तीन लड़कों ने रातभर किया मेरा गैंग बैंग

तीन लड़कों ने रातभर किया मेरा गैंग बैंग

मैं शीतल गोरखपुर की रहने वाली हूं। मेरी उम्र 42 साल है मैं अपने पति उम्र (50) और बेटे (22) के साथ रहती हूं। मेरे परिवार में हम तीन लोग ही है। मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं एक गृहणी हूं। दिखने में ठीक ठाक ही हुं। मेरे शरीर थोड़ा गोल मटोल है।

यानि की मेरे स्तन (चूचियां) 36D साइज की बड़ी बड़ी है और मेरे गोरे पेट पर थोडी चर्बी है जो गैर मर्दों को मेरी ओर आकर्षित करती है। जब मैं कभी बाहर निकलती हूं। तो गैर मर्द मेरी बड़ी बड़ी चूचियों और मेरे चिकने पेट के गहरी नाभि को निहारते रहते है।

अब मैं आप सभी को सीधे कहानी पर लाती हुं। मेरे साथ जो हुआ उसके ज्यादा ज़िम्मेदार मेरे पति है 42 साल की उम्र में भी मेरी चुदाई करवाने की इच्छा खतम नही हुई थी। रोज – रोज मुझे चुदने का मन करता था, पर मेरे पति अपनी बढ़ती उम्र के साथ ढीले पड़ने लगे थे। जब भी मेरा चुदने का मन करता तो वो कोई न कोई बहाना करके मुझे मना कर देते थे।

उसका नतीजा ये हुआ की मैं सेक्स के लिए पागल सी होने लगी तभी मेरी दोस्ती मेरे मोहल्ले के एक मर्द से हुई जो उम्र में मुझसे 10 साल का छोटा था, पर मेरी चूत की आग ने मुझे ये सब करने पर मजबूर कर दिया। मैं खुद ही चाहती थी की वो मुझे चोदे लेकिन मै उससे सीधे चुदाई के लिए नहीं पूछ सकती थी। पहले मैंने उससे दोस्ती की और नजदीकियां बढ़ाने लगी और उसे पटाने लगी।

वो भी अब मुझसे फ्रैंक होने लगा कुछ दिनों में हमारे बीच सेक्स वाली बातें होनी शुरु हो गई। एक दिन उसी ने मुझसे पूछा की क्या मैं उसके साथ सेक्स करना चाहूंगी। पर उस वक्त मैंने उसके बात का जवाब नही दिया। मैं उसे और तड़पाना चाहती थी। फिर उसने वही सवाल किया? मैंने हिचकिचाते हुए कहा की अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा?

उसने कहा- किसी को पता ही नही चलेगा! उसने कहा की शाम को आप मोहल्ले के पीछे वाले जंगल में आ जाना मैं आपको वही मिलूंगा।

मैंने अपना उतावलापन छिपाते हुए थोड़ा सोचने के बाद सेक्स के लिए हां कह दिया। मेरे मन में चुदाई के लिए कितनी तड़प थी मैं ही जानती थी। आज मेरी चुदाई की तमन्ना पूरी होने वाली थी। इसबात से मैं अब बहुत खुश थी मन ही मन मुस्कुराते हुए मैं अपने घर चली गई।

शाम को 5 बजे जब थोड़ा अंधेरा हुआ तो मैं चुपके से मार्केट के बहाने से घर से निकल गई और जंगल में पहुंच गई। वो पहले से ही मेरा वहां इंतज़ार कर रहा था। जैसे ही मै उसके पास पहुंची उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और मेरे होठों को अपने होठों में दबाकर चुसने लगा।

मैं भी उसका साथ देने लगी मेरे होठों को चूसते हुए उसने अपने हाथ मेरे सीने पर जमा दिए और ब्लाउज के उपर से ही मेरी दोनों चूचियों को रगड़ने लगा। वो मेरी दोनों चूचियों को मजबूत पकड़ के साथ मिस रहा था। जिससे मुझे भी चुदाई का बुखार चढ़ने लगा था। मैं भी गरम हो चुकी थी और खुदको उसकी बांहों में सौंप चुकी थी।

