चोरनी औरत की चुदाई।

हैल्लो फ़्रेंडस,

आज मैं आप सब से एक कहानी बताने जा रहा हूँ। दोस्तों ये एक कहानी नही बल्कि एक हक़ीक़त में घटी घटना है। बात उस वक़्त की है, जब मैं B. A के फाइनल एग्जाम की तैयारी में लगा हुआ था। क्योंकि एग्जाम करीब था। और मेरे घर वाले उस वक़्त घूमने गए हुए थे।

मैं अंदर ही अंदर मायूस था। क्योंकि मुझे भी अपनी फैमिली के साथ घूमने जाने का बहुत मन था। मगर एग्जाम की वजह से पापा ने मुझे नही जाने दिया ताकि मेरी पढ़ाई पर असर न पड़े। और कहा कि तुम अगली बार हमारे साथ चलना।

उस वक़्त मेरी उम्र 22 वर्ष थी। मैं उस वक़्त एकदम चोदू किस्म का लड़का था। हमेशा पढ़ाई में लगा रहता था। ज्यादा दोस्त भी नही थे मेरे कोई गर्लफ्रैंड भी नही थी अभी तक देखने मे भी लूज़र टाइप का था। कुल मिला कर कोई लड़की मुझे भाव भी नही देती थी।

पर चुदाई करने का मन हमेशा रहता था। मैं मन ही मन यही सोचता था काश मुझे कोई लड़की या औरत की चूत मिल जाये तो मैं अपने लौड़े की प्यास सांत करू। मैं घर में अकेला रह गया था। तो जब भी किताबों से समय मिलता, तो मन बहलाने के लिए फोन पर ब्लू फिल्म लगा कर मुट्ठ मार कर अपने लौड़े को सांत करता था।

पता नही साला, मेरा लौड़े को दिन भर चुदाई की तलब क्यों लगी रहती थी, दिन भर में मैं 3-4 बार तो मुट्ठ मार ही देता था। और अपने मोटे गठीले लौड़े को देखकर यही सोचता था। कि काश इसे कोई मस्त चूत का दीदार हो जाये वरना इतने मस्त सुडौल लौड़े का मालिक होने का क्या फायदा।।

मैंने कभी किसी औरत या लड़की की चूत नही मारी थी,इसलिए मुझे इसका अंदाज़ा नही था, लेकिन ब्लू फिल्म में जो मोटे मोटे लौड़े देखता था, उम्र के साथ – साथ उसी तरह मेरा लौड़ा भी अब तक मोटा गया था। जब लंड तनकर टाइट होता था तो लंड के चारो तरफ की नशे भी फूलकर उसकी शोभा और बढ़ा देती थी।

घर में अकेले रहते हुए मुझे 2 दिन हो गए थे, तीसरे दिन की बात है, शाम को मैंने जल्दी से खाना खा लिया और अपने कमरे में बैठकर पढ़ाई करने लगा। पता नही कब रात के 11 बज गए अब मुझे नींद सी आ रही थी, तो मैं पानी लेने के लिए उठकर जैसे ही अपने कमरे के दरवाज़े तक पहुँचा तो मुझे आंगन में कुछ बर्तन खड़ खड़ाने की आवाज आई।

मैं थोड़ा चौक गया, और थोड़ा डर भी गया पहले तो सोचा कि कोई चोर तो नही, फिर मैंने कहा यहाँ चोर कहा से आएगा। शायद कोई बिल्ली या कोई जानवर होगा। मैं यही सोचकर आगे बढ़ा घर की बत्ती बंद ही थी, मैं बस अंदाज़े से आगे बढ़ा और किचन की तरफ चल दिया।

तभी आंगन में किसी की परछाई दिखी मैं डर गया और दीवार से चिपक कर बस उस इंसान को इधर उधर भागते देख रहा था। कभी वो किचन की तरफ, तो कभी मम्मी पापा के कमरे में घुसता हुआ दिख रहा था। मैं अब तक समझ गया था कि ये पक्का चोर ही है। वो मम्मी पापा के कमरे से एक थैली लेकर निकला और गैलेरी से होता हुआ मेरे कमरे की तरफ बढ़ने लगा।

