सगी बुआ को पकड़कर सारी रात चोदा

हेलो दोस्तों मेरा नाम रोहित है मेरी उम्र 23 साल है मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं। अभी मेरी कॉलेज की पढ़ाई चल रही है। मैं दिखने में थोड़ा सांवला लंबा हट्टा कट्टा नौजवान हूं। मेरे घर में मैं मम्मी, पापा और बुआ और उनका 9 साल का बेटा हम 5 लोग रहते है।

आज मैं जो कहानी आप सभी को बताने जा रहा हुं। वो मेरे और मेरी बुआ के बीच घटी दरअसल एक अनचाही घटना ही समझ लो जो मेरी बुआ कभी नहीं चाहती की मेरे और उनके बीच में ऐसा कुछ हो। चलिए शुरू से बताता हूं की मैंने कैसे अपनी सगी बुआ को पकड़कर सारी रात चोदा।

सगी बुआ को पकड़कर सारी रात चोदा

मेरी बुआ की शादी 10 साल पहले हुई थी शादी के 3 साल के बाद उनके पति की मौत हो गई। उसके बाद से बुआ और उनका बेटा हमारे साथ ही रहते थे। मेरी बुआ देखने में ठीक ठाक गेहूए रंग की है। उनके बूब्स और गाड़ थोड़े बड़े बड़े आकार के है। उनका बाकी का बदन अभी भी एकदम फिट है। उनकी उम्र भी ज्यादा नहीं कोई 36 से 38 साल होगी।

वो हमेशा से सलवार सूट और जब घर में रहती थी तो सिर्फ नाइटी ही पहना करती थी। मैं जब से बड़ा और जवान हुआ था तब से मेरी गंदी नजर अपनी बुआ के उपर रहती थी। मैं बुआ के चुचियों और गांड को करीब से निहारा करता था। जब बुआ घर में नाइटी पहनती थी तो मेरा ध्यान ज्यादातर उनकी बूब्स पर रहता था।

क्योंकि नाइटी ढीली ढाली होने के कारण मुझे उनके बूब्स के कुछ हिस्से या ब्रा की कलर दिख जाती थी। कभी कभी तो बुआ बिना ब्रा के ही नाईटी पहन लेती थी जिससे उनके बड़े बड़े बूब्स के तने हुए निपल्स नाईटी के उपर से ही झलकते थे। मैं तो कई बार बुआ की गांड को भी कपड़ो के उपर से ही छू चुका था। बुआ मूझपर शक नही करती थी या मैं उनकी गांड छू कर अंजान बन जाता था। बुआ अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को संभालने के लिए रबड़ वाली डबल ब्रा डालती थी।

मैं न जानें कितनी बार उनके नाम की मुट्ठ मार चुका था। जब मुझे कभी बाथरूम में उनकी पहनी हुई ब्रा और पैंटी दिखती तो मैं उन्हें सूंघते हुए अपने लंड की मुट्ठ मारता और अपना सारा वीर्य उनकी पेंटी में पोंछ देता। इसी तरह कई सालों तक यही खेल चलता रहा न तो कभी बुआ को शक हुआ न ही किसी और को पता चला।

मेरी किस्मत से मुझे अपनी बुआ को पूरा नंगा देखने का मौका मिला। कुछ दिन पहले मेरे घर में एक नया बाथरूम बना था। जिसकी दीवार और मेरे कमरे की दीवार एक थी। मेरे कमरे में पहले से ही एक वेंटीलेटर थी। जो अब बाथरूम के बनने से बाथरूम के अंदर आ चुका था।

एक दिन दोपहर को बुआ उसी बाथरूम में नहाने चली गई मैंने उनको बाथरूम में घुसते वक्त देख लिया। मैं तुरंत दौड़कर अपने कमरे में आया और अपने कमरे की वेंटिलेटर के नीचे ऊंची टेबल रखकर उसपर चढ़ गया। मैं चुपके से वेंटीलेटर में से बाथरूम में झांकने लगा।

बुआ मुझे दिखाई देने लगी मैं वही जम गया और आगे बुआ को नंगा होते देखने लगा। पहले बुआ ने अपनी सलवार खोली जिससे मुझे बुआ की गोरी और नंगी टांगे साफ दिखाई देने लगी। वाह!! क्या मसल टांगे थी। ऐसा लग रहा था की मानों जीम जाकर इतनी सुडौल टांगें बनाई हो।