फिर उसने पलक झपकते भर मेरी मेरी ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए और मेरी नंगी बड़ी बड़ी चूचियों को अपनी मुट्ठी में भरकर मसलने लगा। वो इतनी सख्ती के साथ मेरी चूचियों को मसल रहा था की मेरे मुंह से…. आ ह… आह…. आ.. ह… आहह… धीरे…आह…धीरे… आंह…. ओह..

मैं उसको अपनी बदन पूर्ण समर्पित कर चुकी थी। फिर उसने मेरी दोनों चूचियों को चूसना शुरू किया और मेरी दोनों चूचियों को दबा -दबा कर पीने लगा। मेरी चुचियों को चूसते हुए उसने अपनी पैंट की चैन खोल दी और अपना लंड पैंट से बाहर निकाल कर लटका दिया।

फिर उसने अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ाकर खड़ा करने का इशारा किया। मैं भी तुरन्त उसका लंड पकड़कर सोटे मारने लगी। धीरे – धीरे उसका लंड फूलकर बड़ा आकार लेने लगा। तब तक वो मेरी दोनों चूचियों को निचोड़ता रहा। उसने मेरी दोनों चूचियों को मसल – मसल कर लाल कर दिया था।

कुछ ही देरी में उसका लंड टाइट होकर तैयार हो गया। उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा मैं भी तुरन्त जमीन पर घोड़ी बन गई। फिर उसने मेरी साड़ी को पिछे से उपर मेरी पीठ तक उठाया और मेरी नंगी  चौड़ी गांड पर अपना हाथ फेरते हुए अपना लंड मेरी चूत पर टिकाने लगा।

जैसे ही उसने मेरी चूत की छेद पर अपना लंड रखा मुझमें एक अजीब सा नशा चढ़ने लगा। फिर उसने मेरी गांड को पकड़कर एक लंबा धक्का मारा जिससे उसका लंड एक बार में ही मेरी चूत में समा गया उसके धक्के से मेरी चिंखा पड़ी… आन्ह.. उई… ई…मां…आह… मेरी ये चींख दर्द के मारे नही इतने दिनों बाद लंड मिलने की खुशी में निकली थी।

फिर उसने मुझे आगे से पूरा जमीन पर दबा दिया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर मेरी चूत की सवारी करने लगा। वो मेरी चूत में धक्के पे धक्के लगाने लगा। उसके हर धक्के से मेरी आत्मा संतुष्ट हो रही थी चुदाई के मज़े में हमें पता ही नही चला की कब हमारे मोहल्ले के तीन लड़के चुपके से दबे पांव वहां कब पहुंच गए।

वो पता नही कब से हमारी चुदाई देख रहे थे। जब मेरी नजर पड़ी तो मैंने देखा की (24-25) साल के तीन लड़के हमारे पीछे खड़े होकर मेरी चुदाई देख रहे है और उनके हाथ में फ़ोन भी था जिससे वो मेरी चूत और गांड की नंगी चुदाई वाली वीडियो भी बना रहे थे। और वो बेखबर मेरी चूत में अपना लंड पेले जा रहा था।

मैंने घबराकर मुझे चोदने वाले आदमी को धक्का देकर हटाया और अपनी चूत और गांड को अपनी साड़ी से ढकती हुए सीधी अपने घर की ओर भागी मुझे भागता देखा वो तीनों लड़कों ने मुझे ओ आंटी.. ओ आंटी… कहकर पुकारने लगे। पर मैं सीधी दौड़ती हुई भाग कर अपने घर आ गई।

