अम्मी की चूत देखकर करदी अम्मी की चुदाई

हेल्लो दोस्तों
मैं नौशाद आलम आज मैं आप लोगों को बताने वाला हुं। की कैसे मैंने अपनी अम्मी की चूत देखी और उनकी चूत देखकर मुझे उनकी चूत को चोदने का खयाल आया।

अम्मी की चूत देखकर करदी अम्मी की चुदाई

मेरी उम्र 21 साल है मैं हैदराबाद में एक स्लम एरिया में रहता हुं। मेरे साथ मेरे अम्मी (राजिया) रहती है जिनकी उम्र अब 45 के आस पास होगी। बस यही है हमारा छोटा सा परिवार, अब्बू है पर उन्होंने मेरी अम्मी को छोड़कर दूसरी औरत से निकाह कर लिया है। तो वो अब हमारे साथ नहीं रहते।

मेरी अम्मी घर संभालने के साथ साथ लेडिश कपड़े और गारमेंट्स की एक छोटी सी बुटीक भी चलाती है। हमारा बुटीक हमारे घर में ही है। जहां आस पड़ोस एरिया की औरतें अपने कपड़े और गारमेंट्स की खरीदी करने आती है।

उसी दुकान से हमारा घर चलता है हमारा घर छोटा सा है जिसमे दो कमरे है और बाथरूम है। जिसमें से एक कमरे में हम रहते है और एक कमरे में कपड़े /गारमेंट्स की दुकान है।

किसी तरह हमारा गुजारा चल रहा है। पहले मैंने कभी अपनी अम्मी के बारे में गलत नीयत नही रखी। जब की हम दोनों अभी तक एक ही बिस्तर पर साथ सोते है। घर में हम दोनों ही है एक दूसरे के साथ खुले हुए है इसलिए हम दोस्तों की तरह रहते है।

तो चलिए मैं आपको सीधे कहानी पर ले आता हूं। एक शाम को एक औरत हमारे दुकान पर आई और वो बड़ी बत्मीजी से अम्मी से बात कर रही थी। छोटा सा घर था तो दुकान की सारी बातें मुझे सुनाई दे रही थी। वो औरत अम्मी को फटकारती हुई बोली ये कैसा सामान दिया है तुमने? तब तक मैं भी दुकान में आ गया।

वो औरत ने अपने थैले से ब्रा और पैंटी का एक सेट निकाला और अम्मी की तरफ फेंकते हुए कहा देखो फटी हुई है। तो अम्मी ने कहा आप दूसरी ले लीजिए तो उस औरत ने कहा नहीं मुझे मेरे पैसे वापस चाहिए।

तो अम्मी और मुझे लगा की इसे समान नहीं लेना है इसलिए ये फटे होने का बहाना कर रही है। तो अम्मी ने उसे पैसे वापस कर दिए और बड़बड़ाती हुई बोली देखती हुं कहा फटी है और उस ब्रा और पैंटी के सेट को अपने साथ कमरे में लेकर आ गई।

अम्मी ने सिर्फ ब्रा को अलट पलट कर देखा उन्हें कही से फटा हुआ नजर नहीं आया पर शायद उन्होंने पैंटी पर ध्यान नहीं दिया था। फिर अम्मी ब्रा और पैंटी को लेकर बाथरूम में चली गई। कुछ देर बाद जब वो 2 पीस पहनकर बाहर आई। तो मेरी आंखें ने जो देखा वो देखकर मेरे तो मानों होश ही उड़ गए।

ऐसा नहीं था की मैंने पहले कभी अम्मी को ब्रा और पैंटी में नही देखा था। एक कमरे के मकान में कभी कभार मुझे अम्मी 2 पीस वाली हालत में दिख ही जाती थी। और वो भी मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आने से शर्माती नही थी।

पर उस दिन जब अम्मी उस ब्रा और पैंटी को पहनकर मेरे सामने आई और उन्होंने मुझे ब्रा और पैंटी दिखाते हुए कहा देख तो अच्छी तो लग रही है। बेकार ही वो औरत फटे होने का बहाना कर रही थी। तब मेरी नजर अम्मी की दोनो जांघो के बीच पड़ी अम्मी की पैंटी उनके जांघो के बीच से फटी हुई थी।

जिसका अम्मी को जरा भी अंदाजा नहीं था। पैंटी की चूत ढकने वाली पट्टी फटी हुई थी। जिससे अम्मी की चूत की मोटी मांस की चमड़ी चड्डी के बाहर से दिखाई पड़ रही थी। फटने की वजह से पैंटी की नीचे वाली पट्टी इतनी पतली हो गई थी। जिससे अम्मी की चूत आधी भी नही ढकी हुई थी।

