर लिया। वो मेरे और करीब आकर सटकर लेट गईं।

फिर मौसी ने अपनी ब्लाउज खोल दी और अपनी चुचियों को अपने हाथों में लिए मुझसे बोलने लगीं कि चलो अब तुम मेरे मम्मों को चूसो।

उनकी चुचियों भरी हुई और बड़े आकार की थी जैसा मुझे पसंद है मुझे तो वैसे ही भरे हुए मम्मों को चूसना बहुत पसंद है मैं इस सुनहरे मौके को कहां छोड़ने वाला था।

मैंने बिना कोई देर किए उनके एक निप्पल को अपने होंठों से दबा लिया और जोर जोर से किसी बछड़े की तरह चूसने लगा
मैं उनके दोनों चुचियों को एक एक करके दबा दबा कर चूस रहा था।

मैंने अपनी मौसी के दोनों निप्पलों को बारी बारी बहुत देर तक चूसा और मौसी मेरे लंड से खेलती रहीं। वो मेरे लौड़े को चड्डी के ऊपर से ही हल्का हल्का दबा रही थीं। मेरा लंड उनके हाथों के स्पर्श से ही अपनी फूल साइज में आ चुका था।

फिर मैंने उनका एक हाथ अपने चड्डी के अन्दर डाल दिया। जैसे मौसी का हाथ मेरे नंगे लंड पर लगा, तो मेरे अंदर बिजली सी कौंध पड़ी। इधर मौसी मेरे लंड को जोर जोर से फेटती हुई अपनी भारी भरकम चुचियों को मेरे मुंह पर जोर से दबाने लगी।

मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे उस समय कितना मजा मिल रहा था।
तभी मौसी धीरे से बोलीं- पलंग पर से नीचे ज़मीन पर चलो।
मैं बोला – क्यों?
मौसी बोली – पलंग पर करोगे तो पलंग चरचराने की आवाज आएगी
मैं बोला – ठीक है।

फिर मैं और मौसी पलंग पर से जमीन पर आ गए। मैं अपना आधा शरीर मौसी पर चढ़कर उनकी चुचियों को पीते हुए मसल रहा था। मौसी भी खुले मन से अपनी चूचियां मुझे सौंप चुकी थी। मैंने उनकी चुचियों को मसलकर और उनके निप्पलों को चूस चूसकर लाल कर चुका था।

मेरे चूंचियां चुसने से मौसी इतनी गरम हो चुकी थी की अब उनसे बर्दास्त नही हो रहा था। मैं जान बूझकर उनको तड़पा रहा था आखिर में उन्होंने कह ही दिया।
मौसी बोलीं- अब जल्दी से लंड अन्दर डालो. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है। 7 सालों से मेरी बुर ने किसी मर्द का लंड नही खाया है प्लीज मुकेश अब देर मत करो डाल दो ना अपना बड़ा लंड मेरी बुर में शांत कर दो ना मेरी बुर को..

मैंने उनकी बातों को सुनकर उनकी साड़ी को ऊपर करके उनकी बुर को देखने लगा। मौसी की बुर देखकर मेरी नज़रे मानों वही जमी रह गई। क्या मस्त टाईट बुर थी बुर के दोनों पट्टे आपस में चिपके हुऐ उनकी बुर के छेद की की रखवाली कर रहे थे।

मौसी की बुर एकदम चिकनी लग रही थीं उनकी बुर को देख कर लग रहा था कि उन्होंने हाल में ही अपनी झांटे साफ़ की थी। उनकी चिकनी बुर को देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने तुरंत उनकी टांगों के बीच थोड़ी जगह बनाई और अपना चेहरा ले जाकर उनकी चुत को सूंघने और चाटने लगा।

जैसे ही मैंने मौसी की बुर पर अपनी जीभ लगाकर चाटनी शुरु की मौसी अंगड़ाई लेने लगी और मेरे सिर को अपनी बुर पर दबाने लगीं।शायद मेरा उनकी बुर चाटना उन्हें अच्छा लग रहा था। वे चाह रही थीं कि मैं उनकी बुर में अंदर तक अपनी जीभ से चोदूं। मैंने मौसी की बुर को चाट चाटकर थोड़ी ही देर में उनका पानी निकाल दिया।

उनकी बुर का आधा नमकीन पानी मैं चाट गया… और बाकी के पानी को उनकी साड़ी से पोंछ डाला। इतना सब करने के बाद अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। फिर मैं मौसी के ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को अपने होंठों से दबा कर चूसने लगा।