फिर उन्होंने अपनी सूट उतार दी जिससे मुझे उनके ब्रा में कैद बड़ी बड़ी बूब्स दिखाई पड़ने लगी। मेरे मुंह से मानों लार टपकने लगा। फिर उन्होंने अपनी ब्रा उतार दी जिससे उनकी बड़ी बड़ी गोल गोल चूचियां आज़ाद होकर लटकने लगी। मेरा तो वही लंड खड़ा हो गया। फिर बुआ ने अपने बदन पर पानी डालना शुरू किया और साबुन मसलने लगी।

वो अपने बदन पर साबुन मलते हुए अपनी बूब्स पर साबुन लगाने लगी और साथ ही अपने बूब्स के साथ खेलने लगी। वो अपने ही बूब्स को अपने हाथों से मसलने लगी और फिर वो अपने दोनों बूब्स को उठा उठाकर बूब्स के नीचे साबुन लगाने लगी। मेरी नजर उनकी बड़ी चुचियों के भूरे – भूरे निपल्स पर थी। जो एकदम कड़े और तने हुए थे।

फिर उन्होंने अपने पेट पर साबुन मलते हुए साबुन समेत अपना हाथ अपनी पैंटी में डाल दिया और अपनी दोनों टांगों को खोलकर साबुन मलने लगी। उस वक्त उनके चेहरे का अंदाज थोड़ा बदल सा गया। वो अपना मुंह खोलकर एक दम धीमी आवाज में ओह.. ओह.. कर रही थी।

मैं समझ गया की बुआ अपनी चूत में साबुन मलते हुए अपनी चूत में ऊंगली कर रही थी। फिर उन्होंने अपनी पैंटी उतार दी उनकी पैंटी उतरते ही मेरी सिट्टी पिट्टी घूम हो गई। मैं उनकी गांड देखकर ही मानों पगला गया बुआ की गांड सुडौल (PAWG ASS) थी। जब मैंने उनकी चूत की तरफ देखा तो मेरा खुद पर से काबू छुट गया और मेरे लंड का पानी पैंट में ही निकल गया।

उनकी चुत के ऊपर वी शेप में वेल शेव्ड झांटे थी जो उन्होंने मेंटेन कर रखी थी। उनकी झांटों के नीचे उनकी चुत की गहरे भूरे रंग की आपस में चिपके हुई दोनों फांकें दिखाई दे रही थी। मुझें अपनी बुआ की चुत देखकर मानों जन्नत नसीब हो गई हो। उसके बाद बुआ अपने बदन पर पानी डालकर बदन पर लगे साबुन को धोने लगी।

वो अपने बूब्स को मसल मसलकर बूब्स पर लगे साबुन को साफ कर रही थी। फिर उन्होंने अपने हाथ से उनकी झांटों में लगे साबुन और अपनी चुत को रगड़ रगड़कर धोने लगी। मैं बुआ को कामुक नजरों से देख रहा था। साथ ही अपने पैंट में अपना हाथ डालकर हल्का हल्का अपने लंड की मुट्ठ मार रहा था।

तभी बुआ का नहाना खतम हो गया और वो तौलिया लपेटकर बाथरुम से चली गई। उसके बाद मैं अपने कमरे में बुआ की चुत में लंड डालने के सपने देखते हुए तेज़ी से मुट्ठ मारने लगा। 3 से 4 दिनों तक मैं बुआ को रोज छिपकर नंगा नहाते हुए देखता था। लेकिन वो कहते है न सौ दिन का चोर एक दिन पकड़ा ही जाता है।

फिर से एक दिन दोपहर में बुआ बाथरूम में नहाने आई और मैं रोज़ की तरह वेंटिलेटर से बाथरूम में झांकने लगा। रोज की तरह आज भी बुआ ने अपने सारे कपड़े उतारे और बिलकुल नंगी होकर नहाने लगी। मैं बुआ की नंगी गांड, चुत और बूब्स पर अपनी आंखें सेक ही रहा था तभी मेरे कमरे में रखी स्टील की ग्लास अपने आप ही गिर गई।

ग्लास के गिरने से जब आवाज हुई तो तुंरत उस आवाज़ को सुनकर बुआ मेरे कमरे की दीवार की तरफ मुड़ गई और उनकी नजर सीधी मुझपर पड़ गई। उन्होंने मुझे छुपकर उनको नंगा नहाते हुए देख लिया 1 सेकेंड के लिए हम दोनों की नज़रे मिली। उन्होंने हड़बड़ाते हुए उस वक्त जो भी कपड़ा उनके हाथ लगा। उससे अपने बदन को ढक लिया

