भिखारी औरत की रातभर सड़क पर चुदाई – 2

तो दोस्तों मैं भिखारी औरत की रातभर सड़क पर चुदाई – 1 की कहानी का दूसरा भाग आप सभी के बीच ले आया हूं। अगर आपने कहानी के पहले भाग को नही पढ़ा तो अभी जाकर पढ़े। कहानी के पहले भाग को हमने जहां छोड़ा था वही से शुरू करते है।

भिखारी औरत की रातभर सड़क पर चुदाई – 2

मैं उस भिखारी औरत को चोदते हुए उसकी चुत में झड़ गया था और थका हुआ था। इसलिए मैं उसकी चुत में अपना लंड डाले हुए ही उस भिखारी औरत के बदन पर लेटे हुए आराम फरमा रहा था। तभी मुझे किसी के खांसने और चलने की आहट मिली। मैं उस आवाज़ को सुनकर हड़बड़ा गया और जल्दी बाजी में अपने कपड़े उठाकर अंधेरी झाड़ियों के बीच चला गया।

वो भिखारी औरत अभी भी नंगी अवस्था में बेहोश पड़ी थी। उसका बदन उपर से पूरा नंगा था। उसकी टांगें चौड़ी होकर खुली हुई थी और उसकी दोनों चूचियां खुली पड़ी थीं। मुझे उसको देखकर अफ़सोस हो रहा था की मैं उसके नंगे बदन को ढक नही पाया।

मैं झाड़ियों में छिपा हुआ सब देख रहा था। एक बार मेरे मन में आया की मैं जाकर उसके बदन को उसकी फटी हुई नाइटी से ढक दूं। लेकिन वो आदमी उसके नजदीक आ चुका था। वो आदमी उन भिखारियों के समूह का था। जो उस रोड लाईट के नीचे अपना डेरा जमाए थे।

वो आदमी उस भिखारी औरत के नजदीक पहुंच चुका था। तभी उसकी नज़र उस भिखारी औरत के नंगे शरीर पर पड़ी और वो वहीं एकदम से जम गया। वो आदमी उस भिखारी औरत के नंगे बदन को देखने लगा। वो आदमी उस भिखारी औरत की खुली हुई टांगों के पास बैठ गया।

मैं अब उसकी नियत समझ चुका था क्योंकि वो उस औरत के बदन पर किसी कौवे की तरह चोंच मारने को तैयार था। वो कपड़ो पर से ही अपना लंड मसलते हुए। उस भिखारी औरत की चुत से बहता हुआ मेरा वीर्य देख रहा था। फिर उसने उसकी चुत पर अपनी उंगली रखी और एक उंगली अचानक से उसकी चुत में डाल दी।

फिर उसने उस औरत को हिला डुला कर देखा तो उस औरत ने कोई हरकत नहीं की वो अब भी नशे की हालत में बेहोश थी। तभी वो भिखारी आदमी अपने कपड़े उतारने लगा। देखते ही देखते वो आदमी पूरा नंगा हो गया और अपना लंड पकड़कर उस भिखारी औरत की दोनों जांघों के बीच उसकी चुत में अपना लंड डालते हुए उस औरत के उपर लेटने लगा।

फिर क्या था सारा खेल शुरू हो गया। वो भिखारी आदमी भी उस भिखारी औरत को चोदने लगा। वो उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को अपने हाथों से रौंदते हुए। उसकी दोनों जांघो के बीच अपनी कमर उसकी चुत पर पटकने लगा और वो उस औरत की चुत चोदते हुए मादकता में अजीब अजीब आवाजें निकालने लगा।

करीब दस मिनट तक वो आदमी उस भिखारी औरत की चुत में लंड डालकर चोदता रहा। फिर उसने अपना माल उस औरत की चुत में ही झाड़ दिया थोड़ी देर सांस लेने के बाद उसने अपना लंड उसकी चुत से निकाला और अपना लंड लहराते हुए वो उसकी बड़ी बड़ी चुचियों पर अपनी काली गांड रखकर बैठ गया।

फिर उसने अपने हाथ से उस भिखारी औरत के मुंह को दबाया जिससे उस औरत का मुंह खुल गया और उसने अपना लौड़ा उस औरत के मुंह में डाल दिया। फिर वो अपनी गांड से उसकी चुचियों पर उछलते हुए अपना लंड उसके मुंह में अंदर बाहर करते हुए उस भिखारी औरत के मुंह को चोदने लगा।

