कमला की गांड चोदी

नमस्कार दोस्तों ।। आप सभी का मेरी इस कहानी में दिल से स्वागत है। मेरा नाम सुरेश है। आपको बता दूं कि मेरी उम्र 40 साल की है। मुझे अपनी ये स्टोरी आप लोगो से साझा करने में मुझे बहुत खुशि हो रही है। दोस्तों मैं अपने गाँव से बहुत दूर एक पत्थर की खदान में मुंशी का काम करता हूँ। मैं वहाँ अकेले ही रहता हूँ। मेरा परिवार गाँव में रहता है।

वैसे तो मैं बाल बच्चे वाला आदमी हूँ। पर दोस्तों आपको तो पता ही है। मर्द किसी भी उम्र का हो उसे बूर चाहिए होती है। जब मैं वहाँ नया नया नौकरी पर लगा था। तब मैं अपनी बीवी को बहुत याद करता था। हर रोज़ मैं सरसों के तेल से अपने लंड की मालिश करते हुए अपनी बीवी की नंगी जिस्म को याद करके मुट्ठ मारा करता था। मुट्ठ मारने से मेरी हवस तो सांत नही होती थी पर कुछ ही दिनों में मेरा लंड और मोटा हो गया।

मेरी हवस इतनी बढ़ गयी थी कि मैं हमेशा चुदाई के ख्याल में ही डूबा रहता था। मैं वहाँ काम करने वाली हर औरतों और जवान लड़कियों को गंदी-गंदी नज़रो से देखने लगा। जब कोई औरत या लड़की मेरे सामने आती तो मैं उसकी चुचियाँ और पीछे से उनकी गांड को देखता था।

कुछ दिनों बाद जैसे जैसे मैं वहाँ पुराना हो गया तो मैं वहां काम करने वाली औरतों को फंसा कर चोदने लगा। जो आसानी से नही पटती थी उनको अपनी मुंशी गिरी का धौंस दिखाकर उन्हें चोदने लगा। कुछ ही महीनों में मैंने वहाँ काम करने वाली हर औरत और जवान लड़कियों को अपने लंड के भेंट चढ़ा चुका था।

अब हर रात कोई न कोई औरत मेरे बिस्तर पर होती थी। मुझे इससे कोई फर्क नही पड़ता था। कि वो बूढ़ी है या जवान बस मुझे हर रात एक चुत चाहिए थी। उन में से एक दो औरतें तो मेरी चुदाई से प्रग्नेंट भी हो चुकी थी।

इसी कारण मैं ज्यादातर अधेड़ या फिर अपनी उम्र की औरतों से ही सेक्स किया करता था। क्योंकि उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना कम होती थी। कभी-कभी जब दिन में मुझे चोदने का मन होता तो मैं उन काम करने वाली औरतों में से एक को बुलाकर पत्थरो पर लेटा कर दिन भर उसकी बूर और गांड चोदता था।

एक दिन खान में ट्रक चलाने वाला अरुण मेरे पास आया और मुझसे कहा कि साहब मेरी बीवी को भी काम पर रख लो कुछ पैसे आ जाएंगे। मैंने उससे कहा ठीक है तुम अगर चाहते हो तो मैं रख लेता हूँ। फिर अरुण ने अपनी बीवी को आवाज लगाई ” अरे कमला इधर आना”

उसकी बीवी कमला आकर हमारे पास आकर खड़ी हो गयी। मैं उस अरुण की बीवी कमला को देखता रह गया। “मैं मन ही मन सोच में पड़ गया क्या गजब की माल है साली” मैं उसके बदन को ऊपर से नीचे घूरने लगा। वो 30-32 साल की गोरी-चिट्टी शादी शुदा औरत थी। जिसकी कद काठी 5फुट 5 इंच के करीब होगी।

मस्त टाइट ब्लाउज में बंद बड़े बड़े बूब्स जो नुकीले तीर की तरह उसके पल्लू से बाहर तांक रहे थे। बड़ी गांड बाहर उठी हुई उसके फ़िगर को और भी सोभा दे रही थी। मेरी नज़र उसकी चुचियों और उसके गांड पर अटक गई थी। मन कर रहा था कि अभी उसकी गांड पर हाथ फेर दु। पर साला अरुण वही था।

फिर मैंने अरुण से कहा कि इतनी सुंदर बीवी से तू काम करवाना चाहता है। क्यों इसको धूप में गर्मी में जलने लेकर आया है। मेरे तारीफ करने पर उसकी बीवी कमला मुस्कुरा दी। फिर अरुण ने कहा कोई बात नही साहब ये आदत डाल लेगी।

