सीमा की पैंटी

सीमा की पैंटी, ये कहानी मेरी और मेरे घर में रहने वाले एक फैमिली के बेटी के बीच की है। मैं ये कोशिश करूंगा कि मैं आप सभी को ये कहानी अच्छे से लिख के बता सकूं।

दोस्तों मेरा नाम आकाश है, मैं एक 22 वर्ष का नौजवान हूँ। मैं कॉलेज में पढ़ाई करता हूँ। मेरे बहुत से सपने थे मैं बहुत ही महत्वाकांक्षी हूँ। मेरे सपनों में से एक सपना ये भी था कि मैं किसी औरत या लड़की के साथ सेक्स करूँ।

पर शर्मिले स्वभाव का होने के कारण मेरी कोई लड़की दोस्त या गर्लफ्रैंड नही थी। मैं वैसे तो अपनी जिंदगी में बहुत खुश था पर मैं अब भी वर्जिन था। मुझे बस सेक्स की तलब लगी रहती थी। मैं थोड़ा पतला दुबला हूँ जिससे मेरा कॉन्फिडेंस लड़कियों के आगे पस्त हो जाता था।

मैं हमेशा अपने अगल बगल की औरतों को अपने सपनों में अपनी मन की कल्पना से उनको नंगा करके चोदता और यही सब उन औरतों के बारे में सोच कर अपना लन्ड मुठियाता भी था। बस इसी तरह मेरी जिंदगी चल रही थी।

अंदर ही अंदर घुटकर मैं हवस का पुजारी बन चुका था। यहाँ तक कि मैं चोरी चुपके नहाती हुई औरतों को भी देखा करता था। मैं रोज़ रोज़ दिन में 3-4 बार मूठ मारा करता था। मुठ मारते मारते मेरा लन्ड बड़े और मोटे आकार में विकसित हो चुका था। इतना पतला शरीर पर लन्ड बहुत मोटा चुका था।

फिर एक दिन एक परिवार मेरे मकान में किराए पर रहने आया उनके परिवार में बस तीन ही लोग थे, पति पत्नी और उनकी एक बेटी सीमा थी, जो मुझसे 2 साल छोटी थी। पर थी खूबसूरत!! मेरे परिवार में भी हम तीन लोग ही थे, और घर बहुत बड़ा था।

इसलिए हमने उन्हें 2 कमरे किराये पर दे दिए। वो भी हमारे साथ रहने लगे कुछ ही दिनों में वो हमसे घुल मिल गए थे, मेरी माँ और सीमा की माँ में दोस्ती हो गयी थी, और सीमा के पापा मेरी पापा के दोस्त बन गए थे।

पर मैं सीमा से बात करने से घबराता था। ऐसा नही है कि हमारे बीच बात नही होती थी, लेकिन बस काम भर….

वो देखने में बहुत खूबसूरत थी इस छोटी सी उम्र में भी उसकी बूब्स 34 के हो चुके थे, और गांड उभरी हुई लेकिन उसका कद 5 फुट के आस पास ही था। वो घर मे ज्यादा स्कर्ट और टॉप ही पहना करती थी, स्कर्ट भी बस घुटनों तक ही पहना करती थी। मैं उसे भी अपने सपनें में नंगा देखकर उसकी चुदाई की कल्पना करता था।

अब सीमा को हमारे यहाँ रहते हुए एक साल हो चुके थे, इन एक साल में मैंने बस एक दो बार ही उससे बात की थी। जैसे मैंने आपको पहले ही बताया है कि मैं थोड़ा शर्मिले किस्म का हूँ।

तो बात गर्मियों की है एक दिन अचानक से शाम को बारिश का माहौल बन गया था, जोर जोर से हवाएं चल रही थी। मैं घर मे ही था तो मम्मी ने मुझे छत पर सुख रहे कपड़े उतारने को कहा मैं भाग कर कपड़े उतारने चला गया। मैं जैसे ही आधी सीढ़ी पर पहुँचा तो देखा सीमा छत से कपड़े का ढेर अपने हाथों में लिए आ रही थी।

