भतीजे से अपनी चुत की आग बुझवाई

मैं सुमन हूँ, मेरी उम्र लगभग 43 साल की है लेकिन मैं 35 साल से कम की दिखती हूँ, क्योंकि मैं रोज नियमित रूप से व्यायाम करती हूँ और मैं अपने शरीर को फिट बनाए रखती हूँ। मेरा फिगर 34, 28, 36 है यानी मेरे ब्रेस्ट और गांड इतने बड़े हैं कि किसी भी मर्द का लंड मुझे देखते ही फड़क उठता है।

भतीजे से अपनी चुत की आग बुझवाई

मुझे पता था की मेरे जेठ का लड़का नवीन मुझे चोदने को बेताब है। वो अक्सर मुझे और मेरी गांड और चुचियों को घूरता रहता है और मेरे स्पर्श के लिए छटपटाता है। शुरु शुरु में मुझे ये सब मुझे अटपटा और गलत लगता था। लेकिन जवान लंड को लालच ने मुझे बहका दिया। मैं भी उसे चांस देने लगी। जब वो मेरे करीब होता तो मैं भी अपनी छाती, पैर या गांड को उसके बदन से रगड़ देती थी।

मैं अनजान बनकर उसके दिल की हसरत पूरी कर देती थी। जब मेरे बदन का हिस्सा उसके बदन से रगड़ता तो वह वासना से भरी गहरी सांस लेता है। एक दिन किचन में मैंने जब बूझकर उसके हाथ से अपनी गांड़ को टच करवा दिया। फिर मैंने देखा कि उसका लंड काफी सख्त हो गया था और उसने उसे अपने हाथ से अपने लंड को दबाकर छिपा रहा था।

एक रात पूरे परिवार के लोग बैठकर आपस में बातें कर रहे थे। मैं नवीन के बगल में बैठी हुई थी और उसका एक हाथ मेरे हाथ से छू रहा था। तभी अचानक बिजली चली गई और कमरे में अंधेरा हो गया। नवीन ने अँधेरे का फायदा उठाया और ब्लाउज के ऊपर से मेरी चूची पकड़ ली और अगले ही पल उसने ब्लाउज के गले से ब्रा के अंदर अपना हाथ डाला और मेरी चूची को दबाने लगा।

उस वक्त मुझे पकड़े जाने के डर के साथ साथ अपनी चुचियों का उसके हाथों से मसलना मजा दे रहा था। मैं चुपचाप वैसे ही बैठकर उसे अपनी चुचियों से खेलने का मौका दे रही थी। मुझे जवान लड़के के हाथों का स्पर्श अपनी चुचियों पर अच्छा लगने लगा था।

क्योंकि मेरे पति का सेक्स बहुत कम हो गया है और हमारा संभोग लगभग बंद हो गया है। नवीन की भड़की हुई वासना ने मेरे अंदर भी वासना जगा दी थी। मेरे पति मोमबत्ती जलाना चाहते थे, लेकिन मैंने अपने पति को मोमबत्ती जलाने से मना किया।

ताकि नवीन मेरे स्तनों को अच्छे से दबा सके। मैंने भी अंधेरे का फ़ायदा उठाते हुए नवीन के पैंट से उसका लंड निकाल लिया और उसके लंड से खेलने लगी। उसका लंड मुझे अंधेरे की वजह से दिख तो नही रहा था। लेकिन जब मैंने उसका लंड पकड़ा तो मुझें समझ आ गया की नवीन का लंड बहुत मोटा और बड़ा है।

मैंने उसके लंड को सहलाते हुए सोचा मुझे ऐसा ही लंड चाहिए था। लगभग आधे घंटे के बाद करंट आया, तब तक नवीन ने अंधेरे का फायदा उठाया और लगातार मेरे स्तनों को दबा कर उन्हें लाल कर रहा था। तभी मैंने मन ही मन निश्चय कर लिया, ये लंड, मैं एक दिन इसे अपनी चूत में डलवा कर रहूंगी.

अगले दिन दोपहर में जब सब अपने अपने कमरे में थे और मैं अपने कमरे में थी तभी नवीन मेरे कमरे में आ गया। मेरे पति इस वक्त ऑफिस में रहते हैं। मैंने उस समय सिर्फ एक पतली सी नाइटी पहनी हुई थी, जिससे मेरी बॉडी का हर उभार साफ नजर आ रहा था।

नवीन की नजर हमेशा मेरी गाड़ की तरफ रहती है। उसे कमरे में घुसता देख मैंने उसका हाथ पकड़ा और कमरे में और अंदर खींचकर दरवाजा बंद कर दिया। कुछ कहने से पहले नवीन ने मेरी नाइटी उतार कर मुझे नंगा कर दिया।

फिर उसने एक नज़र मेरे स्तन और चूत को देखा मैंने भी उसके कपड़े और अंडरवियर जल्दबाजी में उतार दिए। नवीन का छह इंच लंबा लंड पूरी तरह से खड़ा था और मेरी चुत की ओर झांकता हुआ फड़फड़ा रहा था।


मैं तुरंत अपने घुटनों को जमीन पर टेककर नीचे झुकी और उनके लंड को चूसने लगीं। नवीन ने मेरे सिर को पीछे से पकड़ लिया और अपना मोटा लंड मेरे मुँह में जितना हो सके धकेल दिया। मुझे उसके लंड के सिरे (सूपड़े) को चाटना बहुत अच्छा लग रहा था। उसका लंड फड़फड़ाता हुआ अपने पानी से मेरे मुंह को भरने को तैयार था।