अगले दिन से कमला काम पर आने लगी उसे देखकर वहाँ काम करने वाले हर मर्द उसको ताड़ने लगे। मैं ये सब देखता था। पर मन ही मन सोचता था इसे तो मैं ही चोद कर रहूँगा। सब उसके गांड को ही घूरते थे।

जहां वो काम करती मैं उसके करीब ही रहता ताकि उसे कोई छेड़े या कुछ न करे। अगले दिन मैंने कमला को गुफा में पत्थर तोड़ने के लिए भेजा मेरा उसे गुफा में ही चोदने का प्लान था। तो मैंने उसकी ड्यूटी गुफा में लगा दी और भी कुछ आदमी औरत गुफा में काम कर रहे थे। उसे गुफा में भेजने के बाद मैं अपना कुछ काम करने लगा।

मैंने जल्दी जल्दी अपना काम खत्म किया और काम का मुआयना करने के बहाने गुफा में चला गया अंदर बहुत अंधेरा था इस लिए मैंने अपने हेलमेट की टोर्च ऑन कर ली। अंदर सारे मजदूर काम कर रहे थे। मैं और आगे बढ़ा अंदर अंधेरा बढ़ता जा रहा था।

अंदर सभी मजदूर दिख रहे थे। पर कमला नही दिखी तो मैं गुफा के दूसरी तरफ थोड़ा और अंदर घुसा अभी वहां काम बंद था इसलिए वहां कोई आता जाता नही था। आगे बढ़ने पर मुझे कुछ ज़ोर जबरदस्ती की आवाज सुनाई दी।

जैसे ही मैं उस आवाज की तरफ मुड़ा तो टोर्च की रोशनी से मुझे कमला दिखी जिसे कोई आदमी मुँह के बल दीवार से चिपकाए उसकी साड़ी को पीछे से उठाकर अपने हाथ में पकड़े हुए था। और कमला विरोध में अपना हाथ पैर मार रही थी। नीचे से उसके साड़ी उठाने से कमला की पूरी जांघ और गांड की उभार का थोड़ा सा हिस्सा नंगा हो गया था।

उस कुछ पल के झलक में मैं कमला के उन मोटी जांघो और गांड को देख चुका था। मुझे देख वो आदमी कमला को छोड़कर वहाँ से भाग गया। फिर मैं कमला के पास पहुँच गया। वो अभी भी पत्थर की दीवार की तरफ अपना मुँह किये अपने कपड़े ठीक करने लगी। मैं कमला के बदन को पीछे खड़ा होकर टोर्च की रोशनी में निहारने लगा।

मुझे तो उसकी चुदाई करनी ही थी मैंने उस मौके का फायदा उठाया मैंने बिना देरी किये पीछे से कमला को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसके गर्दन पर पागलों की तरह किस करने लगा। वो मेरे हाथों को अपने हाथों से हटाने की कोशिश करने लगी। फिर मैंने अपनी कमर उसकी गांड पर रगड़ना शुरू किया।

वो छोड़ो…साहब …छोड़ो.. मुझे.. लड़खड़ाती आवाज में मुझसे कहने लगी। पर मैंने उसकी साड़ी को उसकी कमर से खींचकर निकाल दिया साड़ी खुलते ही उसके शरीर पर से सरकते हुए जमीन पर गिरने लगी उसका पल्लू भी उसके सीने से हट गया और उसकी साड़ी पूरी तरह उसके बदन से उतर गई।

अब वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में आ गयी। फिर मैंने उसकी दोनों चुचियों को अपने दोनों हाथों में जकड़ लिया और ब्लाउज के ऊपर से ही मिसने लगा। नीचे से मैं उसकी गांड को अपनी कमर से टक्कर मारे जा रहा था। वो अभी भी अपना बचाव करने में लगी थी। और मैं अपनी पूरी ताकत से उसके बड़े बड़े चूतड़ों को अपने लंड से रगड़ रहा था।

फिर मैंने अपने एक हाथ से अपनी पैंट की चैन खोली और अपना गर्म मोटा लौड़ा निकाल लिया। फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर पेटीकोट के ऊपर से ही दबाने लगा। जैसे ही उसे मेरे नंगे लंड का एहसास अपनी गांड पर हुआ वो और ज्यादा घबरा गई।