उसने मम्मी के कमरे से कोई सामान चोरी की थी, और वो अब मेरे कमरे की तरफ बढ़ रहा था। तभी मैंने उसे दबोचने का प्लान बनाया मुझे आंगन में एक कम्बल दिखाई दिया मैंने चुपके से वो कम्बल लिया। और झट से उसके ऊपर वो कम्बल लपेट कर उसे दबोच लिया। और खींचकर उसे अपने कमरे में ले गया।

वो कम्बल में पूरी तरह ढकी हुई थी। और बचने के लिए मसक्कत कर रही थी। मैंने उसे अपने बिस्तर पर पटक कर उसे कम्बल के ऊपर से ही चादर से बांध दिया ताकि वो बचकर भागे नही। मैंने उसे बांध कर चैन की सांस ली। दोस्तों मुझे उस वक़्त कोई अंदाज़ नही था कि वो चोर एक औरत है।

जैसे ही मैं उसे बांध कर पड़ोसियों को बुलाने के लिए उठा तो मेरी नज़र उसके पैरों पर पड़ी जो वो हिलाकर छूटने की कोशिश कर रही थी, तभी मुझे कम्बल में साड़ी दिखी तब मुझे शक हुआ कि वो एक औरत है। जो मेरे यहाँ चोरी करने आई होगी। वो आंगन की दीवार फांदकर आयी थी।

मैं अपने शक को दूर करने के लिए उसके पास गया। और उसके पैरों से कम्बल हटा कर देखा तो मुझे साड़ी का कुछ और हिस्सा दिखाई दिया। अब मैं समझ गया कि वो एक औरत है। मैंने उससे कहा तुम्हे शर्म नही आती तुम एक औरत होकर चोरी करती हो। मैंने उसे कहा तुम रुको अभी पुलिसः और पड़ोसियों को बुलाता हूँ।

वो बंधी हुई थी, वो धीमी आवाज में गिड़गिड़ाने लगी न.. नही बाबू पुलिस को मत बुलाओ माफ कर दो। मैंने कहा नही पुलिस तो बुलानी ही पड़ेगी। आखिर तुम तो चोरी ही कर रही थी न।

वो फिर से गिड़गिड़ाने लगी नही बाबू साहब पुलिस को मत बुलाओ मैं माफी मांगती हूँ। आज के बाद सब छोड़ दूंगी। मैंने फिर से उसे धमकाया तो वो बोली बाबू साहब आपको मुझे जो सजा देनी है दे दो पर किसी और को मत बुलाओ आपको जो करना है वो कर लो।।

इतना सुनते ही मेरे मन मे उसके लिये वासना की भूख जाग गयी। वो औंदी हुई मुँह के बल बिस्तर पर पड़ी थी। उसकी गांड ऊपर की ओर थी। और काफी बड़ी लग रही थी। मैं भी ऐसा मौका कहाँ छोड़ने वाला था। मैं उसके पैरों के पास जाकर खड़ा हो गया। वो अभी तक बंधी हुई औंधी पड़ी थी।

फिर मैंने नीचे से उसकी कमर तक कम्बल को उठा दिया। और उसके दोनों पैरों को पकड़ कर फैला दिया और मैं खुद उसके दोनों पैरों के बीच खड़ा हो गया। और धीरे धीरे उसके दोनों पैरों पर अपने दोनों हाथ सहलाते हुए उसकी साड़ी को ऊपर उठाने लगा।

वो थोड़ा घबराने लगी पर कुछ बोल नही रही थी। मैं उसकी साड़ी को उठाता हुआ उसकी जाँघों तक पहुंच गया उसकी गदराई हुई जाँघों को देखकर मैं बेकाबू सा होने लगा। मैंने उसकी जाँघों को कसकर पकड़ लिया और धीरे धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करता हुआ उसकी गांड की निचले उभारों में ताकने लगा।

क्या मस्त बड़ी गांड थी, बहनचोद की और उसकी चूत के होंठ तो मस्त काली छोटी झांटो से घिरी हुई किसी फूली हुई कोमल पाव रोटी जैसी दिख रही थी। उसकी गांड और चूत को देखकर मेरे मुँह से लार टपकने लगा।