उसके लंड से अब रस निकलने वाला था। मैं लगातार उनके लंड को चूसे जा रही थी और अचानक से नवीन में मेरे सर के बालों को अपने दोनों हाथो की मुट्ठी से जकड़ लिया और अपना लंड मेरे मुंह में पूरा का पूरा धकेल दिया। उसका लंड मेरे हलक तक पहुंच गया था फिर नवीन ने आह… आह… करके अपना सारा लंडरस मेरे मुंह में निकाल दिया।

थोड़ी देर बाद नवीन ने मुझे खड़ा किया, मेरे एक निप्पल को अपने मुँह में लिया और एक बच्चे की तरह चूसने लगा और एक हाथ से मेरे स्तन को दबाने लगा। मेरे शरीर में तेज का करेंट दौड़ने लगा। अब मेरी चूचियां टाईट और मेरे दोनों निप्पल सख़्त हो गए थे

नवीन ने मुझे बिस्तर पर बिठाया और मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चुत को चाटने लगा। मैंने उसके चेहरे को अपने जांघों के बीच दबा लिया और अपने पैर उसकी पीठ पर रख दिए। मेरे चुत के घने बाल उसकी नाक और मुँह में घुस रहे थे। जिससे वो मेरी चूत को ठीक से चाट नहीं पा रहा था. नवीन ने मुझसे एक कैंची और एक कंघी मांगी,

फिर बड़े आराम से मेरी चुत के बाल काटने लगा। वो मेरी झांटों को बहुत सावधानी से काट रहा था ताकि मेरी कोमल पंखुड़ियाँ कैंची के स्पर्श से कट न जाएँ। मुझे बहुत मज़ा आया। मैं नवीन के सख्त लंड को पैर की उंगलियों से दबा और सहला रही थी जिससे उसे भी मजा आ रहा था।

मेरी झांटों को काटने के बाद नवीन ने उन्हें कागज में लपेट कर अपने पास रख लिया। ताकि बाद में कभी वो मेरी झांटों को सूंघे तो उसे मेरी चूत की महक आए। झांटे कटने के बाद मेरी चूत बहुत सुंदर लग रही थी। मेरी चुत की गुलाबी छेद बहुत सुन्दर लग रही थी। कुछ देर तक लगातार चूत को देखने के बाद नवीन ने अपनी जीभ मेरी चुत की छेद में डाली और चाटने लगा।

मेरी चुत का रस निकल रहा था। मैं अब और नहीं रह सकती थी। मैंने नवीन को एक झटके में बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर बैठ गई और उसके लंड को अपनी चुत में ले लिया और जोर जोर से उछाल मारने लगी। उसका पूरा लंड मेरी चुत में घुस गया मैं खुशी से चिल्ला उठी।

नवीन ने नीचे से मेरी चुत में धक्के लगाने शुरू किए और मैं उसके लंड के उपर उछलने लगी। पंद्रह मिनट की कड़ी मेहनत के बाद हम दोनों ने एक-दूसरे का भरपूर आनंद लिया। नवीन ने मेरी चुत में वीर्य भर दिया। यह पहली बार है जब मैंने किसी अजनबी के साथ सेक्स किया है। नवीन ने बहुत सावधानी से मेरी चुत की सफाई की।


कुछ देर आराम करने के बाद नवीन का लंड फिर से टाईट होकर सीधा हो गया था वो फिर से मेरी चुत चोदने के लिए तैयार था। उसने मुझे फिर से चोदने के लिए मेरी टांगें फैला दीं और मेरे ऊपर चढ़ गया और अपने लंड की नोक मेरे चुत में डाल दी और जोर जोर से धक्के मारने लगा।

मेरी चुत भी उसके लंड को देखकर दुबारा चुदने के लिए तड़प रही ही थी। उसने एक दमदार धक्के के साथ अपना पूरा लंड एक ही झटके में मेरी चूत में घुसा दिया।

इस बार नवीन थोड़ा ज्यादा आक्रामक होकर मेरी चुत को चोद रहा था। मैं उसका पूरा दबाव झेल रही थी। उसका लंड मेरी चुत के सिरे तक पहुंचा ही होगा उसने पूरा का पूरा लंड फिर से धकेल दिया मेरी चुत में मैं उफ़.. उफ़.. करने लगी।

नवीन ऐसा आक्रामक होकर मुझे चोद रहा था की, ऐसा लग रहा था कि सिलेंडर में लगा पिस्टन बार-बार ऊपर-नीचे हो रहा है। दस मिनट बाद फिर नवीन ने अपना वीर्य मेरी चुत में गिरा दिया। मैंने भी उसके लंड को अपनी चुत के रस का रसपान करा दिया , फिर हमने एक दूसरे के जननांगों को धोया।

उसके बाद से नवीन अक्सर दोपहर में मेरे कमरे में आकर मेरी चुत की अच्छे से चुदाई करने लगा। मैं एक बार तो पेट से हो गई थी। लेकिन नवीन ने संभाल लिया और मेरा अबॉर्शन करवाया।

करीब तीन साल तक नवीन और मैंने एक दूसरे के साथ चुदाई की, उसके बाद नवीन पैसे कमाने दूसरे शहर चला गया। अब चुदाई तो नही होती लेकिन वीडियो कॉल में मैं उसका लंड और वो मेरी चुत देखकर अपना माल झाड़ते है। मैंने उससे वादा किया है जब वो वापस घर आएगा। तो मैं दुल्हन की तरह उसे सजी मिलूंगी और हम दोनो सुहागरात मनायेंगे।

उम्मीद करती हूं। की आप सभी को मेरे और मेरे भतीजे की चुदाई की ये कहानी :- भतीजे से अपनी चुत की आग बुझवाई पसंद आई होगी।

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