बिन ब्याही बूढ़ी बुआ की चुत में पहला लंड-2

दोस्तों आपने पहले भाग में पढ़ा ही होगा की जब मेरी बुआ दोपहर में मेरे कमरे और मेरे बिस्तर पर सोई तो मैंने उनकी नींद का फायदा उठाते हुए। कैसे उनकी गांड की दरार में अपना माल झाड़ा। हालाकि मेरी बूढ़ी बुआ की बीच में ही नींद खुल गई। लेकिन मैं रुका नही और उनके जागने के बाद भी मैं उनकी गांड की दरार में अपना लंड रगड़ता रहा।

बिन ब्याही बूढ़ी बुआ की चुत में पहला लंड-2

बुआ की जैसे ही नींद खुली उन्होंने अपनी नंगी गांड और मेरे लंड को अपने हाथों से छूकर देखा लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नही कहा और जब मैंने उनकी गांड की दरार में अपना माल झाड़ दिया तो वो चुपचाप अपनी गांड साफ करके मेरे कमरे से बिना कुछ बोले चली गई। कहानी का पहला भाग जरूर पढ़े – बिन ब्याही बूढ़ी बुआ की चुत में पहला लंड-1

बुआ के जाने के बाद मैं अपने कमरे में ही था और अपने मोटे काले लंड को बार बार बुआ की नंगी गांड को याद करके 2 – 3 बार हिला चुका था। ऐसे ही शाम हो गई करीब 8 बजे रात में मां मेरे कमरे में आई और मुझे उठाकर खाना खिलाने लाई।

बुआ और पापा पहले से ही खाने बैठे हुए थे। मैं और मां भी खाने बैठ गए। बीच में ही बुआ बोली कुणाल को आज दोपहर में बहुत बुखार था और वो सही से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था और मेरे सामने ये जमीन पर गिरा। इसके शरीर में ताकत नहीं है।

बुआ बोली जब तक ये ठीक नही होता किसी को इसके साथ रहना पड़ेगा। मैं अपनी नज़रे झुकाए खाते हुए सिर्फ उनलोगो की बातें सुन रहा था। फिर बुआ बोली मैं आज इसके कमरे में ही सो जाऊंगी। मां बोली ठीक है दीदी आप इसके साथ सो जाना। क्योंकि पता नही बीच रात कही बुखार ज्यादा आ जायेगा तो इसके पास किसी का रहना जरूरी है।

आधे घंटे में सब अपने अपने कमरे में आ गए। कुछ देर बाद बुआ मेरे कमरे में आ गई। कमरे में घुसते ही बुआ ने पहले कमरे का दरवाजा बंद किया और कमरे की लाईट चालू छोड़ दी। मुझे लाइट बंद करके सोने की आदत थी। लेकिन उस रात लाइट की जरूरत थी। इसलिए मैंने बुआ को कुछ नही कहा।

बुआ अब मेरे बिस्तर एक कोने पर मेरे साथ लेट गई। हम दोनों के चेहरे आमने सामने थे। हम दोनों एक दुसरे को बिना नज़रे हटाए देख रहे थे। अब मुझे बुआ से कोई डर नहीं था। मैंने अपनी पैंट निकाल दी और पूरा नंगा हो गया। अब बुआ की नजर मेरे चेहरे से हटकर मेरे लंड पर जा चुकी थी। बुआ एक टक मेरे मोटे लंबे और काले लंड को निहार रही थी।

मैं हम दोनों के बीच की दूरी मिटाते हुए तूरंत बुआ के पास पहुंच गया। फिर मैंने अपने हाथ से बुआ के साड़ी के पल्लू को उनके सीने पर से हटा दिया। अब मुझे उनकी ब्लाउस के अंदर से बाहर झांकती हुई चुचियों के उभार साफ नजर आ रहे थे। मैं अपना सर उनकी गर्दन के नीचे ले आया और अपना चेहरा उनकी चुचियों के उभार पर चिपका दिया।

अब मैं अपनी जीभ निकालकर अपनी बूढ़ी बुआ की चुचियों के बीच की दरार को अपनी जीभ से खोदते हुए चाटने लगा। बुआ की चुचियों की दरार का स्वाद नमकीन सा लग रहा था। कुछ देर बुआ की चुचियों के उभार को चाटने के बाद मैंने उनकी ब्लाउस की सारी हुक खोल दिए। अब मैं उनकी सांवली चुचियों के दोनों निप्पलों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा।

बुआ की चुचियों को चूसने के साथ ही मैंने उनके एक हाथ को पकड़ा और उनके हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया। बुआ भी अब मेरे लंड और गोटियों को हल्का हल्का दबाने लगी। जब उन्होंने मेरा लंड पकड़ा तब उनकी सांसें गर्म होने लगी। बुआ मेरे लंड को मसलने लगी अब मेरे लंड धीरे धीरे बड़ा हो रहा था और साथ ही लार जैसा पानी छोड़ने लगा था।