मैं घर तो आ गई पर मुझे कितनी शर्म आ रही थी। मैं आपको बता भी नही सकती थी। जो लड़के मेरे सामने बड़े हुए और मेरे बेटे के दोस्त है मैं उनके सामने रंडियों की तरह चुद रही थी वो भी गैर मर्द से मेरी तो इज्ज़त उनके सामने खत्म हो गई थी उनके पर मेरी चुदाई का वीडियो भी था। मुझे बहुत डर लग रहा था। की कही ये बात वो लड़के मोहल्ले में न फैला दे।

नही तो मैं और मेरा परिवार कही मुंह दिखाने लायक नही रहेगा। मैं बहुत हताश और डरी हुई थी। मैं इतनी डर गई थी मुझे बुखार आ। गया। मैं मन ही मन बस यही कामना कर रही थी की वो तीनों लडके मेरी चुदाई वाली बात न फैला दे। वरना मोहल्ले वाले मुझे रण्डी कहने लगेंगे।

दो दिनों तक मैं लाज के मारे घर से नही निकली न ही अड़ोस पड़ोस के लोगों ने मुझे कुछ कहा न ही मेरे बेटे ने सब कुछ पहले की तरह ही था। उसके एक दिन बाद मेरे पति और बेटे को 2 दिनों के लिए गांव जाना पड़ा। अब मैं ही अकेली घर पर थी। उसदिन भी दिन ठीक ठाक ही निकला। मैं अभी भी लाज शर्म के मारे घर से नही निकल रही थी, की कही उन तीनों लड़को से मेरा सामना न हो जाए।

जिस दिन मेरे पति और बेटा गांव गए थे उसी रात को करीब 11 बजे  मेरे घर के दरवाज़े पर लगातार दस्तक हुई मैं सोई हुई थी। जब मैंने उठकर दरवाज़ा खोला तो दरवाज़ा खोलते ही वो तीनों लडके घर में घुस आए। मैं घबरा गई तभी उसमें से एक लड़के (सुमित) ने मुझे भी अंदर खींचकर जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया।

अब वो तीनों लड़के मुझे घेरकर खड़े हो गए! फिर उसमें से एक लड़के (शनि) ने मुझसे कहा की आंटी हमें आपके साथ वही करना है जो आप जंगल में उस आदमी के साथ कर रही थी। आप अब हम तीनों के लंड का स्वाद चख लो। आपको बहुत मजा आएगा

मैंने कहा नहीं” तुम लोग मेरे बेटे के उम्र के हो और उसके दोस्त हो ” फिर उसमें से एक लड़के (अमर) ने कहा आंटी आपको हमारा जवान लंड बहुत पसंद आएगा और आपकी चुदाई की इच्छा भी पूरी हो जायेगी। सोंच लो फ़ायदे का सौदा है वरना नुकसान आपका ही होगा। हमारे पास वीडियो है आपकी अगर हम आपकी वीडियो को आपके बेटे को दिखा दे तो क्या होगा?

ये कहकर उसने अपने फ़ोन में मेरी वीडियो चला दी और मुझे दिखाने लगा। उस वीडियो में मेरी शक्ल साफ साफ दिख रही थी और मेरी चूत में घुसा हुआ लंड साफ दिख रहा था। मैं उनकी बातें सुनकर घबरा गई।

फिर उन्होंने कहा आंटी आप चाहो तो ये बात हमारे बीच ही रहेगी। मैंने कहा प्लीज़ ये बात किसी को मत बताना नही तो मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नही रहूंगी। तो सुमित ने कहा ठीक है फिर आप हमें चोदने दो। मैं मुरझाई शक्ल लेकर चुप उन तीनों के बीच खड़ी रही।

वो तीनों मुझे घेर कर खड़े थे फिर सुमित ने मेरी साड़ी का पल्लू पकड़ा और खींच दिया और शनि ने सीधे अपने हाथ से मेरी छाती को दबाने लगा और अमर अपनी पैंट उतारने लगा। फिर शनि ने मेरी ब्लाउज के बटन को खोल दिया और ब्लाउज को मेरे शरीर से निकालकर फेंक दिया।