और मेरी तरफ गुस्से से देखती हुई बोली कुत्ता कही का हरामी, अब मैं वहा कहा रुकने वाला था। तुंरत टेबल पर से कूद गया और डर के मारे तेज़ी से हांफने लगा और अपने कमरे में दुबका रहा। बुआ भी तुंरत बाथरूम का दरवाजा खोलते हुए बड़बड़ाती हुई तौलिया लपेटे तेज़ी से अपने कमरे की तरफ चली गई।

मैं जानता था वो मुझे ही गालियां देती हुई अपने कमरे में गई थी। मुझे डर था की बुआ मम्मी,पापा को ये सब न बता दे। मुझे पक्का यकीन था की पूरे घर में आज तांडव होने वाला है और मेरी दम तक कुटाई होने वाली है। मैं डरा सहमा बस हल्ला होने का इंतज़ार करने लगा।

लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ सब कुछ नॉर्मल ही था। पर मैं अपने ही कमरे में दुबका रहा। रात को जब खाने के लिए मम्मी ने बुलाया तो बुआ पहले से ही वहां थी। मेरे वहां जाते ही बुआ मुझे गुस्से से घूरने लगी। अपने होठों को हिलाती हुई मुझे ही गालियां दे रही थी। लेकिन मम्मी पापा नॉर्मल थे और खाना खा रहे थे। मैं भी चुपचाप खाना खाने लगा।

बुआ बस अपनी आंखें बड़ी बड़ी किए बस मुझे ही घूरे जा रही थी। कुछ देर बाद सभी ने खाना खा लिया और अपने अपने कमरे में चले गए। मैं भी अपने कमरे में आकर लेट गया और फ़ोन पर काफी देर तक गेम खेलता रहा। रात के करीब 12:30 बजे मेरे कमरे के दरवाज़े पर हल्की सी दस्तक हुई।

मैंने जाकर दरवाजा खोला तो देखा बुआ थी जैसे ही उन्होंने मुझे देखा उन्होंने गुस्से में तुंरत मेरा कॉलर पकड़ लिया और मुझे धकेलती हुए कमरे के अंदर ले गई। मैं उनका वो रूप देख डर गया कमरे के अंदर आते ही उन्होंने मुझे पीछे धकेलकर पहले तो मेरे रूम का दरवाज़ा बंद किया।

फिर बुआ ने मेरे दोनों गालों पर थप्पड़ों की बौछार कर दी और मुझे धीमी आवाज में मगर गुस्से में कुत्ता कही का, हरामी.. रंडी का जना.. जैसी गालियां देती हुई दोनों गालों पर थप्पड़ लगा रही थी। उन्होंने अभी भी एक हाथ से मेरा कॉलर पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से मुझे मेरे गालों पर चांटे मार रही थी।

मुझे थप्पड़ों से चोट लग रही थी और बुआ पर गुस्सा भी आ रहा था अब मेरे बर्दास्त करने की सीमा खत्म हो रही थी। पता नही अचानक मुझे क्या हुआ की मैंने तुंरत बुआ की कमर में हाथ डाली और उनकी सलवार का नाड़ा एक झटके में खोल दिया।

बुआ इस चीज के लिए तैयार नहीं थी जब तक वो कुछ समझ पाती और अपने हाथों को मेरे मेरे कॉलर से हटाकर अपनी सलवार संभालती तब तक उनकी सलवार सरककर नीचे उनकी एड़ियों के पास जा गिरी थी।

मैं तुरन्त बुआ पर झपट पड़ा उनको उनकी सलवार संभालने का मौका नहीं दिया। मैंने तुंरत बुआ को पकड़ा और तुंरत बिस्तर पर पटककर दबा दिया। बुआ कुछ समझती उससे पहले मैंने उनको बिस्तर पर पटककर उनके दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़ लिया और मैं उनकी दोनों टांगो के बीच बैठ गया।

पटका पटकी में बुआ की सूट उनके कमर तक उठ चुकी थी। मुझे उनकी मैरून रंग की चड्डी साफ दिखाई दे रही थी। बुआ उस वक्त अपने हाथ पैर चलाकर मुझसे छुटने की कोशिश कर रही थी। मैं बुआ के उपर लेट गया अपने टाईट हो चुके लंड को कपड़ों के उपर से ही बुआ की चुत पर रगड़ने लगा।