मैं उनकी निप्पलों को चूस रहा था। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से बुआ की साड़ी को उठाकर उनकी कमर तक उठा दिया और उनकी दोनों टांगों के बीच अपनी एक टांग घुसा दी। जिससे उनकी दोनों टांगों के बीच थोड़ी जगह बन गई। अब मैंने उनकी जांघों के बीच अपना एक हाथ डाला और पहली बार अपनी उंगलियों से उनकी चुत को छुआ।

उनकी चुत को छूते ही खुशी के मारे मेरे बदन के सारे रोंगटे खड़े हो गए थे। उनकी चुत पर बिल्कुल बाल नहीं थे और उनकी छोटी सी चुत को छूकर मैं समझ गया की बुआ अपनी जिंदगी का पहला लंड खाने जा रही है। मैं उनकी चुत की दोनों फांकों के बीच में अपनी उंगली रगड़ने लगा।

कुछ ही देर में बुआ की चुत से भी लार जैसा पानी निकलने लगा। अब उनकी चुत किसी गरम चीज की तरह महसूस हो रही थी। अब मुझसे इंतेजार नही हो रहा था। मैंने बुआ की पेटिकोट का नाड़ा खोला जिससे उनकी साड़ी भी खुल गई। मैंने एक झटके में बुआ की साड़ी को उनके बदन से नोच कर निकाल दिया।

फिर मैंने उनकी पेटिकोट के साथ साथ उनकी ब्लाउस भी पूरी निकाल दी। बुआ अब पूरी नंगी हो चुकी थी और किसी नई नवेली दुल्हन की तरह शर्मा रही थी। मैंने अपने दोनों पंजे बुआ की दोनों बड़े चुचियों पर रखे और पूरी ताकत से उनकी चुचियों को दबाने लगा। जब मैं बुआ की चूचियां दबाने लगा। तब बुआ आह… आह…. उम्म… करने लगी।

जब मैं बुआ की चुचियों को दबा रहा था। तब ऐसा लग रहा था की उनकी चुचियों में कोई गोला छिटक रहा है। उनकी चूचियां बिलकुल टाईट थी। अब उनके दोनों निप्पल भी एक दम कड़क होकर तन गए थे। अब मैं बुआ के उपर लेट गया और उनके कान और गालों को चूमने लगा। मैंने आहिस्ते से बुआ से पूछा बुआ क्या आप पहली बार कर रही हैं।

उन्होनें बंद आंखों के साथ ही हां में सर हिलाया। मैंने कहा आप जरा बर्दास्त करना पहली बार थोड़ा दर्द हो सकता है आपको ! फिर मैंने उन्हें अपनी टांगें खोलने को कहा। बुआ ने अपने दोनों टांगों को खोलकर थोड़ा फैला लिया और अब मैं उनकी दोनों टांगों के बीच में आ गया। अब हम दोनों की इंतेजार की घड़ी समाप्त होने वाली थी।

मैंने दो उंगलियों पर थूक लिया और बुआ की टाईट चुत की छेद पर लगा दिया। फिर मैंने अपना लंड बुआ की चुत पर लगाया और अपने लंड को बुआ की चुत के दोनों फांकों के बीच रगड़ने लगा। बुआ तेज और गहरी सांसे लेती हुई मस्त होकर आह. आह. उम्मम.. अह.. करने लगी।

फिर मैंने अपने लंड की चमड़ी पीछे की और सुपाड़े को बुआ की चुत की छेद पर दबा दिया। अब बुआ की पहले मस्ती वाली आह.. अब कराह में बदल गई। मैंने अपना लंड थोड़ा और उनकी चुत पर दबाया लेकिन बुआ ने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ लिया। मैं वैसे ही रुक गया। फिर मैंने बुआ के होठों को अपने होठों में भरा और उन्हें दीवानों की तरह किश करने लगा।

अब बुआ ने अपने दोनों हाथ मेरी कमर से हटाकर मेरे सर पर रख लिए थे। अब अच्छा मौका था। मैंने एक धक्का मारा और मेरा लंड उनकी टाईट चुत में आधा घुस गया। बुआ की घुटी हुई कराह निकल रही थी। मुझे भी ऐसा लगा की बुआ की चुत में कुछ हुआ है मैने जब उनकी चुत की ओर देखा तो मैं दंग रह गया। बुआ की चुत लहू लुहान थी।