शनि मेरी नंगी चूचियों से खेलने लगा मैं अपनी नज़रे नीचे गड़ाए खड़ी रहीं फिर वो मेरी दोनों चुचियों को अपने हाथों मे लेकर दबाने लगा और चुसने लगा। वो मेरी चुचियों को चूसते हुए बोल रहा था वाह!! आंटी आपकी चूचियां तो बड़ी नर्म और कोमल है। मैं आज आपकी चुचियों भी खूब निचोडूंगा।

फिर सुमित ने मेरी कमर में हाथ डाला और मेरी साड़ी को खोलने लगा पलक झपकते ही उसने मेरी साड़ी को खोल दिया अब मैं उन तीनों चूत के भूखों के सामने एक पतली सी पेटीकोट में खड़ी थी। सुमित पूरा नंगा हो चुका था। फिर उसने मुझे पिछे से पकड़ा और अपने दोनो हाथों को आगे बढ़ाकर मेरी दोनों चूचियों को मसलने लगा।

और पीछे से अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ने लगा। जैसे ही उसका लंड मेरी गांड पर महसूस हुआ तो मेरी तो जान ही सुख गई सुमित का लंड बहुत मोटा था। मैं बिना देखे ही समझ गई की उसका लंड मेरे पति के लंड से बड़ा और दुगना मोटा था। फिर उसने मेरे पेट को पकड़ा और जोर जोर से अपना लंड मेरी गांड की दरार में दबाने लगा।

जब वो मेरी गांड की दरार में अपना लंड दबा रहा था तब मेरी सूरत रोने जैसी हो गई थी। सोच रही थी की जब ये अपना लंड मेरी चूत में डालेगा तो मेरा क्या होगा। मैं उसके लंड के साइज का अंदाजा लगा चुकी थी उसका लंड करीब 8″ लंबा और 4″ मोटा था। मैंने कभी जिंदगी में इतना मोटा लंड नही देखा। उस वक्त शनि और अमर मेरे सामने खड़े होकर अपने कपड़े उतार रहे थे। और सुमित जब मेरी गांड पर लंड रगड़ रहा था तो वो दोनों हस रहे थे।

तभी शनि ने अमर से कहा की जब सुमित आंटी की चूत में लंड डालेगा तो उनकी चूत फाड़ देगा। तो अमर ने कहा अरे इनकी चूत तो पहले से ही फटी हुई है न जाने कितनी बार और किस किस से चुद चुकी है। हमें कोन सा इनसे शादी करनी है। बस आज की रात इनकी चूत की दावत उड़ानी है और अपने लौड़े को शांत करना है।

उनकी बातें सुनकर सुमित ने कहा चलो फिर समय बर्बाद क्यों? इतना कहकर उसने मेरी पेटीकोट के डोरी वाले हिस्से को दोनो हाथों से पकड़ा और मेरी पेटीकोट को एक बार में ही चीर दिया और पेटीकोट की डोरी को तोड़ दिया अब मैं बिल्कुल नंगी हो चुकी थी।

अब उनको मेरी नंगी चूत दिखाई दे रही थी। मेरी नंगी चूत को देखते ही उन तीनों में होड़ मचने लगी अमर ने लपककर अपनी उंगली को मेरी चूत में उतार दिया और अपनी उंगली को मेरी चूत में घुमाने लगा। फिर सुमित ने उसे हटाया और बोला हटो पहले मुझे इस रण्डी की चूत मारने दो।

सुमित ने कहा चलो तुम दोनों इसको कंधे के सहारे हवा में उठाओ आज मैं आंटी की चूत को हवा में चोदूंगा। तो शनि और अमर दोनों मेरे अगल बगल आ गए और उन दोनो ने मुझे अपने कंधो के सहारे हवा में उठा लिया फिर उन दोनों ने मेरी एक – एक टांग को पकड़कर फैला दिया अब मैं उन दोनो के कंधे पर हवा में लटक रही थी।