मुझे छत की ओर जाता देख उसने मुझसे कहा मत जाओ छत पर मैंने तुम लोगों के कपड़े भी उतार लिए है। फिर वो मेरे पास आई और मेरे घर के कपड़े वो मुझे देने लगी। कपड़े की ढेर अपने हाथों में लिए वो मुझे मेरे घर के कपड़े छांट कर देने लगी।

उसी चक्कर में उस कपड़े की ढेर में से सीमा की पैंटी मेरे पैरों के पास गिर गयी। पैंटी देखते ही मैं समझ चुका था कि ये उसी की पैंटी है। एकदम नई डिज़ाइन की पैंटी थी। मैंने उसकी पैंटी उठाई सीमा ने झट से अपनी पैंटी मेरी हाथों से छीनते हुए कहा ये मेरी है और शर्मिंदगी वाली हसी के साथ वहाँ से चली गयी।

मुझे भी ये सब थोड़ा अजीब लगा कि मैंने किसी लड़की के सामने उसकी पैंटी को हाथ लगाया। उसके बाद मैं नीचे आ गया देखा तो सीमा मेरे ही घर मे खड़ी थी। और मेरी मम्मी को बचे हुए कपड़े दे रही थी।

जब मेरी नज़र सीमा पर पड़ी तो सीमा अपनी नज़रे नीचे करके वहाँ से निकल गयी। मेरा ध्यान उसकी पैंटी पर अटक चुका था और मेरा लन्ड मेरी पैंट में दस्तक करने लगा था। उसकी पैंटी की खुशबू मेरे हाथों पर महसूस करके मैं अपने कमरे में अपने लन्ड की मसाज करने लगा। सीमा की चुदाई के सपने देखते देखते मेरा लन्ड पिचकारी मारता हुआ झड़ गया।

अगले दिन दोपहर होने को था, सीमा अपने कमरे से नहा कर निकली और गीले कपड़े लेकर छत की ओर गयी थी। मेरा मन हुआ कि क्यों न सीमा की पैंटी और ब्रा को सूंघकर उसकी खुसबू ली जाए। तो 1 घंटे बाद जब दोपहर में सब सो गए।

तब मैं चुपके से छत पर गया और देखा तो सीमा के कपड़े सुख रहे थे, सीमा ने अपनी लाल पैंटी और ब्रा अपनी टॉप के नीचे सूखने रखा था। मैंने उसकी पैंटी उठाई और चुपके से लेकर अपने कमरे में आ गया। और उसकी पैंटी अपने चेहरे से लगाकर सूंघने लगा।

मैं उत्तेजित हो चुका था। मैंने उसकी पैंटी को बिस्तर पर फैला दिया और अपनी पैंट नीचे करे अपना मोटा लन्ड मुट्ठी में भर कर फेटने लगा। साथ ही सीमा को नंगी मेरे सामने लेटी होने की कल्पना करने लगा। जिससे कुछ ही देर में मेरा वीर्य बाहर निकल गया। मैंने सारा वीर्य सीमा की पैंटी में पोंछ दिया।

वीर्य लगने से सीमा की पैंटी पर वीर्य के सफेद धब्बे लग गए थे। मैंने वैसे ही उसकी पैंटी को छत पर जहाँ थी वहीं रख दी। दूसरे दिन मैंने गौर किया कि सीमा मुझे अजीब गुस्से वाली नज़रों से घूर रही थी। फिर उस दिन भी मैंने सीमा की गीली पैंटी और ब्रा दोनों छत से उतार कर अपने कमरे में ले आया।

फिर मैंने अपना लन्ड निकाल कर मुट्ठ मारने लगा और अपना सारा वीर्य सीमा की पैंटी और ब्रा पर अच्छे से फैला दिया मेरा वीर्य इतना ज्यादा और गाढ़ा था कि सीमा की पैंटी और ब्रा वीर्य सोंख ही नही रहे थे। ऊपर से उसकी पैंटी , ब्रा दोनों ही गीले थे। मैंने फिर से उसकी पैंटी और ब्रा छत पर रख दी और अपने कमरे में लौट आया।

अगले दिन जब मैं अपने रूम में टीवी देख रहा था। तब मेरे फ़ोन पर सीमा का कॉल आया उस वक़्त वो थोड़े गुस्से में लग रही थी। उसने मुझे छत की सीढ़ियों पर बुलाया मैं वहाँ पहुँचा तो देखा सीमा वहाँ पहले से ही खड़ी थी। उसने अपने दोनों हाथ पीछे करके कुछ पकड़ा हुआ था।

मैं उसके पास पहुंचा तो मैंने पूछा कि क्या हुआ क्यों बुलाया मुझे!! पर वो चुप रही मेरे दुबारा पूछने पर उसने अपनी ब्रा और पैंटी में लगी वीर्य की दाग दिखाते हुए बोला ये तुमने क्या किया है। मेरे कपड़ो में ये सब??