मेरा लंड और उनकी पर खून था। अब मैं समझ गया की बुआ की चुत की सील फट गई थी। थोड़ी देर बुआ तड़पती रही उनकी आंखों में आंसू थे। मैं उन्हे फिर से किश करने लगा। अब एक धक्के में मैंने अपना बचा हुआ लंड भी बुआ की चुत में धकेल दिया। बुआ तड़पने लगी। मैं उन्हे किश करते हुए उनकी चुचियों को दबाने लगा। मैं हर तरह से उनको आराम पहुंचाने की और उनका ध्यान भटकाने की कोशिश करने लगा।

उसके कुछ देर बाद मैंने धीरे धीरे अपनी कमर उपर नीचे करके कम रफ्तार में उनकी चुत चोदनी शुरू की बुआ को अब राहत मिल रही थी। अब उनकी चुत की चुदाई शुरू हो गई थी। उससे उनको अब मजा आ रहा था। उनको देखकर लग ही नहीं रहा था की थोड़ी देर पहले वो दर्द से तड़प रही थी।

कुछ देर चुदाई के बाद ही बुआ की चुत मेरे लंड को हर तरफ से घोटने लगी उनकी चुत तंग होने लगी। बुआ ने भी मुझे जोर से पकड़ लिया और मेरी कमर को अपनी टांगों की कैंची बनाकर जकड़ चुकी थी। मैंने वैसे ही उनकी चुत में कुछ धक्के लगाएं। उसके बाद बुआ की चुत से उनका माल बहने लगा। अब बुआ ढीली पड़ चुकी थी।

अब मैं ही अपनी ताकत लगाकर बुआ की चुत को चोद रहा था। बुआ की चुत का सफेद गाढ़ा पानी मेरे लंड पर फैल गया था। जो मेरे धक्कों के साथ उनकी चुत में जाता और लंड बाहर खींचने पर उनकी चुत में जमा हुआ पानी लंड के साथ बाहर आता। कुछ देर बाद मैं बुआ की चुत को चोदते हुए उनकी चुत में ही झड़ गया।

उसके बाद मैंने अपने लंड और बुआ की चुत से खून और वीर्य को साफ किया और थोड़ी देर एक दूसरे से चिपककर नंगे ही लेटे रहे। थोड़ी देर बाद बुआ के बदन की गर्मी ने मेरे लंड को फिर खड़ा कर दिया। फिर मैंने बुआ से कहा की बुआ एक बार और करना है। मैंने बुआ को कहा अब आप मुझे चोदो तो वो बोली कैसे?

मैंने कहा आप मेरे उपर बैठकर आगे पीछे होकर और अपनी गांड उछाल उछालकर मेरा लंड अपनी चुत में लो। बुआ ने कहा ठीक है। मैं सीधा लेट गया बुआ अपनी दोनों टांगें फैलाकर मेरी जांघों पर बैठ गई। फिर वो मेरे लंड को पकड़कर अपनी चुत के छेद पर रखा और धीरे धीरे बैठने लगी। थोड़ी देर में मेरा लंड पूरा का पूरा उनकी चुत में घुस गया।

फिर उन्होंने अपने दोनों हाथ मेरे सीने पर रख दिया और अपनी कमर उठा उठाकर मेरे लंड पर उछलने लगी। कुछ देर वैसे चोदने के बाद वो थक गई और मेरा लंड चुत में लिए मेरे उपर लेट गई। फिर मुझे किश करती हुई मेरे गालों और गले को चूमती हुई मेरे बदन पर लेटकर आगे पीछे डोलते हुए मेरे लंड को अपनी चुत के अंदर बाहर कर वो भी चुदाई का मजा लेने लगी।

इसी तरह मेरी बुढ़ी बुआ की कुंवारी चुत की सील मेरे लंड से फटी मेरी बुआ ने उस रात 3 बार मेरे लंड की सवारी ली। मैंने बुआ को सारी रात चोदा। अब मैं बुआ को कभी दिन तो कभी रात जब मन करता है तब तब चोदता हूं। कुछ ही दिनों में मेरी बुआ एक औरत बन गई। अब वो मेरी बीवी की तरह मेरे साथ रहती है। अब बुआ को चोदने में कोई रिस्क तो था नहीं क्योंकि उनको महीना नही आता था। न ही वो प्रेगनेंट हो सकती थी।

मैं अपनी बुआ के जिस्म का भरपूर मजा लेता हू और उनको जब मन तब चोदता हूं। मैंने उनकी गांड को चोद चोदकर और चौड़ा और अपने लंड को और मोटा कर लिया है। मैंने बुआ को इतना ट्रेंड कर दिया है की वो अब मेरा लंड चूसकर मेरा माल भी खा जाती है। तो दोस्तों ये थी मेरी बुढ़ी बुआ की कुंवारी चुत की चुदाई की कहानी। उम्मीद है ये कहानी आप सभी को पसंद आई होगी।

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