फिर मैंने अपनी चड्डी नीचे की और अपना लंड निकालकर मौसी की बुर पर टिका दिया फिर मैंने धीरे से अपने लंड को उनकी बुर में पेलने लगा। मेरा लंड मौसी के बुर के पट्टो को खोलता हुआ उनकी बुर की छेद में घुस गया।

मौसी की बुर की सील पैक तो नही थी। मगर 7-8 साल बाद मौसी की सिकुड़ी हुई बुर में पहली बार लंड घुस रहा था। जिससे उनको दर्द हो रहा था। और मुझे उनकी बुर टाईट लग रही थी। मैंने एक दो धक्के मारे तो मेरा आधा लंड उनकी बुर में घुस गया पर मौसी को दर्द हो रहा था।

पहले तो वो मेरी कमर को पकड़ के मुझे पीछे हटा रही थीं … लेकिन मैंने आधे घुसे लंड से ही उनकी बुर में धक्के लगाने शुरु कर दिए। लगातार उनकी बुर में लंड की चढ़ाई करने के कुछ मिनटों बाद मौसी की बुर की छेद थोड़ी फैल गई और अब मेरा पूरा लंड उनकी बुर में समाने लगा। अब मौसी भी सामान्य हो गईं और लंड का मजा लेने लगीं।

अब मैं भी कभी मौसी के मम्मों को चूसता, तो कभी जोर से दबा देता, तो कभी उनके निप्पलों को काट लेता, तो कभी उनके होंठों को किस करने लगता। कुछ ही देर में हम दोनों के बीच चुदाई का घमासान शुरू हो गया।

मैं मौसी को गहरे लंबे लंबे धक्कों के साथ उनकी बुर को पेलने लगा। मौसी मेरे नीचे पड़ी मेरे हर धक्के पर उछलने लगी। मौसी काफी सालों बाद चुद रही थी।

जिससे वो जल्दी जल्दी अब तक 3 बार डिस्चार्ज (झड़) कर चुकी थी। मैंने मौसी को 20 मिनट तक अपने नीचे से हिलने नही दिया और लगातार मौसी की बुर में अपना लंड बिना थके दौड़ता रहा।

उसके बाद मैं मौसी की बुर में ही झड़ गया और मौसी के उपर लेट गया। करीब 10 मिनट बाद मौसी ने मुझे उठने को कहा और मेरा लंड अपनी बुर से निकालकर अपनी बुर में कपड़ा ठूंस लिया और उठकर बाथरूम चली गई।

मैं भी अपने कपड़े पहनकर सो गया सुबह जब मेरी आंख खुली तो मौसी मेरे सामने बैठी थी। वो मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली उठ जा बेटा नहाकर तैयार हो जा मैं नहा धोकर अपने घर जाने के लिए तैयार था।

मौसी मुझे बाहर तक छोड़ने आई और चारों तरफ नज़र घुमाने के बाद मुझसे चिपक गई। और एक हाथ से अपनी साड़ी उठाकर एक हाथ से मेरा हाथ पकड़कर अपनी बुर पर लगा दिया। शरमाते हुऐ बोली एक बार में ये शांत नहीं हुई। इसे अब अच्छी खुराक चाहिए।

मैं बोला मौसी मैं खुराक तो अच्छे से देना चाहता था। पर तुम चीख पड़ती और तुम्हारे बेटे बहू सुन लेते तो क्या होता। तो मौसी बोली तुम्हारी दुकान में कब आऊं वहां तो हो मिलेगी न इसकी सही खुराक।

मैंने कहा ठीक है मौसी आपका जब भी मन करे तब आ जाना मैं आपकी बुर को अपने लंड की भरपूर खुराक दूंगा और वहां आपकी चींखो को सुनने वाला कोई नहीं होगा। मैं आपकी बुर को अपने लंड से फाड़ के रख दूंगा।

मेरी बातों को सुनकर मौसी मुस्कुराती हुए घर के अंदर चली गई और मैं अपने घर के लिए निकल गया। तो दोस्तों कैसी लगी आप सभी को मेरी और मौसी की चुदाई की कहानी।

उसके बाद भी मौसी ने मुझसे अपनी बुर चुदवाई कैसे ये मैं आपको कहानी के अगले भाग में बताऊंगा। इस कहानी का दूसरा भाग जरूर पढ़ें जो मैं जल्द ही आपलोगो के सामने पेश करूंगा।

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