मैं अनजान बनकर बोला क्या हुआ है। वो सफ़ेद दाग दिखाती हुई बोली इसमें जो लगा है वो तुमने ही लगाया है ना?? मैं चुप रह सोचा कि बात टाल देता हूँ। लेकिन तभी सीमा ने कहा कि मैंने तुम्हें मेरी पैंटी उठाते हुए देखा था। मैं चुप रह गया….

फिर वो बोलने लगी कितने गंदे हो तुम इतनी ही गरमी है तो कही और निकालो अपनी गरमी मेरे कपड़े क्यों खराब किये? तुम्हारी वजह से मैंने अंदर कुछ नही पहना मुझे कितना अजीब लगता है तुम्हे पता है? स्कर्ट में ये पहनना जरूरी होता है मेरे लिए।

तभी पता नही मुझे क्या हो गया मेरी शर्म तो कही गुम ही हो गयी जैसे ही मैंने उसके मुँह से सुना कि उसने स्कर्ट के नीचे कुछ पहना नही है। तुरंत ही मैंने अपना हाथ नीचे से उसकी स्कर्ट में घुसा दिया। मेरा हाथ सीधा उसकी चुत से टकराया।

अपनी चुत पर मेरे हाथ का स्पर्श पाकर वो एक दम से मचल गयी। झट से मैंने उसकी जाँघों के बीच अपनी उंगली उसकी चुत पर जमा दी। और उसे दीवार से सटा कर किश करने लगा। ये सब इतना जल्दी जल्दी में हुआ कि उसके कुछ समझने से पहले मेरे होंठ उसके होंठो को अपनी गिरफ्त में कर चुके थे।

वो मुझे अपने से दूर धेकेलने की कोशिश कर रही थी पर मैंने अपनी एक उंगली उसके चुत में धेकेल दी। उसके मुँह से ईसससस…अईई…आन्हा…ह्म्म्म….उम्मह ह ह…. टाइट चुत में उंगली जाने से आवाज निकलने लगी।

मैं ज्यादा देर नही करना चाहता था। पर अभी भी वो मेरा विरोध कर रही थी। पर मेरे होंठो के चुम्बन से वो मदहोश होने लगी थी। वो थोड़ी ढ़ीली पड़ चुकी थी, पर मैंने उसे दीवार से चिपका कर ही रखा था, मेरा लन्ड एक कड़क रॉड की तरह बनकर सीमा की चुत और जांघो पर रगड़ खा रहा था।

सीमा को दीवार से सटाये एक हाथ से अपनी पैंट और चड्डी एक साथ उतारते हुए नीचे करदी। सीमा मेरे मोटे लन्ड को देखकर घबराहट में नही…नही….नही करने लगी और मुझे धकेलने लगी। पर मैं आज उसकी चुत चोद कर ही छोड़ने वाला था। तो मैंने पीछे से सीमा की जांघो पर हाथ फेरते हुए उसकी दोनों जाँघे दोनों हाथों से पकड़ ली।

फिर मैंने सीमा की दोनों जांघो के बीच हाथ लगा कर उसे उठाकर अपनी कमर पर खींच लिया अब एक तरफ से सीमा दीवार पर दबी और दूसरी ओर मुझसे दबी मेरी कमर पर बैठी थी। जैसे उसने पहले ही बताया था कि उसने अपनी पैंटी नही पहनी थी। तो उसके चुत के बाल सीधे मेरी कमर पर गड रहे थे।