उस जोश के कारण मैंने उसके दोनों जांघो को पकड़ कर उसकी कमर को बिस्तर के किनारे खींचकर अपने लंड पर सटा दिया। उसके दोनों पैर अब जमीन पर टिक गए थे। और मेरे पैर उसके दोनों पैरों के बीच मे थे। फिर मैंने झट से अपनी पैंट उतार कर फेंक दि।

और अपने मोटे गठीले लार टपकाते हुए लौड़े से उसकी चूत और उसकी गांड की मालिश करने लगा मुझे उस वक़्त जो सुख मिल रहा था। वो तो मैं आप लोगों को शब्दों में नही बता सकता जब मेरी लुल्ली उसके गांड को और उसकी चूत को चूम रही थी तो मेरे शरीर में एक करंट सा लग रहा था।

वो अपने चूत पर मेरे लंड की मालिश पा कर सिसकियां खा रही थी। उसकी चूत की मालिश करते हुए मेरे लौड़े से पानी जैसा कुछ निकल रहा था और मेरे लंड में सख़्ती आ गयी थी। मेरा भी जोश उस वक़्त सातवे आसमान पर था। मैं चुदाई के खेल में अभी अनाड़ी था। पर उस पानी की जोश में आ कर मैंने अपना लौड़ा कस कर उसकी चूत पर दबा दिया।

जिससे एक झटके में मेरा लौड़ा आधा उसकी चूत में फिसल गया। इतने में ही उसकी चींखें कराहें निकल गयी आ..आ..हह…आह..बाबू ऊऊ…जरा धीरे…. आन्ह….आन्ह…. और मुझे भी थोड़ा अपने लौड़े में तनाव महसूस हुआ पर पहली बार मेरे लंड को चूत का भोग लगा था। वो एहसास में मुझे बस अपनी वासना की भूख मिटानी थी।

मेरा लंड आधा उसकी चूत घुस कर फंसा हुआ था। आधे लंड को मैंने उसकी चूत में धकेलने की कोशिश की मगर लंड का बाहरी हिस्सा उसकी चूत में नही गया। पर इस कोशिश में फिर से उसकी चींख निकल गयी।

आ…..हह……आ…हह…नई..ई..ई..ई…ई..ई बाबू दर्द हो र र र र आ है। उम्म..आ आ…

तब मैंने उसकी चूत से अपना लंड निकाल लिया और ढेर सारा थूक लेकर अपने लंड पर मलने लगा। साथ ही उसकी चूत के दीवारों को अपनी उंगलियों से खोलने फैलाने लगा। थूक मलने से मेरा लौड़ा अब फिर कड़क मोटा बन गया था। अब इस बार मैंने सोचा लिया था कि इसबार इसकी चूत में अपना लौड़ा उतार के ही रहूंगा।

फिर मैंने उसकी साड़ी को उसकी गांड से हटाकर पूरा उसके सर तक ढक दिया। और अपना लौड़ा हाथ में पकड़कर उसकी चूत पर सटा दिया और धीरे-धीरे करके अपने लंड को उसकी चूत में दबाने लगा। कुछ ही पल में मेरे लौड़े ने उसकी चूत की होठों को बगलियाते हुए उसकी चूत में दाखिल होने लगा।

जैसे-जैसे मेरा लंड उसकी चूत में घुसने लगा वैसे वैसे उसकी चूत के बगल वाले होठ फैलने लगे अब मेरा लंड उसकी चूत में दाखिल हो चुका था। थोड़ा सा ही लंड बाहर बचा हुआ था।

अब मैं उसे अपनी मर्ज़ी से चोद सकता था। मैं उसके ऊपर लेट गया और उसके दोनों हाथों को बिस्तर पर दबा दिया और उसकी चूत में लंड डाले सांढ़ की तरह उसपर सवार होकर एक झटके में अपनी कमर चला दी और अपनी कमर को उसकी गांड से चिपका दिया।