मैं अपना मोटा लंड हाथ में पकड़कर पेटिकोट के ऊपर से हीउसके गांड के बीच के दरार में फंसाने की कोशिश करने लगा। उसकी गांड में लंड दबाने से उसका पेटीकोट उसकी गांड की दरार में घुस गया साथ ही मेरा लंड उसकी गांड के दोनों हिस्सो के बीच आ गया।

अब मैं वैसे ही अपना लंड उसकी गांड में ऊपर नीचे खिसकाने लगा। उसके गांड के दोनों हिस्सों ने मेरे लंड को जकड़ रखा था। जिससे लंड ऊपर नीचे खिसकाने से मेरे लंड की चमड़ी खुल बंद हो रही थी। मुझे मज़ा आ रहा था। मैं मन ही मन सोच रहा था कि जब इसकी गांड में लंड डालूँगा तो और भी मज़ा आएगा।

कुछ देर मैंने उसकी गांड की दरार के बीच अपना लंड घसीटते हुए उसके गांड के दोनों नरम गोल हिस्सों को मसल दबा रहा था। फिर मैंने उसकी गांड मारने की सोची और अपना एक हाथ बढ़ा कर उसकी पेट पे ले गया और उसके पेटिकोट की डोरी खोल दी। वो मुझे मना कर रही थी। पेटीकोट की डोरी खुलते ही उसने अपना पेटीकोट पकड़ लिया।

पर मैंने जैसे तैसे करके उसके पेटीकोट को उसके हाथ से छुड़ा लिया और एक झटके में पेटीकोट नीचे खींचते हुए उसके एड़ियों तक कर दिया। पेटीकोट उतरते ही मुझे उसकी नंगी गोरी बड़ी गांड दिखी मैं उसकी गांड देख पागल सा हो गया। और तुरंत घुटनों के बल बैठ गया।

फिर मैंने उसकी गांड के दोनों हिस्सों को अलग किया और उसकी गांड छेद और बूर पर अपना जीभ फेरने लगा। वो मेरे ऐसा करने से घबरा गई और मेरे सर को अपनी गांड से हटाने की कोशिश करने लगी। पर मैंने उसकी गांड में अपना मुँह घुसाकर उसकी दोनों जांघो को पकड़ लिया।

अब मेरी जीभ उसकी गांड की छेद पर चलने लगी जब कभी वो हिलती तो मेरी जीभ फिसलकर उसके बूर में घुस जाती और मैं उसकी बूर का पानी चाटने लगता। जब भी मैं उसकी बूर को चाटता तो उसकी पकड़ मेरे सर पर ढ़ीली पड़ने लगती यानी कि उसे भी अपनी बूर चटवाने में मज़ा आ रहा था। पर मैं तो उसकी गांड का दीवाना था। मैं फिर से उसकी गांड की छेद को चाटने लगता।

मैंने उसकी गांड और बूर को चाटकर अपने थूक से गीला कर दिया था। अब चुदाई की बारी थी मैं उठकर उसकी गांड से लंड सटाकर खड़ा हो गया। फिर उसकी कमर में हाथ डालकर थोड़ा पीछे खींचा ताकि उसकी गांड की छेद थोड़ी बाहर आ जाये। कमर खींचते ही वो अपनी गांड पीछे करती हुई थोड़ा झुक गयी।

फिर मैंने उसकी गांड की छेद पर अपना लंड जमाया और अपने दोनों हाथों से उसकी पेट को जकड़कर अपना लंड उसकी गांड में दबाने लगा। वो चिल्लाने लगी अ… आ.आ.आ.आ. ह. तो मैंने उसकी गांड से अपना लंड हटा लिया। और उसके गांड को अपने हाथों से जांचने लगा। जब मैंने उसकी गांड की छेद पर अपनी उंगली फेरी तब मैं समझ गया कि इस साली की गांड ज्यादा चुदी नही है।

उसकी गांड की छेद इतनी टाइट थी कि मेरी कानी उंगली भी टाइट घुस रही थी। उसकी नई नई शादी हुई थी शायद अरुण ने कभी इसकी गांड नही चोदी थी। फिर मैंने उसकी गांड की छेद पर अपना लंड टिकाया और दोनों हाथ से उसकी कमर पकड़कर एक दमदार धक्का मारा उस धक्के ने मेरे लंड को उसकी गांड में आधा उतार दिया।