उसके ऐसा करते हुए देखकर मेरी झांटों में आग लग रही थी। वो काफी देर तक उसके मुंह में अपना लंड डालकर चोदता रहा। फिर वो उसके मुंह में ही झड़ गया और उसने अपना लंड बाहर निकाला। उस भिखारी औरत के मुंह से उस आदमी का छोड़ा हुआ वीर्य बाहर बहने लगा।

अब उस आदमी का मन भर गया था। उसने भी उस भिखारी औरत को नंगा ही छोड़ दिया और अपने कपड़े उठाकर वापस अपनी जगह पर चला गया। मुझे लगा की अब सब खत्म हो गया है मैंने सोचा की मैं जाकर उस औरत के बदन को ढक देता हूं।

लेकिन तभी फिर से मुझे किसी के आने की आवाज सुनाई दी। मैंने जब देखा तो मेरे होश उड़ गए। उन्ही भिखारियों की टोली में से 4 लोग उस भिखारी औरत की तरफ आ रहे थे। साथ में वो भिखारी आदमी भी था जो अभी अभी उस औरत को चोदकर गया था। वही उन लोगों को लेकर आ रहा था।

वो लोग तुरत उस भिखारी बेहोश पड़ी औरत के पास पहुंच गए। उनमें से कोई बूढ़ा तो कोई मध्यम उम्र का था। उस औरत के नंगे बदन को देखते ही उन चारों ने झट पट अपने कपड़े उतार दिए। फिर वो एक साथ उस औरत पर टूट पड़े।

कोई उस औरत के चुचियों को दबा रहा था तो कोई उसकी चुत में उंगली डाल रहा था और कोई उसके पेट से लेकर उसकी गांड के साइड के भाग को सहला रहा था। एक ने तो अपना लंड उस औरत के मुंह में डाल रखा था।

तभी जिस आदमी ने उसकी चुत में उंगली डाली थी उसने अपनी उंगली उसकी चुत से निकाली और उन तीनों से लड़ते हुए पहले उस औरत को चोदने की होड़ करने लगा। फिर उसने अपना लंड उस भिखारी औरत की चुत में डाला और उसकी जांघों के बीच में कूद कूदकर अपना लंड उसकी चुत में डालने लगा।

वो उस औरत को ऐसे चोद रहा था की जैसे वो उसकी चुत फाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था। वो आदमी उस औरत की चुत में झड़कर बगल हो गया। फिर जिसने उस औरत के मुंह में लंड डाला था वो आदमी उस औरत के बगल में लेट गया। बाकी के तीन लोगों ने उस औरत को धकेलकर उस लेटे हुए आदमी के बदन पर चढ़ा दिया।

वो भिखारी औरत बेहोशी की हालत में उस आदमी पर लेटी हुई थी। उसमे से एक आदमी ने उस औरत की बची हुई नाइटी भी उसके बदन से निकाल दी। जिससे उस भिखारी औरत की सांवली काली बड़ी गांड नंगी हो गई। उस औरत की बड़ी सुडौल गांड देखकर मेरी नीयत हिलने लगी।

मुझे अफसोस होने लगा की मैंने पहले उसकी गांड क्यों नहीं देखी। एक मर्द उस औरत के नीचे उसे अपने ऊपर लेकर लेटा हुआ था। तभी उस आदमी ने अपना लंड पकड़ा और नीचे से उसकी चुत में डाल दिया। फिर उस आदमी ने उस भिखारी औरत की कमर को अपने बांहों में कस लिया। फिर उसने नीचे से अपनी कमर उछाल उछालकर उस औरत की चुत को चोदना शुरू किया।

वो आदमी नीचे से उसकी चुत को दनादन चोदे जा रहा था। तभी उसने ग्रुप का बूढ़ा भीखारी उसे चोदने का मौका मांगे जा रहा था। और बाकी के आदमी उस बूढ़े भिखारी का मजाक उड़ाते हुए हंस रहे थे। तभी उस बूढ़े भिखारी ने उस औरत के पैर मोड़कर अपने लंड को पकड़े उस भिखारी औरत की गांड को सहलाने लगा।