एक बार कसकर ठप्प… की आवाज हुई और बचा हुआ लंड भी उसकी गर्म चूत की गहराइयों में उतर गया और उसकी आवाज आ आ आ आऊ…ऊ… निकल गयी। फिर कुछ ही देर मैं मैंने उसकी चूत में अपना लंड घप्पाघप घुसाने लगा वो आ.. ओऊ..आह.. ऊ.. ऊ..उई…ई.. कराहती हुई मेरे लंड का शिकार होने लगा।

मैं उसे तेज़ तेज़ झटके मरता हुआ उसकी चूत को चोद रहा था। वो दर्द से चिल्ला रही थी। पर मैं अपने दोनों हाथ उसके सीने के नीचे लगाकर उसकी चुचियों को मसल रहा था। वो पूरी मेरी काबू में थी। मैं उसपर हावी हो चुका था। और मेरी वासना मेरे ऊपर हावी थी। पर लंड उसकी चूत की गहराइयों में लगातार गोते लगाए जा रहा था।

मैं किसी अनाड़ी दरिंदे की तरह उसकी चूत को चोद रहा था। जिससे उसे और दर्द हो रहा था। मैं उसके ऊपर लेटकर लंबे लंबे झटके सीधी उसकी चूत में मार ही रहा था। कि तभी वो कसकर अपने दोनों मुट्ठी से बिस्तर को नोचने लगी और उसकी कमर झटका खाने लगी। और उसकी चूत थोड़ी और टाइट होने लगी।

उस वक़्त ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत मेरे लंड को चबाने की कोशिश कर रही है। तभी फच्च.. से उसकी चूत से गर्म सफ़ेद धाद(वीर्य) निकलने लगी उसके धाद के साथ मेरा लंड भी उसकी चूत से बाहर निकल गया।

लंड उसकी चूत से निकलने के बाद मैं भी उसके ऊपर से उठ गया। वो पसीने से भीगीं हुई बुरी तरह हांफ रही थी। और लंबी लंबी साँसे ले रही थी। मैंने अपने लंड को देखा वो अभी भी तनकर टाइट ही था और अपनी नशे फुलाये हुए इधर उधर झूल रहा था।

मैंने चोरनी की हालत देखकर थोड़ा रुक गया और उसके ऊपर से कम्बल हटा दिया। अभी मुझे उसे और चोदना था। इसलिए मैंने उसे आराम करने का मौका दिया। उसे अभी भी गर्मी लग रही थी। तो मैंने एक-एक करके उसके सारे कपड़े निकाल दिये।

अब वो बिल्कुल नंगी मेरे बिस्तर पर पड़ी थी। फिर मैंने उसे पलटकर सीधा किया और उसे खींचकर बिस्तर के कोर पे खींच लिया और खुद मैं उसकी टाँगों के बीच नीचे खड़ा हो गया। फिर मैंने उसकी दोनों जांघो को फैलाकर उसकी चूत पर अपना लंड सहलाने लगा।

और उसकी चूत के दाने को रगड़ता हुआ अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया उसने इससस….आ आ आ करते हुए अपनी आँखें बंद कर ली। लंड पूरा अंदर घुस गया हमदोनों की झांटो ने आपस मे जुगलबंदी कर ली।

फिर मैं अपना लंड उसकी चूत में सरकाने लगा। फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी। अब पूरे कमरे में चुदाई की ठप..ठप.. ठाप…की आवाजें आने लगी साथ ही उसकी दोनों बड़ी बड़ी चुचियाँ ऊपर नीचे उछलने लगी और आपस में टकराने लगी। उसकी चूत चुदाई करके मुझे इतना चरम सुख मिला कि मैं कुछ ही देर में झड़ने को आ गया।

मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और अपने लंड की मुट्ठ मारते हुए मैंने अपना सारा माल उसके चूत के ऊपर लपेट दिया। उसकी चूत मेरे माल से ढक गयी थी। उसके सारे चूत पर सफेद झाग वाला वीर्य फैल गया।

फिर मैं उसके सीने के दोंनो तरफ पैर करके उसके सीने पर बैठ गया और अपना लंड पकड़ कर उसके मुँह पर रख दिया। पर उसने अपना मुँह मोड़ लिया। फिर मैंने उसके दोनों गालों को दबाकर उसके होंठ खोल दिये और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया।