बुआ मुझसे छुटने के लिए अपने हाथ पैर चला रही थी साथ ही गुस्से में “रोहित छोड़ दे मुझे नही तो अच्छा नहीं होगा” छोड़ दे… रोहित छोड़ दे… छोड़.. हट…जा..। लेकिन मैं बुआ पर लेटकर अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ जा रहा था।

अब मेरा लंड रगड़ाई से शांत नहीं रहने वाला था। अब मैंने अंजाम की परवाह न करते हुए बुआ की चुत चोदने का फैसला कर लिया। मैंने एक हाथ से बुआ की चड्डी निकालनी चाही पर बुआ का एक हाथ मेरी पकड़ से आजाद हो गया और वो मुझसे धक्का मुक्की करने लगी।

फिर मुझे लगा की अगर इनके हाथ खुले रहेंगे तो मैं इनकी चुदाई नही कर पाऊंगा। तो मैंने उनकी नीचे गिरी सलवार उठाई और उनके दोनों हाथों को उनकी पीठ के पीछे करके बांध दिए। अब मैं उनकी चड्डी उतारने की तैयारी में लग गया। लेकिन बुआ कभी अपनी क़मर को बिस्तर पर दबा देती तो कभी अपने दोनो जांघों को आपस में चिपका देती। ताकि मैं उनकी चड्डी न उतार सकूं।

मैं उनकी चड्डी को जोर लगाकर उतारने लगा पर वो मुझे उतारने नही दे रही थी। इसी खींचा तानी में उनकी चड्डी मुझसे फट गई जिससे मेरा काम और आसान हों गया मैंने उनकी चड्डी को दो हिस्सों में चीर दिया और उनकी चड्डी को उनके बदन से निकालकर नीचे फेंक दिया।

वो उस वक्त गिड़गिड़ाने लगी। रोहित.. छोड़ दे… प्लीज़ … छोड़ दे… बुआ हूं। मैं तेरी छोड़ दे मुझे… पर मैं कहां मानने वाला था। मैंने उसकी दोनों टांगों को फैलाया और बुआ के उपर लेटकर अपना नंगा लंड उनकी नंगी चुत पर रगड़ने लगा।

फिर मैंने अपना एक हाथ अपनी कमर के नीचे ले गया और अपने लंड को पकड़कर उनकी चुत पर सेट कर दिया। लंड उनकी चुत में सेट होने के बाद मैंने उनके दोनों कंधों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और हल्का सा उपर की ओर सरक गया। जिससे मेरा लंड आधा एक बार में ही बुआ की चुत में घुस गया।

लंड चुत में घुसते ही बुआ चुप हो गई लेकिन रोने लगी उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। मैं उनकी चुत में लंड डाले अपनी कमर को ऊपर नीचे घिसटने लगा। अब मेरा लंड पूरा का पूरा बुआ की चुत के अंदर बाहर होने लगा। बुआ बुरी तरह बिना आवाज के रोने लगी।

मैंने अब उनके उपर घिसटना बंद कर दिया और अपनी कमर उठा उठाकर उनकी चुत में धक्के मारने लगा। बुआ अब मुझसे हार चुकी थी। वो अपनी खुली आंखों से बस आंसू बहा रही थी। बुआ की चुत बहुत गरम थी भले ही मैं उनकी मर्जी के खिलाफ उनकी चुत चोद रहा था। पर उनकी चुत मजा पूरा दे रही थी।

मैं अपनी क़मर गोल गोल घुमाकर उनकी चुत के अंदर लंड ऐढ़ते हुए धक्के मार रहा था। बुआ अभी भी रोई जा रही थी। बुआ रोती बिलखती हुई बोली तुमने मुझे बर्बाद कर दिया अब मैं कही की नही रही। मैं धक्के मारते हुए बोला- बुआ!! तुम कौन सी कुंवारी हो और मैं कौन सा तुम्हें तुम्हारी शादी के पहले चोद रहा हुं की तुम्हे तुम्हारी सील टूटने का डर है।

मैं बोला – न जानें कितनी बार तुमने अपने पति का लंड इस चुत में खाया है मैं तो तुम्हारी सेकेंड हैंड चुत ही तो मार रहा हू। क्या हुआ अगर तुम अपने भतीजे के थोड़ी काम आ जाओ। इस बात पे वो चुप हो गई पर उनके आंख से आंसू आने बंद नहीं हुए।