अम्मी मेरे सामने ही खड़ी हुई थी मैं चाह कर भी अपनी नज़रे अम्मी की चूत पर से हटा नही पा रहा था। मैं अम्मी की खूबसूरत चूत देखने में इतना डूब गया की मुझे मेरी अम्मी की आवाज भी सुनाई देनी बन्द हो गई। मैं अम्मी की गोरी चूत और काली झांटों के बीच से लटकती हुई गुलाबी/काली चमड़ी को देखकर मेरी नज़रे जैसे जम ही गई।

पहली बार मैंने मेरी अम्मी की चूत देखी थी और देखता ही रह गया। तभी मेरे सर पर एक हल्के सा हाथ लगा और मेरा ध्यान अम्मी के चेहरे की तरफ गया। वो बोली कब से पूछ रही हूं। कैसा लग रहा है और तू अपनी नज़रे नीचे किए क्या देख रहा है।

तभी अम्मी थोड़ी झुकी जिससे उनकी नजर अपनी पैंटी पर गई उन्होने तुरन्त अपने हाथ से अपनी चूत को ढका और शर्मिंदगी से हंसते हुए बाथरुम की तरफ भागी थोड़ी देर बाद जब वो वापस आई तो वो मुझे देखकर हंसने लगी। और बोली बदमाश बताया क्यों नहीं रे?

मैं हल्की मुस्कान लिए चुप रहा मैंने मन ही मन कहा अम्मी उस हसीन नज़रे को देखने के लिए सारा जमाना तरसता है। मैं उस नजारे को भला क्यों जाने देता। जब से मैंने अम्मी की चूत देखी थी तब से बार बार मेरा लंड खड़ा हो जा रहा था।

रात को खाना खाने के बाद जब मैं और अम्मी सोने के लिए बिस्तर पर आ गए। मेरे दिमाग में बस अम्मी की चूत का वो नज़ारा दिखाई दे रहा था। अम्मी की चूत के बारे में सोचते हुए मेरा लंड फिर खड़ा हो चुका था। जब मुझसे बर्दास्त नही हुआ तो मैं अम्मी के और करीब जाकर लेट गया।

अम्मी के करवट बदलने का इंतज़ार करने लगा कुछ देर बाद अम्मी ने करवट बदली और अपना चेहरा मेरी तरफ करके सोने लगी। तब मैं भी चुपके से अम्मी के सीने से जाकर सट गया और मेरे सटते ही अम्मी ने मुझे प्यार से अपनी बांहों में घेर लिया और चुपचाप लेट गई।

शायद अम्मी उस वक्त जाग रही थी फिर मैं कुछ देर वैसे ही अम्मी के सीने से अपना चेहरा चिपकाए लेटा रहा उसके कुछ देर बाद जब मुझे लगा की अम्मी सो गई है तो मैंने अपना चेहरा थोड़ा पीछे खींचा और अम्मी के चेहरे की तरफ देखा वो सुकून से गहरी नींद में सो रही थी।

तो फिर मैने अम्मी की छाती की तरफ देखा तो मैं देखता ही रह गया उनकी दोनो चुचियों के बड़े उभार उनके कमीज के गले तक उभर के आए हुए थे। अम्मी रात को सोने के वक्त ब्रा नही पहनती थी। तो उनकी चूचियां आसानी से उनके कमीज के गले से बाहर आ सकती थी।

तो मैं पहले अपने चेहरे को उनके चुचियों के उभार के और नज़दीक ले गया और धीरे धीरे से उनकी कोमल चूचियों के उभार पर अपने नाज़ुक होठों को रगड़ने लगा। उससे मुझे बहुत मजा आया फिर मैंने धीरे से अपने दोनों हाथ उपर किए और एक हाथ से अम्मी की कमीज़ के गले को फैलाया और दूसरे हाथ से अम्मी की चुचियों को धीरे धीरे करके उनके कमीज के गले से पूरा बाहर निकाल दिया।

फिर मैंने अपना मुंह उनके चुचियों के नजदीक किया और उनके एक निप्पल को अपने मुंह में भरकर आराम आराम से उनकी निप्पल चुसने लगा। काफी देर तक मैंने अम्मी की दोनों चूचियों को बारी बारी चूसा उनकी चूची के दोनो निप्पल मेरी थूक से लबालब हो गए थे।

अम्मी की नर्म नर्म चुचियों के सख़्त निप्पलों को चूसते चूसते मेरा लंड जोर से सुलगने लगा ऐसा लग रहा था की मानों अब चूत चोदने को नही मिलेगी तो मेरा लंड फट जायेगा। लेकिन सामने मेरी अम्मी थी कोई रंडी नही जो फट से मुझे अपनी चूत खोलकर चोदने को दे देगी।