थोड़ा धमकाने के बाद वो मेरा लंड चूसने लगी। मैं भी उसके बालों को पकड़ कर उससे अपना लंड चुसवाने लगा और उसके मुँह में लंड से धक्के लगाने लगा। कुछ ही देर में मेरा लंड फिर फैलाद बन गया।

वो समझ चुकी थी कि फिर से मैं उसकी चूत की चटनी बनाने वाला हूँ। वो कहने लगी बाबू हो गया न आपने मुझे सजा दे दी है अब मुझे जाने दो मुझसे अब नही सहा जाएगा। आपने तो मेरी हालत ही बिगाड़ दी अब मुझे जाने दीजिए। आज के बाद मैं कभी चोरी नही करूँगी। वैसे भी मैंने अपनी सजा पूरी कर ली।

इतना सुनते ही मेरा पारा चढ़ गया वो मुझे खड़े लंड पे धोखा नही दे सकती थी। मैंने उससे कहा कि अभी तुम्हारी सजा खत्म नही हुई है। अभी मेरा हिसाब चुकता नही हुआ है। जब तक मैं तुम्हें जाने को नही कहूंगा तब तक तुम नही जा सकती। इतना कहते हुए मैंने उसे अपना लंड पकड़ा दिया।

और उससे कहा देखो तुमने आज इसकी इच्छा भर सेवा नही की है। अभी भी तनकर खड़ा है। पहले इसे सांत करो उसके बाद चली जाना। फिर मैंने उसे बिस्तर पर धकेल दिया और उसकी दोनों टाँगों को पकड़कर उसकी जाँघों को फ़ैलाकर उसके पैरों के बीच जाने की कोशिश करने लगा।

पर उसने अपने पैरों को आपस में चिपका लिया जैसे ही मेरी पकड़ उसपर ढ़ीली पड़ी वो उठकर भागने की कोशिश करने लगी। वो भागने के लिए जैसे ही उठी तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया। मैं उसके ऊपर चढ़ गया। वो अभी घोड़ी बनी हुई थी। मैं भी उसकी गांड पे लंड सटाये मैं उसके ऊपर घोड़ा बना हुआ था।

वो अभी भी भागने की कोशिश कर रही थी मैंने उसकी पीठ पर अपना चेहरा दबा दिया और उसके पंजो को अपने हाथों से बिस्तर पर आगे की तरफ कर दिया। जिससे वो आगे से बिस्तर पर झुक गयी अब उसका सीन बिस्तर पर सट गया और उसकी गांड ऊपर हो गयी।

आप समझ सकते है कि उसकी पोजीशन कैसी होगी मेरा लंड अभी भी उसकी गांड से टकरा रहा था। मेरा लंड उसकी काली बड़ी सी गांड की दरार से होता हुआ उसकी चूत पर रगड़ खा रहा था। मैंने एक हाथ से उसकी पीठ को दबाये हुए था। और एक हाथ से लंड उसकी गीली चूत पर रगड़ दिया।

उसके चूत के रस से मेरे लंड का टप्पा गिला हो गया। अचानक मुझे उसकी गांड का छेद दिखाई दे दिया जो उसके घोड़ी बनने से थोड़ा खुला हुआ था। तो मैंने अपने लंड को पकड़ कर उसकी चूत की जगह उसकी गांड में टिका दिया। और अपने कमर का सारा ज़ोर उसकी गांड पर लगा दिया।

पहले तो दबाव के कारण मेरा लंड उसकी गांड में टेढ़ा होने लगा। पर लंड के टोपे पर चूत का रस लगे होने के कारण मेरा लंड सट से थोड़ा सा अंदर चला गया। उसकी हालत खराब हो गयी वो रोने लगी और लंड निकालने के लिए गिड़गिड़ाने लगी। पर मुझे उसकी चूत से ज़्यादा उसकी गांड का नशा हो चला था।