अब सुमित मेरे करीब मेरी दोनों टांगों के बीच आकर खड़ा हो गया और मुझे किस करता हुआ अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा। उसी वक्त पहली बार मेरी नजर उसके लंड पर गई। जिसे देखकर मेरी जान फिर से सुख गई क्यूंकि उसका लंड मेरी कल्पना से भी लंबा और मोटा था। उसके लंड का सूपड़ा तो मानों मशरूम के टोपे जैसा गोल था।

फिर उसने अमर को कहा तुम आंटी का मुंह बन्द कर दो क्युकी जब मैं लंड इनकी चूत में डालूंगा। तो ये रोने चिंखने लगेगी। अमर ने वैसा ही किया फिर सुमित ने अपने लंड के सुपड़े पर थोडा सा थूक लगाया और सीधे मेरी चूत की छेद पर अटका दिया और मेरी गांड को पकड़ता हुआ कसकर धक्का मारा जिससे उसका मोटा तगड़ा लंड मेरी चूत की दीवारों को चीरता हुए अंदर घुस गया।

मुझे उससे इतना दर्द हुआ की मैं चीख पड़ी और जोर जोर से रोने लगी। अमर ने मेरे मुंह को दबा लिया था जिससे मेरी आवाज ज्यादा जोर से नही निकली फिर सुमित धीरे धीरे धक्के मारने लगा अब उसका पूरा लंड मेरी चूत में जा रहा था। उसके लंड के असमान्य साइज के चलते मुझे अभी भी दर्द हो रहा था।

पर अब मेरा विरोध खतम हो चुका था। मुझे थोड़ा मजा भी आने लगा था। सुमित के मोटे लंड की वजह से मेरी चूत की भीतरी दीवारे अच्छे से रगड़ रही थी सुमित के लंड ने मुझे 10 मिनट में ही झाड़ दिया मै उसके लंड के उपर ही झड़ गई। मेरी चूत में चिकनाहट आ चुकी थी जिससे अब सुमित का लंड अब मुझे दर्द नहीं मजा दे रहा था।

तभी अमर ने कहा सुमित तू आंटी की चूत मार मै तब तक आंटी की गांड मार लेता हूं। मैं अमर की बात पर थोड़ा घबरा गई और बोली गांड नही गांड मत मारो तो अमर ने कहा आंटी आज जैसे चाहेंगे वैसे चोदेंगे तुम्हें प्यार से चुद लो। फिर सुमित ने मुझे अपनी गोद में पकड़ लिया और अमर ने अपने लंड पर थोडा थूक लगाया और मेरी गांड की छेद को अपने लंड से टटोलने लगा।

फिर एक झटके में ही अमर ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया और अब वो दोनों मुझे बीच में दबाकर मेरी चूत और गांड मारने लगे। सुमित तो मेरी चूत में दबा – दबा कर लंड पेल रहा था। पीछे से अमर भी मेरी गांड में अपना लंड डाल रहा था। मेरी गांड की छेद टाईट थी। इसलिए अमर के लंड का पानी जल्दी ही निकल गया।

उसके बाद अमर पीछे हट गया फिर शनि ने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और वो भी लंबे लंबे धक्के देकर मेरी गांड चोदने लगा। करीब 5 मिनट बाद सुमित मेरी चूत को चोदते हुए मेरी चूत में ही झड़ गया।

उसके बाद उसकी जगह अमर ने ले ली अब अमर मेरी चूत चोदने लगा और शनि मेरी गांड मारता रहा अभी भी मैं दो मर्दों के बीच दबी हुई अपनी गांड और चूत चुदवा रही थी। कुछ देर बाद दोनों झड़ने को आ गए उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और अमर और शनि दोनो ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया।