वो भिखारी औरत अब मेंढक वाली पोज में नीचे से लंड खा रही थी और उपर से वो बूढ़ा भिखारी उसकी गांड पर चढ़ने को तैयार था। उस बूढ़े भिखारी ने अपना लंड उस भिखारी औरत की गांड के बीच डाला और आह आह करके अपना लंड उस भिखारी औरत की गांड में डालने लगा। अब वो भिखारी औरत दोनों तरफ से चुद रही थी। दो मर्द एक साथ उसपर चढ़े हुए थे।

तभी एक आदमी ने उस बूढ़े भिखारी से कहा काका तुम्हारे लंड में इतनी धार नही है की इसकी गांड में घूस जाए क्यों उपर ही उछले जा रहे हो। बूढ़े भिखारी ने कहा अंदर न जाए तो न जाए पर मजा तो आ रहा है न। मैं समझ गया की वो बूढ़े का लंड उस औरत की गांड में नही गया है।

तभी नीचे वाला आदमी जो उस भिखारी औरत की चुत चोद रहा था। वो भरभर कर उसकी चुत में ही झड़ गया। उसके कुछ देर बाद वो बूढ़ा भी उस औरत की गांड के दरार में झड़ गया। वो दोनों उस औरत को छोड़कर उठ गए अब तीसरे आदमी ने कहा तुम लोगों ने तो चोद लिया। अब मेरी बारी है

तीसरे आदमी ने कहा तू लोग इसे मेरी गोद में बैठा दो। फिर उन लोगों ने उस भिखारी औरत को उठाकर उस तीसरे आदमी की गोद में बैठा दिया। वो भिखारी औरत उस आदमी की गोद में थी। उस आदमी ने उस भिखारी औरत की दोनों टांगों को अपनी कमर के दोनों तरफ कर दिया और अपने सीने और पेट को उस औरत के चुचियों और पेट से सटा लिया।

फिर उसने अपना लंड पकड़ा और उस औरत की चुत में लगाकर उस भिखारी औरत को अपनी गोद में उछालने लगा। वो भी किसी हवसी भेड़िए की तरह उसकी चुत में अपना लंड डाले जा रहा था। वो बेहोश औरत उसकी गोद में उछल उछलकर उसका लंड अपनी चुत में ले रही थी।

उस औरत को कोई अंदाजा नहीं था की आज की रात उसे पांच मर्दों ने किस तरह से चोदा था। अब भी उसकी चुदाई चल रही थी। उस आदमी ने बहुत देर तक और न जानें कितने राउंड उस औरत की चुत को अपने माल से भरा जब उस आदमी का मन भर गया तो वो भी उस भिखारी औरत को उसी तरह नंगा छोड़कर चला गया।

अब वो चारों वापस जा चूके थे। वो औरत अपनी बांई भुजा के तरफ पलटे हुए उसकी एक टांग सीधी और दुसरी टांग मुड़ी थी। वो औरत अभी भी उस फूटपाथ पर बेहोश पड़ी थी। मैं चुपके से उसके पास गया तो देखा उसके बदन पर हर जगह मुंह से लेकर चुत और गांड पर भी वीर्य भरा हुआ था।

मुझे उसकी बड़ी गांड और उसकी नंगी मखमल जैसी मुलायम चूचियां देखकर फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया। लेकिन मैंने वहां कुछ नही किया। मैंने उस औरत को अपनी गोद में उठाया और उस सड़क के दूसरी तरफ जंगल में चला गया। मैं उसे लेकर जंगल के अंदर चला गया। जहां हर तरफ झाड़ियां और बड़े बड़े पेड़ थे।

कुछ देर और चलने के बाद मैं और घने जंगल के अंदर आ गया। जहां मुझे एक छोटा सा तालाब दिखा। मैं साफ सुथरी जगह देखकर वही रुक गया और उसे लेटा दिया। मैं जल्दी बाज़ी में फूटपाथ पर से उसकी फटी हुई नाइटी उठाना भूल गया था। अब मेरे पास उसका नंगा बदन ढकने के लिए कोई चीज नहीं थी।

मैं उसे वैसे ही नंगा लेटाकर उस तालाब के पास गया और अपने पुरे कपड़े उतार कर अपने बदन को तलाब में धोने लगा। मैंने अपने लंड को भी अच्छे से साफ किया और फिर नहाकर अपने कपड़े पहन लिए। मैं भी साफ जगह देखकर वहीं लेट गया अब भोर होने वाली थी।