मैं उसे अपनी कमर से उसकी को कमर दबाए उसे दीवार से टिकाकर उसे अपनी गोद में बिठाये हुए था। फिर मैंने उसकी जवान मस्त मुलायम जांघो को सहलाते हुए मैंने उसकी स्कर्ट को ऊपर की तरफ पलट दिया। अब मुझे सीमा की नंगी चुत,जाँघे और पेट के नीचे का हिस्सा साफ दिखने लगा। वो शरम से अपनी नज़रे चुराने लगी।

फिर मैंने पीछे से हाथ लगा कर उसकी गांड के दोनों हिस्सो को अलग अलग करके गांड की छेद टटोलने लगा, और नीचे से उसकी छोटी-छोटी झाँटो से भरी नरम चुत पर अपना मोटा लौड़ा मलने लगा। वो इस..स..स.स ह ह ह.. उम्मम्म..अ ह ह… करने लगी।

पर वो अब भी खुलकर मेरा साथ नही दे रही थी। अभी भी उसकी नज़रो में विरोध था पर मैं उस पर काबू कर चुका था इसलिए वो कुछ कर नही पा रही थी। मैंने उसकी गांड दोनों चूतड़ों को खूब मसला उसके चूतड़ लाल हो चुके थे। मैं भी बहुत गरम हो चुका था। इतना गरम हो चुका था कि मेरे लन्ड से लार जैसा पानी निकलने लगा था।

फिर मैंने अपनी कमर थोड़ी पीछे खींची और अपने सुपड़े पर थूक मलते हुए मैंने सीमा की चुत के मुँह पर अपना सुपड़े को लगाया जिससे उसके शरीर मे कनकनी उठ गई। मुझे डर था कि कही मेरे मोटे लौड़े के उसकी टाइट चुत में अंदर घुसते ही वो ज्यादा ज़ोर से चिल्ला न पड़े।

तो मुझे एक आईडिया आया मैं नीचे तो उसकी चुत के दरवाजे पर अपने लन्ड का निशाना तो लगा ही रखा था। मैंने झट से पहले उसके होठ अपने होठों में दबा लिए फिर मैंने एक हाथ से अपना लन्ड पकड़ा और अपने हाथ के सहारे ही अपना लन्ड उसकी चुत में घुसाने की कोशिश करने लगा। इतने में ही उसे तेज़ दर्द होने लगा।

मैंने तो उसके मुँह में अपना मुँह घुसा कर उसकी आवाज को दबा दिया। अब तक मेरे लन्ड का अगला हिस्सा उसकी चुत में घुस चुका था। और उसकी चुत का मुँह थोड़ा सा खुल गया था। लेकिन लन्ड का आधा हिस्सा भी उसकी चुत में नही घुसा था। तो मैंने झट से उसके टॉप को ऊपर कर दिया।

उसकी कड़क सख्त चुचियाँ अंदर से नंगी थी उसने अंदर ब्रा नही पहनी थी। तो उसका टॉप ऊपर उठाते ही उसकी एक मुट्ठी की चुचियाँ मेरे सामने नंगी पड़ी थी। उसकी नंगी अनछुई चुचियों को तो देख मैं जैसे पागलों की तरह उनपर टूट पड़ा मैंने अपने सीने से उसकी चुचियों को दबा दबा कर वो मस्त हसीन पल का सुख लेने लगा।

उसकी गरम चुचियों की गर्मी मेरे सीने पर पड़ने से मैं मदहोश होने लगा। जैसे ही मैंने उसकी चुचियों को अपने हाथों में लेकर मसलने लगा वो अपनी मुँह में अपनी उंगली दबा कर आह.ह.ह.ह. उम्म.. उम्म..नई ई ई..ह..ह..ह मआआ ह… करने लगी। भले ही उसका चुदाई का मन न हो पर उसका शरीर चुदाई के लिए तड़प रहा था।

मैं तुरंत ही उसकी चुचियों को चूसने लगा और बारी बारी से उसके निप्पलों को अपने दांतों से काटने मसलने लगा उसकी सिसकिया और बढ़ गयी। इसी बीच मैंने मेरे लन्ड जो उसकी चुत में थोड़ा घुस के टेढ़ा हो गया था। उसे उसकी चुत के बाहर निकाला और उसकी चुत का सटीक निसाना बनाते हुए उसकी चुत में धकेल दिया।