दोनों ने अपने लंड का पानी(वीर्य) मेरे मुंह में ही छोड़ दिया मेरा मुंह उनके वीर्य से भर गया था। कुछ तो मैंने उगल दिया पर कुछ अंदर चला गया था। कुछ देर आराम करने के बाद सुमित का लंड फिर से कड़क हो गया। उसने मुझे बिस्तर के किनारे पर खींचा और मेरी दोनों टांगों को आपस में चिपकाकर उपर उठा दिया।

जिससे मेरी चूत का छेद मेरी जांघो से दबकर और तंग (टाईट) हो गया। फिर उसने अपना लंड पकड़कर मेरी चूत के छेद पर लगाया और एक धक्के में ही आधा लंड मेरी चूत में उतार दिया। उसका लंड चूत में घुसते ही मुझे रोना आ गया बहुत दर्द हो रहा था। तभी शनि मेरे चेहरे के आगे आकर बैठ गया और अपना लंड मेरे मुंह में डालकर मेरे मुंह में लंड से धक्के मारने लगा।

मेरे मुंह में लंड घुसने से मेरी आवाज दब गई सुमित मेरी टांगों को ऊपर उठाए मेरी चूत को किसी बेरहम जानवर की तरह चोदे जा रहा था। पूरे कमरे में पलंग के जोर जोर से चर्चराने की आवाज के साथ चुदाई की चट्ट… चट्ट…..गीली चूत में लंड घुसने की फच्च… फ र र.. फच्च… की आवाज सुनाई दे रही थी।

कुछ देर तक मेरी चूत और मुंह दोनों की चुदाई एक साथ चली फिर शनि ने अपना लंड मेरे मुंह से निकाला और अपने लंड की मुट्ठ मारता हुआ मेरे चेहरे पर ही झड़ गया। मेरा पूरा चेहरा शनि के वीर्य से ढक चुका था। उसके करीब 15 मिनट बाद सुमित फिर से मेरी चूत में ही झड़ गया।

उसके विशाल लंड से ढेर सारा माल निकला जो मेरी चूत से रिसकर बाहर निकल रहा था। कुछ देर तक सभी हांफते हुए एक दूसरे के अगल बगल बिस्तर पर पड़े रहे मेरी तो हालत खराब हो चुकी थी। मेरी चूत की छेद की की चमड़ी लगातार रगड़ने के कारण गरम होकर लाल हो गई थी।

करीब 1 घंटे रेस्ट करने के बाद अमर और शनि मेरे पास आए शनि मेरे बगल में लेट गया अमर ने मुझे शनि के उपर पेट के बल लेटा दिया और बोला शनि तू नीचे से चूत मार मैं उपर से गांड मारूंगा शनि ने पहले अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। फिर पीछे से अमर ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया।

ऐसा लग रहा था की आज मेरे शरीर की हर छेद को ये तीनों मिलकर फाड़ डालेंगे। फिर शनि नीचे से अपनी कमर उछालकर मेरी चूत में धक्के मारने लगा और अमर मेरी गांड पर अपनी कमर पटककर मेरी गांड में दना दन मेरी गांड मारने लगा। अमर बड़ी तेजी और बेरहमी से मेरी गांड चोद रहा था। लंबे लंबे तान देकर मेरी गांड में तेज़ी से अपना लंड घुसा रहा था।

मैं करीब 20 मिनटों तक दो लंड के बीच पिसती रही फिर वो दोनो में एक गांड में और एक मेरी चूत में झड़ गए। उसके बाद उन्होंने मेरी चूत और गांड से अपना लंड निकाला और दूसरे कमरे में जाकर सो गए। अब मैं नींद से बेहाल सुमित के सामने नंगी पड़ी थी। अब मुझमें चुदने या चुदाई झेलने की हिम्मत नही थी।

पर सुमित अपने लंड की पर ताव दे रहा था। वो मेरे पास आया और मेरा सर अपनी गोद में रखकर अपने लंड मेरे मुंह में डालकर चुसने को कहा। मैं नींद से बेहाल धीरे – धीरे उसका लंड चुसने लगी। उसका मोटा लंड मेरे मुंह में अच्छे से समा भी नही रहा था करती भी क्या?