पता नही मेरी आंख कब लग गई। जब मैं सुबह उठा तो जब मैंने देखा तो वो औरत वहां नही थी। मैं बैचेन हो गया और उसे इधर उधर ढूंढने लगा। कुछ देर बाद वो मुझे एक झाड़ी के पीछे छिपी हुई दिखी।

मैंने उसे बाहर आने को कहा तो वो मना करते हुई बोली मेरे कपड़े कहा है। मैंने उसे कहा तुम्हारे साथ क्या हुआ है उस फूटपाथ पर जानती भी हो। 4 लोग मिलकर तुम्हें चोद रहे थे। मैंने सीधे ऐसे ही कहा।

वो चुप हो गई। फिर मैंने कहा चार भिखारी आदमी तुम्हारे कपड़े फाड़कर तुम्हें बारी बारी से चोदे जा रहे थे। एक ने तो तुम्हारी गांड मारने की चाही। लेकिन मैंने जब देखा की तुम बेहोश थी और वो तुम्हारी बेहोशी का फ़ायदा उठा रहे थे। तब मैंने उनको डरा धमकाकर भगाया और तुम्हें बचाया।

लेकिन वो मुझसे हाथापाई करने लगे। लेकिन मैं किसी तरह बचाकर तुम्हें यहां लाया हूं। हड़बड़ी में तुम्हारा कपड़ा वहीं छूट गया और वैसे ही तुम्हारा कपड़ा किसी लायक नही बचा था। उन चारों ने उसके चिथड़े कर दिए थे।

मैं और मेरे कपड़े भी गंदे हो गए है। जब मैं तुम्हें गोद में उठाकर यहां ला रहा था। तो तुम्हारी चुत से वीर्य बह रहा था जिससे मेरे कपड़े भी खराब हो गए है। मैंने ऐसी ही भासा में उसे सब बताया। लेकिन ये नही बताया की पहले मैंने ही उसको चोदना शुरू किया था और मेरी ही गलती के कारण उसे वो चारों भिखारी चोद गए।

मेरी बातों को सुनकर वो थोड़ी देर बाद झाड़ियों से निकली उसने अपनी चुत और चुचियों को अपने हाथ से ढक रखा था। वो एक नजर मुझे देखती हुई मेरे सामने आई। मैंने उससे कहा जाओ नहा लो तुम्हारे बदन काफी गंदा है अपना शरीर साफ कर लो।

वो तालाब के किनारे जाकर पानी में बैठ गई। उसे जाते हुए मैं उसकी मटकती सावली गांड देखकर खुश हो गया। अब फिर से मेरा मूड बनने लगा। वो पानी में बैठकर अपना बदन साफ करने लगी। कुछ देर बाद मैं भी अपने सारे कपड़े उतारकर नंगा हो गया।

मैं भी उसके बगल में जाकर तालाब में खड़ा हो गया और मैं जानबूझकर खड़ा रहा ताकि वो मेरा लंड देख सकें। मैं जैसे ही उसके पास खड़ा हुआ एक नजर तो उसने मेरे लंड को देखा फिर वो थोड़ी दूसरी तरफ मुड़ी और अपना शरीर मलने लगी।

मैंने कहा मैं भी गंदा हो गया हूं। मैं भी नहा लेता हूं। मैं भी उसके पीछे पानी में बैठ गया और उसे नहाते हुए देखने लगा। जब मुझसे बर्दास्त नही हुआ तो मैंने अपना एक हाथ उसकी पीठ पर लगाया। हल्के से उसकी पीठ सहलाते हुए। मैं खिसककर उसके और नजदीक गया।

अब मेरा लंड पानी के अंदर उसकी गांड से टच हो रहा था। फिर मैं धीरे धीरे उसकी पीठ रगड़ने लगा। उसने कुछ नही कहा मैं उसकी पीठ रगड़ते हुए उसकी चुचियों तक पहुंच गया। मैं उसकी दोनों चूचियों को अपने पंजों में लेकर मसलने लग गया।