अचानक लन्ड चुत में घुसने से उसकी जुबान दर्द से बाहर आ गयी और उसकी आँखों मे आंसू भर आये। लन्ड एक बार मे ही आधा घुस चुका था। फिर मैंने उसके जांघो के नीचे से अपने दोनों हाथों से उसकी चुत के होंठो को फैलाया और धीरे-धीरे करके अपना पूरा लन्ड उसकी चुत में डाल दिया।

उसकी चुत में पूरा लन्ड घुसाकर मैं थम गया और उसके दर्द के कम होने का इंतेजार करते हुए मैं कभी उसके होंठो तो कभी उसकी चुचियों को किस किये जा रहा था। करीब 5 मिनट के बाद वो सांत हो गयी। तो मैंने धीरे से अपना लन्ड चुत से बाहर निकाला और धीरे से फिर से चुत के अंदर डाल दिया। उसे थोड़ा तो दर्द हो रहा था पर पहले जितना नही

मैंने एक दो बार वैसे आराम से किया फिर मैंने धीरे धीरे अपने धक्के तेज़ करने लगा अब मैं घपा घप उसकी चुत पेलने लगा मैं अपना पूरा जोर लगाकर उसकी चुत चोदने लगा मेरे धक्कों से मेरे कमर के इर्द गिर्द लटकते हुए उसके पैर हवा में झूलने लगे। करीब 20-25 शर्ट्स लगाने के बाद उसकी चुत में गीलापन आने लगा। जिससे मेरा लन्ड गिला होकर सटा सट उसकी चुत में जाने लगा।

उसकी गीली चुत में 20-25 बिना रुके धक्के लगने के बाद मुझे लगा कि उसकी चुत मेरे लन्ड को कसने लगी है पर मैंने ज्यादा धयान नही दिया। फिर कुछ शॉर्ट मैंने उसकी चुत में लगा दिये। उसके बाद मुझे मेरे लन्ड पर कुछ ज्यादा ही कसाव लगने लगा मानो जैसे किसी ने मेरे लन्ड को रबड़ो से बांध दिया हो।

सीमा उस वक़्त में अपने शरीर को ऐंठने लगी और मेरा लन्ड जो पूरा उसकी चुत में घुसा हुआ था मेरे लन्ड के इर्द गिर्द भी किसी गरम चीज के बहने का एहसास होने लगा। तो तुरंत मैंने अपना थोड़ा सा लन्ड सीमा की चुत से बाहर खींचा तो देखा कि सीमा की चुत से निकलता धात(वीर्य) मेरे लन्ड से बहता हुआ जमीन और मेरी आड़ूओ पर बह रहा था।

सीमा झड़ चुकी थी ये देख मुझे अजीब से खुसी मिली और सीमा के चेहरे पर भी अजीब सी चमक बिखरी हुई थी। जो उसके छुपाए नही छुपने वाली थी। मैं उसकी खुसी में जम कर सीमा की चुत बजाने लगा मैं इतना ज़ोर ज़ोर उसकी चुत मार रहा था कि फच्च फच्च पच पच की आवाज उसकी चुत से आने लगी।

मैं बहुत देर से उसे अपनी टाँगो के सहारे उठाकर चोद रहा था। मेरी टाँगो में दर्द होने लगा था। मैंने उसे नीचे उतारा वो अपनी नज़रे झुकाए खड़ी थी। मैंने उसकी स्कर्ट का बटन खोल दिया और उसका स्कर्ट नीचे जमीन पर जा गिरा मैंने उसकी स्कर्ट को उसके पैरों से निकाल और सीमा को सीढ़ियों पर घोड़ी बनने को कहा।

वो शर्मा रही थी पहली चुदाई में वो अभी तक मुझसे खुली नही थी। मेरे घोड़ी बनने के लिए कहने पर भी वो खड़ी रही मैंने कहा अब मुझे ही अब कुछ करना पड़ेगा तो मैंने उसे सीढ़ियों पर घोड़ी बना दिया और पीछे बैठ कार उसकी दोनों टांगे फैलाकर बीच मे जगह बनाई।