तो मैंने अपने दोनों हाथ उसके कंधों पर जमा लिए और धीरे से अपने पैरों के सहारे मैं उसकी गांड में से अपना लंड बाहर निकाला और उसकी गांड पर बैठकर अपने लंड को सीधा अंदर उसकी गांड में डाल दिया। उस पोजीशन में उसकी गांड की छेद मेरे लंड के सीक में थी। उसे थोड़ा दर्द हो रहा था वो चिल्ला भी रही थी।

मगर मेरा लंड आसानी से पूरा उसकी गांड में घुस गया उसके बाद मैंने उसकी गांड पर कुद कूदकर 10 मिनट तक वैसे ही उसकी गांड मारी और उसके बाद मैंने धीरे- धीरे करके उसकी कमर को भी बिस्तर पर टिका दिया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसके बाद मैं भी उसकी गांड पर अपना लंड रगड़ते हुए लेट गया।

फिर उसकी गांड में लंड डालकर लेटा कर खूब उसकी गांड मारी कुछ देर बाद मैंने उसकी गांड मारते हुए उसकी चूत पर हाथ फेरा तो मेरी हाथ में उसकी चूत का पानी लग गया मैं समझ गया कि इसकी गांड चोदने से इसकी चूत फिर झड़ गयी है। कुछ देर बाद मैं भी उसकी गांड में ही झड़ कर सांत हो गया।

जब मैंने उसकी गांड से अपना लंड निकाला तो उसकी गांड से थोड़ा सा खून निकला वो देख मुझे इतनी खुशी हुई कि मैं बता भी नही सकता मैंने पहली बार किसी औरत की गांड फाड़ी थी मुझे इस बात पर गर्व था। मैं मन ही मन मुस्कुराता हुआ वहाँ से उठकर चला गया

जब मैं अपने लंड को साफ करके वापस कमरे में आया तो वो अभी भी पेट के बल गांड ऊपर किये बिस्तर पर लेटी हुई थी। मैंने उसके चेहरे को देखा उसकी आंख से आँसू बह रहे थे। और वो अपने पेट के नीचे से हाथ लगाकर अपनी चूत और गांड को छू कर चेक कर रही थी।

मैं अभी अभी नंगा ही उसके बगल में था। मुझे नंगा देख उसने कहा बाबू आप फिर से चुदाई करना चाहते हो क्या? तो कर लो मगर आप ये सब किसी को बताना मत की मैंने चोरी की है। नही तो मेरी जिंदगी खराब हो जाएगी। मैंने उससे कहा कि आज की रात मैं तुम्हें जी भर चोदूगा। वो बोली बाबू आपने मेरी हर छेद को फाड़ दिया। मेरे पति को पता चल जाएगा। की मैं दूसरे मर्द से चुदी हु।

मेरी चूत और गांड फैल चुकी है मेरे पति का लंड इतना मोटा नही है। अब मुझे उसके लंड से चुदाई का एहसास ही नही होगा कुछ दिन लेकिन उसे तो एहसास हो जाएगा कि मैं दूसरे मर्द के मोटे लंड से चुदती हूँ। वैसे मैं तो मजबूर हूँ चोद लो जितना चाहो उसके बाद मैंने उसे रात के 3 बजे तक खूब रगड़ कर चोदा उसकी हालत इतनी खराब कर दी। वो सही ढंग से न चल पा रही थी और न ही आज के बाद वो चोरी के सपने भी देखेगी

दोस्तों वो चोरनी कोई और नही मेरी ही कॉलोनी में रहने वाली एक औरत है। वैसे मैंने कभी उससे उसकी चुदाई से पहले बात नही की थी। लेकिन अब जब भी वो मुझे देखती है तो शर्म से अपनी नज़रे चुरा के निकल जाती है। मुझे देखकर उसे चुदाई का डर लग जाता होगा। अपनी गांड और बूर फाड़ चुदाई वो कभी जिंदगी में नही भूलेगी उसकी ऐसी चुदाई हुई थी।

तो दोस्तों कैसी लगी आप लोगो को मेरी और चोरनी औरत की चुदाई की कहानी। उम्मीद है आप सभी को पसंद आई होगी। आप ये कहानी sexykahani. xyz पर पढ़ रहे है।

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