उसकी गांड में लंड घुसते ही वो चींखने चिल्लाने लगी। हाय रे.. मा..आ.. आ.. आ.. मारर र र.. डाला.. रे.. आह.. मांआ.. आ.. अहा आ.. आ.. अम्म.. अम्मा.. और रोने लगी दर्द से उसकी आंखें लाल हो गयी और आंसू बाहर आने लगे। अब लंड का सबसे मोटा बीच वाला हिस्सा अभी भी उसकी गांड से बाहर था। फिर मैंने धीरे धीरे करके लंड एक इंच बाहर खींचा।

Kamla ki gaand

अब मैं दूसरा धक्का मारने की तैयारी में था। उसका रोना देख मैं उसके सांत होने का इंतेज़ार करने लगा। 2 मिनट बाद मैंने फिर से उसकी कमर पर अपने पंजे कसे और फिर अपनी कमर को पीछे खींच के एक ज़ोर का धक्का उसकी गांड में मारता हुआ अपनी कमर उसके गांड से चिपका दी। हमदोनों की जांघे आपस मे चिपक गयी थी।

धक्का इतना ज़ोर था कि जब मेरी कमर उसकी गांड से टकराई तो ठाअप्प….. की ज़ोर की आवाज के साथ कमला के चिलाने की आवाज आने लगी कमला.. आ.. आ.. आ.. मारर र र.. डाला.. रे.. आह.. मांआ.. आ.. मेरा लंड बाहर नही दिख रहा था लंड पूरा का पूरा कमला की गांड चीरता हुआ अंदर घुस गया था। उस धक्के से कमला की बूर से मूत निकल गया वो खड़े खड़े मूतने लगी।

फिर मैंने कुछ देर कुछ नही किया वैसे ही कमला की गांड में लंड घुसाये खड़ा रहा और मैंने उसकी ब्लाउज खोल दी और उसकी चुचियों को दबा रहा था। उसकी चुचियाँ भी कमाल की थी एकदम सख्त मैं उसके बड़े बड़े निपल्लों के इर्द गिर्द अपनी उंगलिया फेरते हुए उसके निपल को मिस रहा था।

अब कमला कुछ हद तक सांत हो चुकी थी। मैंने धीरे धीरे उसकी गांड में लंड अंदर बाहर करने लगा। मैं थोड़ा सा ही लंड बाहर खींचकर उसे अंदर ठेल रहा था। पर कमला को इससे भी बहुत दर्द हो रहा था। पर मैं कितनी देर इंतेज़ार करता मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई और आधा लंड उसकी गांड से खींचकर उसकी गांड पेलने लगा।

अब उसकी गांड का छेद फैल चुका था। वो अब सिर्फ सिसकिया लेकर बड़े आराम से मेरा लंड अपनी गांड में खाने लगी। मैं अपनी धक्कों की तेजी बढ़ाने लगा और अपना पूरा लंड एक बार में ही उसकी गांड में चोदने लगा। अब बस कमला की मधुर सिसकियां इश..आ..ह..अ.. ह..उम..ह आन्ह…. उई…आह..आ और मैं उसकी गांड पर अपनी कमर पटक पटककर उसकी गांड मार रहा था।

ऐसा लग रहा था कि उसकी गांड का छेद मेरे लंड के लिए ही खुला है। उसकी गांड गपागप मेरे लंड को लीलने लगी। मैं भी लंड को पूरा बाहर खींच खींचकर एक बार मे ही उसकी गांड में डाल रहा था। जब मैं उसकी गांड मार रहा था। तब मेरा लंड थोड़ा ढीला पड़ने लगा पर मैंने धक्के चालू रखे। अचानक जब मैं अपना लंड उसकी गांड में घुसा रहा था। तब मेरा लंड फिसलकर कमला की बूर में घुस गया।

अचानक उसकी बूर में लंड घुसने पर वो चौंककर उछल गयी मुझे भी अच्छा लगने लगा उसकी बूर भी थोड़ी टाइट थी। पर वो अपने बूर में मेरा मोटा लंड झेल गयी। जब मैंने उसके बूर में 2-3 शॉर्ट्स मारे तो कमला के चेहरे पर थोड़ी सुकून सी दिखी मैंने उसकी बूर की चुदाई चालू रखी। उसके बूर में जब मैं लंड डाल रहा था। तो उसके बूर से चपड़ चपड़ की आवाज आने लगी।