अब तक मैं सिर्फ़ अपनी वासना शांत करने के लिए उनको चोद रहा था। लेकिन मैंने सोचा की क्यों न बुआ को भी अब गरम किया जाए। मैं उनकी चुत में तो धक्के लगा ही रहा था। मैंने उनके होठों को अपने होठों में कैद कर लिया और किश करते हुए लंबी लंबी तान लेकर उनकी चुत की ठुकाई करने लगा।

बुआ अब दर्द से कराह रही थी पर मैंने उनकी चींखो को अपने होठों से दबा दिया। मैं बुआ जी को किश करते हुए अब उनके दोनों बड़े बड़े बूब्स के निप्पलों को मसलने लगा और साथ ही मैं दमदार धक्कों से उनकी चुत चोदने लगा। बुआ की टाईट चुत की अब असली परीक्षा थी।

मेरे तेज धक्कों से बुआ की कराह निकल रही थी साथ ही उनकी आंखों से आंसू तेज़ी से बहने लगे। मैंने बुआ होठों से अपने होठ हटा लिया और उनकी चुत में धक्के मारता हुआ बोला – बुआ आप मुझसे शादी कर लो वो तड़पती हुई बोली – छी तुझे शर्म नही आती तू कैसी बात और कैसा गंदा काम मेरे साथ कर रहा है। नरक में जायेगा तू।

मुझे उनकी बात सुनकर थोड़ा गुस्सा आ गया। मैं बोला – साली तू बीवी नही बनेगी तो मैं तुझे अपनी रखैल बनाऊंगा। तेरे में अपना बीज डालकर तुझे अपने बच्चे की मां बनाऊंगा। मैं गुस्से में बुआ के दोनों कंधों को पकड़कर तेज धक्कों के साथ उनकी चुत चोदने लग गया।

मैं बेरहम हो कर उनकी चुत चोदने लगा। बुआ दर्द से तड़पने लगी और रोने लगी। मैं उनके मुंह को दबा कर अपने लंड को तेज़ी से उनकी बुर में डालने लगा। तेज़ चुदाई से बुआ की चुत गीली हो गई थी। आख़िर उनकी चुत लंड के आगे कितनी देर टिकती। बुआ की गीली चुत में मैं सरपट अपना मोटा लंड दौड़ाने लगा।

कुछ धक्के लगाने के बाद मेरा भी निकलने वाला था। तो मैं बुआ से कसकर लिपट गया और अपने लंड को बुआ की चुत में पूरा ठेलकर बुआ पर लेट गया। बुआ समझ चुकी थी की अब मेरा माल निकलने वाला है। तो वो गिड़गिड़ाने लगी। और लंड को बाहर निकाल ले… अंदर नही…प्लीज रोहित… बाहर निकाल ले… रोहित…. पर मैंने लंड अंदर ही रखा और थोड़ी ही देर में मेरे लंड ने बुआ की चुत में वीर्य की धार छोड़ दी।

मेरे लंड के वीर्य से बुआ की चुत भर चुकी थी। मैं वैसे ही उनपर लेटा हुआ उनकी निप्पलों के साथ खेलता हुआ उनके बूब्स दबा रहा था। मैं बोला – बुआ हम दोनों चुप से शादी कर लेंगे। वो बोली – छी साले हरामी….नरक में जायेगा तू।


मैं बोला – अभी तो तुम्हारी चुत चोद के जन्नत में पहुंचा हूं।
मैं बोला – बुआ आपकी चुत तो बहुत मस्त है आपके पति के जानें के बाद आज मेरा लंड चूत में लेकर कैसा लगा??
वो घिन्न भरी नजरों से मेरी तरफ देखती हुई अपने आंसू पोंछने लगी। मैं बोला – बुआ अब मैं तुम्हें अपनी रखैल बनाऊंगा तुम्हारी चुत जो कई सालों से नही चुदी इसलिए अब टाईट हो गई है फिक्र मत करों अब मैं रोज तुम्हारी चुत की अपने लंड से सेवा करूंगा।

मैं बोला – तुम्हारी चुत को एक महीने में भोसड़ा बना दूंगा ये मेरा वादा है बुआ!

कहानी थोड़ी लंबी है इसलिए मैने इस कहानी को दो भागों में लिखा है कहानी का अगला भाग पढ़े:- सगी बुआ को पकड़कर सारी रात चोदा-2

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