कुछ ही देर में उसका लंड फिर से तन गया अब हम दोनों ही उस कमरे मे अकेले थे। उसने पहले तो मुझे पलंग के बीचों बीच पेट के बल लेटा दिया। मैं नींद की बेहोशी मे समझ ही नही पा रही थी। वो क्या कर रहा था। बाद थोड़ी सी आंख खुली थी तो सब कुछ नजर आ रहा था। फिर उसने मेरी ब्लाउज को मेरे मुंह में ठूंस दिया।

ताकि मेरी चीख न निकले फिर उसने मेरी कमर/पेट के नीचे तकिया लगाया और कमरे में पड़ी तेल की शीशी से तेल लेकर मेरी गांड की दरार में भरने लगा जैसे ही तेल बहकर मेरी गांड की छेद तक आया उसने अपने लंड को मेरी गांड की छेद टिका दिया और तेल को नीचे बहने से रोक लिया जिसे ही मेरी गांड की छेद पर तेल जमा होने लगा।

उसने अपना लंड मेरी गांड की छेद पर दबा दिया जिसे उसका लंड सरककर मेरी गांड में घुस गया। उसका लंड मेरी गांड में घुसते ही मेरी नींद उड़ गई और मैं दर्द के मारे रोने लगी। उस वक्त मुझे इतना दर्द हुआ की मैं बता नहीं सकती। जब पहली बार मेरे पति ने मेरी गांड मारी थी तब भी इतना दर्द नहीं हुआ था पर उसने मेरे मूंह को अपने हाथों से ढक लिया और मुझपर लेट गया।

उसके लेटते ही उसका बचा हुआ लंड भी मेरी गांड में घुस गया। कुछ देर वो वैसे ही बिना हिले डुले मेरे उपर लेटा रहा जब मेरा चीखना चिलाना और रोना बन्द हुआ तब उसने धीरे धीरे अपनी कमर चलानी शुरु की अभी भी मुझे दर्द हो रहा था। पर उतना नहीं अब वो मज़े से मेरी गांड मारने लगा। उसके लंड की मार खाकर मेरी गांड की छेद चौड़ी होती गई।

कुछ 15 मिनट तक वो मेरी गांड चोदता रहा फिर उनसे अपना बीज मेरी गांड के अंदर ही निकाल दिया। फिर हम दोनों अलग अलग होकर सो गए। करीब रात के 3 बजे शनि और अमर फिर से आ गए और मुझे फिर से चोदा दोनों ने एक – एक बार मेरी चूत एक – एक बार मेरी गांड मारी सारी रात रुक रुककर मेरी चुदाई चलती रहीं।

उस रात को तो मैं अपनी जिंदगी में भूल नहीं सकती उस रात के बाद मुझे मेरी चूत और गांड में मेरे पति के लंड से कोई असर ही नही होता अब सुमित के मोटे लंड के आगे पति का लंड मिर्ची लगने लगा। शनि और अमर से तो नही पर मैं आज भी सुमित से चुदवाती हूं। अभी भी मेरा और सुमित का अफेयर चल रहा है।

उस रात तीनों ने मुझे चोदने के बाद वो वीडियो अपने फोन से डिलीट कर दिया और जंगल वाली बात को राज रखने का वादा किया। अब मैं सुमित से लगातार चुदती हूं। एक बार तो मैं उससे प्रेगनेंट भी हो चुकी थी। ये बात मेरे और सुमित के बीच में ही रहती है। तो दोस्तों कैसी लगी मेरी ये कहानी – तीन लड़कों ने रातभर किया मेरा गैंग बैंग

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