कमला की बूर गीली हो चुकी थी। उसके बूर का सफ़ेद पानी मेरे लंड पर फैल गया था। फिर मैंने उसकी बूर से लंड निकाल लिया और कमला की बूर के माल से लिपटे अपने लंड को फिर से कमला की गांड में पेल दिया। कमला आह.. आह.. करने लगी। मैं फिर से धक्के मारने लगा। मैं उसकी गांड चोदने के साथ ही उसकी गांड पर थप्पड़ मार मार कर उसकी गांड के दोनों हिस्सो को लाल कर चुका था।

मेरे धक्कों से उसकी मख़मली गांड ऊपर नीचे उछलती हुई मेरे जांघो से टकराकर आवाज कर रही थी। जिससे मेरी उतेजना बढ़ गयी और मैं झड़ने को आ गया पर मैंने उसकी गांड मारनी चालू रखी और अन्त में मैं उसकी गांड में ही झड़ गया। फिर मैंने अपना लंड आहिस्ते से उसकी गांड से निकाला लंड बाहर आते ही उसकी गांड से सफेद गढ़ा वीर्य निकलने लगा।

फिर मैंने अपना लंड उसकी पेटीकोट से साफ किया और उसे लंड चूसने को कहा पर वो पहले मना करने लगी। लेकिन मैंने उसके सर के बाल को पकड़ा और उसे अपना लंड चूसने को कहा। मैंने उसे नीचे बैठाकर उसके सर को दोनों हाथों से पकड़ा और अपना लंड उसके मुँह में पेलने लगा। मेरा मोटा लंड चूसते हुए वो एकदम सेक्सी पॉर्नस्टार्स की तरह लग रही थी।

कुछ ही देर में उसने मेरा लंड चूसकर फिर से तैयार कर दिया। फिर मैं अपनी टाँगे खोलकर जमीन पर बैठ गया और कमला को खींचकर अपनी गोद में बैठा लिया। उसकी चुचियाँ मेरे सीने से दबने लगी। मैं उसकी दोनों चुचियों को बारी बारी से चूसने लगा उसकी चुचियाँ सख्त होने लगी। फिर मैं उसके होंठो को किस करने लगा।

मैंने उसे इतना गर्म कर दिया कि वो अपनी गांड के दर्द को भूल गयी फिर मैंने उसे अच्छे से मुझसे चिपककर मेरी गोद में बैठने को कहा वो मुझसे ऐसे चिपककर बैठी की हमारे पेट और सीने आपस में चिपक गए हमारे बीच से हवा गुजरने की भी जगह नही थी। फिर मैंने उसकी गांड के नीचे से अपने लंड को पकड़ते हुए सीधा किया और उसकी बूर में डालकर उसे अपनी गोद मे उछाल कर उसकी बूर चोदने लगा।

उसकी बूर इतनी गरम थी कि मैं कुछ ही पलों में उसकी बूर में ही झड़ गया पर मेरा लंड अभी भी सख्त था उसकी बूर की गर्माहट ने मेरे लंड को ढीला नही पड़ने दिया पर उसकी बूर में वीर्य भरने से उसकी बूर में चिकनाहट हो गयी थी। मैंने उसे अपनी गोद में पकड़े खड़ा हो गया और अपना लंड उसकी बूर से बाहर नही निकलने दिया।

gaand chudai

फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाये खड़े खड़े उसे अपनी गोद में उछालकर फिर से उसकी बूर को चोदने लगा। जब लंड उसकी बूर में अंदर बाहर होता तो उसकी बूर में पहले से निकला मेरा वीर्य बून्द बून्द करके मेरे लंड से होता हुआ बाहर टपकने लगा। 10 मिनट तक उसे ऐसे ही चोदने के बाद मैं दुबारा से उसकी बूर में झड़ गया।

फिर मैंने उसे अपनी गोद से उतार कर जमीन पर खड़ा कर दिया। वो थोड़ी झुककर अपने पेट के निचले हिस्से को दबा कर वीर्य को अपनी बूर से बाहर निकलने लगी। उसके बाद मैंने उसके पेटीकोट से अपने लंड को साफ किया और कमला ने भी पेटीकोट से अपनी बूर और गांड पर लगे वीर्य को साफ किया। और अपने कपड़े पहनकर वहां से चली गयी।

मैं भी वहां से अपने कमरे में आकर थका हारा लेट गया। तो यही थी कमला के गांड चुदाई की कहानी पहले तो मुझे कमला की गांड जबरदस्ती मारनी पड़ी। कमला की गांड की सील तोड़ने वाला मर्द मैं ही था। लेकिन बाद में उसने मर्ज़ी से अपनी बूर मुझसे चुदवाई।

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