असंतुष्ट नौकरानी की चुत चोदकर उसे संतुष्ट किया

मेरा नाम गणेश है। मैं रांची का रहने वाला हूँ। मुझे सेक्स करना और लड़कियों को चोदना बहुत पसंद है। मेरी फैमिली जॉइंट फैमिली जिससे घर में बहुत लोग एक साथ रहते है।

इसलिए घर में काफी सारा काम होता है। तब सब लोगों यानी कि मेरी मम्मी ने एक कामवाली को रखा जो दिनभर घर का काम किया करती थी। खाना पकाना, बर्तन धोना वैगरह उसका नाम लता था देखने मे वो एक सुंदर औरत थी। वो अपना सब काम अच्छे से किया करती थी।

जब से मैंने उसे देखा तब से मैं पटाने की कोशिश करने लगा। कुछ दिनों मे वो मुझसे अच्छे से बात वात करने लग गयी। उसकी शरीर ठीक ठाक ही था। उसकी हाईट करीब 5’ 5” होगी। यानी कि वो थोड़ी नाटी औरत थी पर उसकी खूबसूरती ने मुझे उसका कायल बना दिया था।

उसके शरीर की उभारे अच्छे से दिखती थी। गोल बड़ी गांड जो पीछे से उठी हुई और उभरी हुई नजर आती थी। और उसकी छातियों का साइज 36 होगा वो भी बड़ी बड़ी और ब्लाउज में टाइट होकर उसकी चुचियाँ ब्लाउज के गले तक उभरी हुई दिखाई देती थी। जिससे उसके चुचियों के बीच की गहराई को मैं नज़रे चुरा के नापता रहता था।

कुछ दिनों बाद ही वो मुझसे पट गयी। एक दिन सुबह वो मेरे कमरे में पोंछा लगाने आयी उसे पोछा लगते हुई मैं उसकी हिलती हुई चुचियाँ को ताड़ने लगा। आज तो मुझे कामवाली से अकेले में बात करने का मौका लगा।

मैंने उससे पूछा“तेरा पति तुझे यौवन सुख देता है की नही??”

उसने कहा बाबू “ वो तो तुरंत ही ढीला पड़ जाता है। मुस्किल से वो 3-4 मिनट ही टिक पाता है। मुझे कभी भी उसके साथ यौन संतुस्टी नही मिल पाती है” कामवाली बोली

“मैंने कहा तुम मुझे एक मौका दो मैं तुम्हें खूब यौन संतुस्टी दूंगा” उसके बाद मैंने झट से उसे नीचे से उठाकर अपने बिस्तर पर लेटा दिया और उसके बाद मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिये। वाह… क्या नर्म और मुलायम होठ थे उसके!!

उसके बाद हम दोनों किस करने लगे। वो भी मुझसे चुदने का मन बना चुकी थी। कुछ देर हम एक दूसरे को किस करते रहे। वो भी मेरा साथ देते हुए मुझे किस करने लगी। मेरे गले लग गयी। मैंने उसे सीने से लगा लिया और उसके कान को दांत में लेकर चबाने लगा। ऐसा करने से उसे बहुत मजा मिलने लगा।

मैं उसकी गर्दन को जीभ लगाकर चाटने लगा जिससे वो मदहोश होने लगी। मैंने उसके माथे पर कई बार किस कर किया। फिर हम दोनों अपने अपने कपड़े उतारकर बेड पर जाकर लेट गये। दोस्तों मेरी कामवाली की चूचियां काफी बड़ी बड़ी थी।

बेहद गोल होने की वजह से बाहर से ही दिख जाती थी। उसे देककर किसी भी मर्द का लौड़ा खड़ा हो जाता। मेरा भी हो गया। उसके दूध 36” के काफी बड़े बड़े थे। वो ब्रा और पेंटी पहनकर बेड पर लेट गयी। मैंने अंडरवियर पहन रखा था। मैं भी उसके पास लेट गया और बाहों में भरकर खूब चुम्मा।

वो भी मुझे प्यार से दुलारने पुचकारने लगी। उसकी गदराई हुई जांघ चूमता चाटता हुए मैं उसके छातियों तक पहुंच गया। फिर मैंने उसके 36” के चुचियों को ब्रा के उपर से मसलने लगा। कामवाली को भी जोश चढ़ने लगा। वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी।