मैंने उसकी चुचियों को मसल मसलकर सारा मैल निकाल दिया। अब उसकी चूचियां साफ़ नजर आ रही थी। मैं अपने एक हाथ से उसकी चुचियों को दबाते हुए। अपना एक हाथ उसकी दोनों जांघों के बीच ले गया और उसकी झांटों को रगड़ रगड़कर उसकी झांटों का जट्टा साफ करने लगा।

अब उसकी पीठ लगभग मेरे सीने पर चिपक गई थी। तभी मैंने धीरे से उसके कान में कहा। सबसे ज्यादा गंदी चीज की तो सफाई ही नही हुई। मैंने उसकी चुत में अपनी दो उंगलियां अचानक डाली उसने आह.. करते हुए मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया।

मैंने उसकी चुत में अपनी दो उंगलियां डालकर उसकी चुत फैला दी। उससे कहा की दम लगाकर मूतो ताकि तुम्हारी चुत में से बचा हुआ बीज भी निकल जाए। न जानें कितनो ने अपना बीज तुम्हारी चुत में डाला है। उसने वैसे ही किया वो जबर्दस्ती दम लगाकर मूतने लगी। मैंने भी अपनी उंगलियों से उसकी चुत के अंदर का माल बाहर निकाला।

लेकिन मेरी उंगलियों के उसकी चुत में फिरने से वो गरम हो गई। मैंने उस मौके का फायदा उठाया मैंने उसकी कमर को पकड़ा और उसे अपनी गोद में खींच लिया। अब वो भिखारी औरत मेरी गोद में बैठी हुई थीं। मैंने नीचे से अपना लंड पकड़ा और सीधे ही उसकी चुत पर लगाकर एक ज़ोर का धक्का मारते हुए अपनी कमर उपर उछाली।

मेरा मोटा और 8 इंच लंबा लंड गच्च से उसकी चुत में घूस गया। उसने मेरी जांघ पकड़ ली। मैं उसे तेज़ी से अपने लंड पर उछालने लगा। वो आह.. आह… करती हुई अपनी चुत मेरे लंड से चुदवाने लगी। मैंने उसकी दोनों चुचियों को पकड़ लिया और उसे उठने बैठने को कहने लगा।

वो मेरे लंड पर उठने बैठने लगी और मैं उसकी चूचियों को मसलते हुए उसकी पीठ को चूमते हुए। उसकी सांवली चुत को अपने मोटे लंड से चोदने लगा। अचानक से मुझे उसकी गांड का खयाल आया मैंने उसे तूरंत रुकने को कहा।

मैंने कहा तुम अपना चेहरा मेरी तरफ करके बैठो। वो घूम गई उसने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर के दोनों तरफ करके मेरी कमर पर बांध ली। फिर उसने अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चुत में डाला और मेरी गोद में उछलती हुई मेरे लंड को अपनी चुत के अंदर बाहर करने लगी।

वो चुदाई में खो गई और मेरे लंड की भूख के साथ अपनी चुत की प्यास बुझाने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे लगा दिया। मैं अपने हाथों से उसे उछाल मारने में मदत देने लगा। फिर मैंने अपने हाथ की एक उंगली को उसकी गांड की छेद पर लगाया।

जैसे ही वो उछलकर लंड पर बैठी मेरी एक उंगली उसकी गांड में घूस गई। लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ा वो बस अपनी चुत की प्यास बुझाने में पड़ी हुई थी। मैंने उससे कहा की अब मेरा लंड अपनी गांड में लो तो वो मना करने लगी। उसके उछाल मारते ही मैंने खुद ही अपना लंड उसकी चुत से निकाला और उसकी गांड की तरफ मोड़ दिया।

जैसे ही वो मेरी गोद में आने लगी मैंने अपना लंड उसकी गांड़ में डाल दिया। वो चीख उठी और भागने लगी। लेकिन मैंने उसकी टांग पकड़ ली। जिससे वो तालाब के किनारे पर मुंह के बल धड़ से गिरी उसकी गांड उपर थी। उसकी टांगें पानी में थी।

मैं तुरन्त उसके उपर चढ़ गया और जबर्दस्ती अपना लंड उसकी गांड में डालने लगा। वो गुस्साते हुए बोली गांड मत मारो दर्द करता है। मैंने उसके सर को मिट्टी पर दबाए और उसकी गांड की छेद पर अपना लंड दाबते हुए कहा। ” साली एक तो मैंने तुझे बचाया उपर से तू नखरे मार रही है। मैं अगर तुझे वही छोड़ देता तो पता नही वो चारों तेरे अंदर कहा कहा लंड डालते।