उसके घोड़ी बनने की वजह से उसकी गांड और भी चौड़ी लग रही थी। तो मैंने मस्ती में उसकी गांड के दोनों हिस्सो पर थपड़ मारे वो कुछ बोली नही बस थपड़ से अपनी गांड बचाकर इधर उधर करने लगी। फिर मैंने पीछे से उसकी चुत में अपने लन्ड को घुसने की तैयारी में लग गया। इस बार लौड़े का अगला भाग आसानी से अंदर घुस गया बचा हुआ लौड़ा मैंने जबरदस्ती ठेल दिया।

अब मैंने चोद चोदकर उसकी चुत को फैला दिया था। मैं फिर से बड़े जबरदस्त तरीके से उसकी चुत को पेलने लगा। लगातार चुत में लन्ड रगड़ने से उसके चुत के होंठ लाल होने लगे थे। सीमा की चुत चोदते चोदते मैंने मस्ती मस्ती में अपनी एक उंगली में थूक लगाकर सीमा की गांड की भूरी टाइट छेद के अंदर डाल दी।

गांड में उंगली घुसते ही सीमा को दर्द हुआ लेकिन उसकी कामुकता बढ़ने लगी। मैं उसकी गांड में उंगली डाले ही उसकी चुत में लन्ड पेल रहा था। और एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था। मैं चरम पर आ चुका था मैंने अपने धक्के तेज़ कर दिये और मैं अब हाँफने भी लगा था। मैं छूटने वाला ही था कि मैंने अपना लन्ड सीमा की गांड के दोनों हिस्से के बीच की गहराई में दबा लिया।

और सीमा के सीने को अपने दोनों हाथों से जकड़े हुए मैं उसकी गांड की दरार में लन्ड दबाए उसके ऊपर लेट गया। मेरा लन्ड झटके ले लेकर झड़ रहा था। मैंने सीमा को तब तक अपने नीचे लिटा कर रखा जब तक मेरे लन्ड का सारा वीर्य ने सीमा की गांड की दरार को भर नही दिया। उसके बाद मैं उसके ऊपर से उठ गया

मेरा सारा धात(वीर्य) सीमा की गांड की दरार से बहता हुआ उसकी चुत और झाँटो को ढक चुका था। उसके बाद सीमा उठी और उसने अपनी पैंटी जो सीढ़ियों पर गिरी हुई थी। उससे अपनी गांड और चुत पर लगे धात(वीर्य) को साफ करने लगीं फिर उसने अपनी स्कर्ट पहनी और मेरी और गुस्से से देखते हुए मुझे एक चांटा मरती हुई चली गयी।

आखिर मैंने उसे अचानक चोद दिया था जिसके लिए शायद वो अभी तैयार नही थी। फिर शाम को मैंने अपना फ़ोन चेक किया तो सीमा ने मैसेज किया था। जिसमे लिखा हुआ था, तुम्हारा तरीका गलत था शायद तुम मुझसे पूछकर आगे बढ़ते तुम भी उन सभी मर्दो में से ही हो मैं तुम्हे सरीफ मानती थी। मैं तुम्हें प्यार करती हूँ शायद तुम्हे ये अभी तक पता नही होगा। पर तुम प्यार से भी मांग देते तो मैं तुम्हे सब कुछ दे देती।

मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं क्या करूँ मैंने उसे शाम को छत पर बुलाया और उससे माफी मांगी थोड़े नखरे दिखाने के बाद उसने मुझे माफ़ कर दिया। फिर मैंने उससे प्रपोज़ किया जवाब में वो मुझसे लिपट कर मुझे किस करने लगी। अब मैं उसे हर वक़्त जब चाहूं चोद सकता था। वो मेरी गर्लफ्रैंड कम बीवी ज्यादा थी। क्योंकि मुझे उसकी चुदाई के लिए कही जाने की जरूरत नही थी।

सब एक ही घर में थे इसलिए मैं खुश था कि वो मेरी बिना शादी के बीवी थी। जो हर वक़्त मेरे लन्ड की प्यास बुझाने को तैयार रहेगी। लेकिन हमारे बीच कुछ फिर हो पाता उससे पहले एक घटना हुई। मुझे सीमा की माँ की चुत चोदने का मौका मिल गया

error: Content is protected !!

DMCA.com Protection Status