“गणेश!! तुमने अभी तक कितनी चुतो को चोदा है??” वो पूछने लगी

मैंने कहा कि! एक भी नही। तुम मेरी लाइफ की पहली लड़की हो

ये सुनकर वो खुश हुई। उसके बाद मैंने उसके चुचियों को ब्रा के उपर से मसलने लगा। कामवाली को खूब मजा आया। दोनों चुचियों को मैंने खूब मसला और दबाया। मुझे उसकी चुचियाँ दबाकर सुकून मिल रहा था और उसे मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उसकी ब्रा निकलवा दी।

साली रंडी !! तेरी चुचियाँ तो मेरे अंदाजे से भी बड़ी बड़ी है। और जीभ निकाल कर बारी बारी से उसकी दोनों निप्पलों पर अपना जीभ फिराने लगा। वो मोहक अंदाज में उम्म ह.. उम्म ह.. इश्स ईश अहहह… करने लगी। इतने बड़े बड़े चुचे मैंने आज तक नही देखे थे। इतने बड़े चुचे तो सिर्फ मेरी माँ के थे। वो भी मैंने तब देखे थे जब माँ नहाती थी।

फिर मैंने एक एक करके उसकी चुचियों को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। दोस्तों!! मैं बड़ी शिद्दत से उसकी चुचियों को पी रहा था। मैंने उसकी चुचियाँ चूस चूस कर काली निपल्लों गुलाबी कर दिया। मैंने उसके दोनों चुचियों को इतना चूस डाला और दबाया की उसकी चुचियाँ कड़क गोल और निप्पलों साइज बड़ा हो गया।

वो “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी। मैंने उसकी चुचियों की खूब दबा दबाकर चूसा। अब क्लीवेज की गहराई में जीभ लगाकर चाटने लगा। मैं उसे पूरी तरह से उत्तेजित करना चाहता था। जिससे वो मेरा लंड भी चूस डाले। अब मैंने उसकी चूत पर लाल कलर की पैन्टी को सहलाना शुरू किया।

अब तक उसकी चुत गीली हो चुकी थी और उसकी पैन्टी पर उसका लगा हुआ माल मेरी उँगलियों से चिपक रहा था। मेरी कामवाली के गोरे बदन पर लाल कलर की पेंटी बहुत सेक्सी दिख रही थी। मैंने ऊँगली से उसकी चूत खूब सहलाई और उसे गरमा दिया।

फिर मैंने कामवाली से उसकी पैन्टी उतारने को कहा। फिर..

मैंने उसे टांगे फैलाकर सीधा लेट जाने को कहा उसने वैसा ही किया।

फिर मैंने उसकी पैन्टी के ऊपर लगे पानी पर से ही उसकी चुत को चाटने लगा। मैंने कुछ मिनट तक उसकी चुत को पैन्टी के उपर से ही चाटा। अब वो चरम सीमा तक आ चुकी थी। और जब उसकी चुत ने खुलकर अपना पानी छोड़ दिया। तब जाकर मैंने उसे नंगा किया। मैंने उसकी पैन्टी उतारी और उससे कहा कि तेरी ये पैन्टी मैं तेरी चुदाई की याद में मैं अपने पास ही रखूंगा।

फिर मैंने उसके पैर खोलकर सीधी अपनी जीभ से उसकी चुत चाटने लगा वो अंगड़ाइयां लेती हुई अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…. करने लग गयी।

मैंने करीब 10 तक उसकी चुत चाटी। कामवाली की बुर बहुत सेक्सी थी। बिलकुल साफ सुथरी चूत थी साली की उसकी चुत पर कोई बाल नही था। उसकी चूत की बनावट बहुत अच्छी थी मतलब बड़ी लंबी चुत इसलिए मैं अच्छे से चूत चटाई कर पा रहा था।

मैंने पूछा लता !! क्या तुम्हारा पति तुम्हारी चूत नही चूसता है??वो बोली “नही वो कभी चूसता है। वो नही जानता की औरत को कैसे खुश करते है”

उसके बाद फिर से मैंने 15 मिनट उसकी बुर चटाई अच्छे से कर डाली। वो “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करने लगी। आप लोगों को लगता होगा कि क्या मैं बार बार उसकी चुत चूस रहा हूँ। तो मैं बता दूं। कि मैं बस उसे चुदाई के लिए तड़पा रहा था।

मेरा उसे लंड चुसाने का बड़ा मन कर रहा था। हम दोनों 69 वाली पोजीशन में आ गये। मैंने अपना 7” लम्बा और मोटा लंड उसके मुंह में भर दिया। पहले तो उसे घिन्न आ रही थी पर मैं उसके मुँह में अपना लंड घुसाने में कामयाब हो गया था। उसे न चाहते हुए मेरा लंड चूसना ही पड़ा और वो चूसने भी लगी। मैं उसकी चूत पीने लगा।

“लता!! मैं तुमको खुश करूंगा। तुम मुझे करो!!”