एक तो तेरी गांड में लंड डालने ही वाला था की मैंने बचा लिया। वो शान्त हो गई। मैंने एक धक्का मारा जिससे मेरा लंड आधा उसकी गांड में घुस गया और उसकी गांड से टट्टी निकल गई। लेकिन मैंने ज्यादा ध्यान न देते हुए। बचा हुआ लंड भी उसकी गांड में ठेल दिया।

वो चीख मारती हुई आह्ह्ह… आह.. आआआह… चिलाने लगी। पर मैंने उसके नही छोड़ा मैं उसके उपर चढ़ा हुआ था मैं उसके उपर लेट गया और अपनी टांगों से उसकी टांगों को फैला दिया और उसकी टांगों को दबा रखा था। उसके बाद मैंने जी भर उसकी गांड मारी मेरे लंड पर उसकी टट्टी लग रही थी। लेकिन मैंने उसकी गांड को नही बक्शा और अपना माल उसकी गांड में झाड़ दिया।

उसके बाद मैंने अपना लंड उससे साफ करवाया। फिर मैंने उसे नहलाकर साफ किया और खुद भी नहा कर तालाब से बाहर निकल आया। वो भी मेरे बगल में आकर बैठ गई। मैंने उससे पूछा की कहा रहती हो। तो उसने कहा की सड़क पर मैंने पूछा कि कोई घर नही है क्या?

तो उसने कहा की नहीं है। भीख मांग कर खाती हूं। मैंने कहा वो ठीक है लेकिन तुम दारू क्यों पीती हो। तो उसने कहा जब मैंने भीख मांगना शुरु किया था। तो मेरी संगती भिखारियों के एक टोली से हो गई थी। उस टोली के औरतों और मर्दों के साथ मैं भी भीख मांगने लगी। उन्होंने मुझे अपने साथ रहने दिया।

कुछ दिनों बाद वो रात में मुझे शराब पिलाकर अपनी औरतों के सामने ही चोदते थे। उनकी टोली के बूढ़े और जवान लड़के भी मुझे रात को पकड़ पकड़कर अपने साथ ले जाते थे। कभी कभी तो तीन चार लोग एक साथ मुझे मिलकर चोदते थे। मैं भी दारू के नशे में चुदवाती थी और करती भी क्या?

कभी कभी तो वो मुझे खुली सड़क पर ही चोदते थे। अब तक न जानें कितनो ने मेरी चुत मारी है आज तुमने मेरी गांड चोदके रही सही कसर भी पूरी कर दी। मैंने उससे पूछा मेरे साथ मेरी खोली में रहोगी। तो उसने हंसते हुए कहा मुझे अपने साथ क्यों रखना चाहते हो?

मेरे पास उसका कोई जवाब नही था। मैं चुप रहा। तो उसने कहा तुम मुझे चोदने के लिए ही अपने साथ रखना चाहते हो न? मैंने कहा इससे एक बात तो अच्छी होगी। उसने पूछा क्या?

मैंने हंसते हुए कहा तुम्हें सिर्फ मेरा ही लंड लेना पड़ेगा। बाहर का कोई गैर मर्द तुम्हें चोद नही पाएगा एक बार सोच लो और न ही तुम्हें भीख मांगनी पड़ेगी। उसने कहा तो कोई मेरे बारे में पूछेगा तो तुम क्या कहोगे। मैं कहूंगा तुम मेरी काकी हो और मेरे साथ रहोगी। लोगों के नजर में तुम और मैं चाची भतीजा रहेंगे। कमरे के अंदर तुम मेरी रखैल रहोगी।

वो मान गई उसे मैं घर ले आया। उसी दिन मुझे नई नौकरी के लिए फ़ोन भी आ गया। मेरी जॉब लग गई। मैं बहुत खुश था। पहली रात को मैंने उसकी झांटे साफ़ की और उसकी गांड में अपना लंड डालकर सारी रात उसकी गांड चोदता रहा।

तो दोस्तों कैसी लगी आप सभी को मेरी ये कहानी। उम्मीद करता हूं पसंद आई होगी।

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