वो अब अच्छे से चूसने लगी। मैंने उसको अच्छी तरह से गर्म कर दिया था तभी वो चूसने को राजी हो गयी। वरना वो ऐसे तैयार नही थी। मेरी सुंदर कामवाली हाथ में लेकर लंड फेट रही थी और मुंह में लेकर चूस रही थी। मैं उसकी चूत में ऊँगली करके चलाने लगा। वो पागल होने लगी। इस तरह से हम लोगो ने 69 वाले पोज में खूब मस्ती की। मैंने उसकी चूत में इतनी ऊँगली कि वो झड़ गयी। अब हम दोनों अलग हो गये।

“कुछ देर मेरा लंड और चूसो!!” मैं बोला और कुर्सी पर जाकर बैठ गया

कामवाली मेरे पास आकर झुक गयी और लंड को पकड़ कर फेटने लगी। दोस्तों उसका हाथ का स्पर्श और टच करना मुझे बहुत अधिक जोश दिला रहा था। जैसे जैसे वो मेरे 7” के लंड को फेटने लगी मुझे सेक्स का नशा मिलने लगा। पहले कामवाली खूब फेटी। फिर मुंह में लेकर चूस डाली।

स्वर्ग का मज़ा मिल रहा था। वो ऐसे चूसने लगी जैसे कोई पक्की रंडी चूसती है। मैं तो मन्त्रमुगध हो गया। वो सर हिला हिलाकर मेरा लंड चूस डाली। मेरी गोलियों को खूब चूसी। मुझे मजा मिल गया। जब वो लंड बहार निकाली तो उसके मुंह पर मेरा लंड का रस लगा हुआ था। मैंने उसे पास बुलाकर ओंठो पर फिर से किस कर डाला।

“मेरा लंड चूसकर तूने मुझे बहुत मजा दिया हैचल अब मैं तुझे चोदूंगा

“वो बोली गणेश!! अगर तुम मुझे बिना कंडोम के चोदोगे तो मैं अभी प्रेग्नेंट हो सकती हूँ”

“मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो। मैं तुम्हे कंडोम लगाकर चोदूंगा”

मैंने अलमारी से एक चॉकलेट फ्लेवर वाला कंडोम निकाला। दोस्तों मेरी अलमारी में हमेशा कंडोम रहता था क्यूंकि अक्सर ही काम पड़ जाता था। मैंने पैकेट फाड़ा और कंडोम को लंड पर चढ़ा लिया।

फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत में लौड़ा डालकर जल्दी जल्दी चोदने लगा। वो दोनों टांग फैलाकर चुदाने लगी। वो!! “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा…..” करने लगी। मैं आज उसे कंडोम लगाकर पेल रहा था। मैं नही चाहता था की वो किसी तरह की मुसीबत में पड़े। मैं फटाफट सटासट धक्के मारने लगा। उसे जल्दी जल्दी चोदकर मजा देने लगा।

“आह! आह! गणेश !! और तेज अपने लंड को चोदो मेरी चूत में!! आऊ…..आऊ….हमममम… आआआह….कितना मज़ा आ रहा है मुझे!! अहह…”

उसकी चूत अपना पानी छोड़ चुकी थी जिससे मेरे लंड को अच्छी चिकनाई मिल रही थी। मैंने अपने कुल्हे उठा उठाकर उसे पेला और उसकी चूत का एक ही दिन में भोसड़ा बना डाला। मुझे भी काफी मज़ा मिलने लगा। मैं कामवाली के बालो को खोलकर सेक्स कर रहा था। ऐसे अवतार में वो और भी अधिक सेक्सी दिख रही थी। मैंने फिर से उसके दोनों 36” के दूध को मुंह में लेकर चूसना चालू किया और धक्के देते देते मैं झड़ गया। सारा माल उसकी बुर में छोड़ दिया।

“…सी सी सी सी…. अ आ ह ह ह…!! तुमसे तो मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया है जान” वो कहने लगी

अपनी चूत को पेंटी से उसने पोछा।

“मैंने कहा लता!! मुझे अब तेरी गांड चोदनी है!! पेट के बल लेट जाओ”

वो लेट गयी। अब मैं उसकी पीठ की मालिश करने लगा। दोस्तों उसकी पीठ बहुत ही सेक्सी थी। फिर मेरा ध्यान उसके दो मस्त मस्त 38” के चूतड़ पर चला गया। मेरी खूबसूरत कामवाली के चुतड बड़े बड़े गोरे गोरे थे की किसी भी मर्द का लौड़ा खड़ा कर दे।

ऐसा लग रहा था की बेकरी से निकला हुआ ताज़ा बन मसलने को मिल गया हो। मैंने खूब हाथ से उसके चूतड़ को मसला और उसे गर्म कर दिया। मेरी कामवाली अब “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी। मैं उसके दोनों सफ़ेद मखमली चूतड़ पर कई बार किस किया और पप्पी ले ली। वो कराहने लगी। उसकी हालत बता रही थी की उसे भी कितना मजा मिल रहा था।

“गणेश!! गांड मराने में तो बहुत दर्द होता है!! प्लीस ऐसा मत करो!!”

“लता!! तुम बेकार ही डर रही हो। शुरू में हल्का दर्द जरुर होता है पर बाद में इतना मजा मिलता है की क्या बताऊं। एक बार तुमको आदत हो गयी तो रोज ही अपनी गांड मराया करोगी”

वो मेरी बात का विश्वास कर ली। पेट के बल बेड पर लेटी रही। मैंने लेट कर उसके दोनों बन जैसे चूतड़ को खोलकर उसकी गांड चाटना शुरू किया। वो “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी। मैं उसकी गांड के भूरे छेद को अपनी जीभ से खूब चाटा।

वो इस बार भी गर्म हो चुकी थी। फिर मैंने तेल लगाकर ऊँगली उसकी गांड में घुसा डाली। उंगली गांड में घुसते ही वो चीखने चीलाने लगी। दर्द से उसका पसीना छूटने लगा। मैं उसकी गांड में ऊँगली डालकर उसकी गांड में चारो तरह घुमाने लगा। ताकि उसकी गांड की छेद अंदर तक खुल जाए और मुझे उसकी गांड मारने में परेसानी न हो।

उंगली को उसकी गांड में चारो तरफ घुमाने के बाद मैं अपनी उंगली को उसकी गांड के अंदर बाहर करने लगा। अब मेरी सेक्सी कामवाली की गांड ढीली पड़ गयी। मैंने अपने लंड में तेल मल लिया। तेल लगने के बाद अब मेरा लंड काफी चिकना हो गया था। मैंने धीरे धीरे उसकी गांड के बेहद कसे छेद में लंड का सुपाड़ा घुसाना शुरू किया।

“गणेश प्लीस आआआह… धीरे धीरे डालो !! ….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….दर्द होता है दर्द से तड़पती हुई कहने लगी”

मैंने उसकी बात मानी और सिर्फ आधा लंड अंदर घुसा दिया। अब अंदर बाहर करके उसकी गांड चोदने लगा। तेल की वजह से उसका दर्द कम हुआ था। वरना तो वो शुरू में ही अपनी गांड मारने नही देती। मैं शुरू हो गया। वो बेड पर पेट के बल लेटी रही। मैं उसके जांघो पर बैठकर उसकी गांड मार रहा था। कुछ देर में वो नोर्मल हो गयी। उसका दर्द छूमंतर हो गया।

मैंने पीछे से एक लंबा धक्का मारा और पूरा 7” लंड उसकी गांड के बहुत ही कसे बिल में पंहुचा दिया। उसे पता ही नही चला। अब मैं फटाफट उसकी ठुकाई शुरू कर दी। उसे अब दर्द नही हो रहा था। वो मजे लेने लगी। “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ….” करने लगी।

मैंने उसकी जांघो पर बैठकर पीछे से उसकी गांड खूब मारी। मुझे तो इतना मजा आ रहा था की मैं वो शब्दों में नही बता सकता। मेरा लंड उसकी गांड पेलते पेलते उसकी गांड में ही झड़ गया। मैंने अपना लंड धीरे से उसकी गांड से बाहर निकाल लिया। उसके बाद वो कपड़े पहनकर चली गयी।

दोस्तों अब वो मेरी पर्सनल सेक्स पार्टनर बन गयी है। जब उसका पति उसकी यौन जरूरत को पूरा नही कर पाता तो मुझसे ही चुदाती है। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए sexykahani.xyz पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।

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