मेरा लंड कड़क होकर एकदम सीधा हो चुका था। आज तक मैंने कोई चूत नही चोदी थी बस वीडियो में देखा था की मर्द औरत को कैसे चोदता है। और स्लीपिंग पोर्न विडियोज में देखा था की कैसे सोती हुई औरत को धीरे धीरे चोदते है।

मैंने वही तरीका अपनाया मैं नींद में होने का नाटक करते हुए अपनी अम्मी के बदन पर इधर उधर हाथ लगाने लगा। मेरे छूने से शायद अम्मी को गुदगुदी हुई और उन्होने अपनी करवट बदल ली और लंबी सीधी होकर सोने लगी।

मैंने कुछ देर इंतज़ार किया और फिर अम्मी के पेट पर अपना हाथ रखा दिया और धीरे धीरे करके अम्मी की कमीज़ को उपर उठाने लगा। कुछ देर में मैंने अम्मी की कमीज़ को उनके पेट के उपर कर दिया और उनके कोमल कोमल नर्म पेट पर अपना हाथ फेरने लगा।

जब मुझे पक्का विश्वास हो गया की अम्मी अभी भी गहरी नींद में है तो मैंने धीरे से अम्मी की सलवार का नाड़ा खींच दिया। मैं थोड़ा डरा हुआ भी था और ऐसा करने से डर भी लग रहा था। पर वो कहते है न चूत का सुख क्या क्या न करवाएं।

अम्मी की सलवार का नाड़ा खुलते ही अब मैं अम्मी की सलवार के अंदर हाथ डाल सकता था। तो मैंने अम्मी के नींद में होने आश्वासन अपने आप को दिया और हिम्मत करके अपना हाथ अम्मी के पेट पर से सीधा उनकी सलवार के अंदर खिसका दिया।

मेरे हाथ ऐसा करने से कांप रहे थे। मैंने फिर भी हिम्मत की और आपने हाथ को थोड़ा और नीचे अम्मी की चूत के पास ले गया अम्मी ने पैंटी पहनी हुई थी। तो मैंने धीरे से अम्मी की पैंटी की इलास्टिक को उठाया और अपना हाथ अम्मी की पैंटी के अंदर डाल दिया।

फिर मैंने अपनी उंगलियों को अम्मी की पैंटी के अंदर आगे बढ़ाकर उनकी चूत को ढूंढ लिया। अब मेरा हाथ अम्मी की चूत के उपर था। मैंने अपने हाथ से अम्मी की चूत को पूरी तरह ढक लिया था। अम्मी की चूत की छेद मेरे हाथ के बीच की उंगली के नीचे दबी हुई थी।

कुछ देर तो मैं वैसे ही शांत पड़ा रहा फिर मैंने अपने हाथ की बीच वाली उंगली को अम्मी की चूत की छेद पर हल्का सा दबाया जिससे मेरी उंगली उनके चूत के अंदर चली गई। फिर मैंने देखा की अम्मी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। तो मैंने हिम्मत करके अपनी उंगली को उनकी चूत के और अंदर तक धकेल दिया।

फिर मैं धीरे धीरे करके अपनी उंगली को अम्मी की चूत के अंदर बाहर करने लगा। करीब मैंने 8 से 10 बार अम्मी की चूत में उंगली अंदर बाहर की होगी उनकी चूत में गर्मी आने लगी मेरी उंगली में लसे जैसा कुछ लगने लगा। जिससे मेरी उंगली आराम से उनकी चूत में अंदर बाहर होने लगी।

कुछ देर में उनकी चूत किसी भट्ठे जैसे गरम हो गई और उनकी चूत से और भी ज्यादा गर्म और चिपचिपा पानी आने लगा। जिसके चलते मेरा लंड कड़क और सख़्त हो चुका था। मेरे भी लंड में दर्द होने के साथ साथ से पानी निकलने लगा।

यानि की मेरे अंदर भी ज्यादा उत्तेजना आ गई और मैंने अपना लंड अपनी पैंट से बाहर निकाल के अम्मी की जांघो पर रगड़ने लगा साथ ही मैंने उत्तेजना में एक गलती कर दी जिससे सारा मजा पानी हो गया। उत्तेजना के मारे मैंने अपनी अम्मी की चूत में तेज़ी से उंगली करने लगा। मैं ये भूल ही गया की मैं अपनी अम्मी की चूत से खेल रहा हूं।

वो भी उनसे चोरी चुपके तेज़ी से उंगली करने पर अम्मी के बदन में ऐंठन आने लगी वो अंगड़ाई लेने लगी और अचानक उनकी नींद खुल गई। सबसे पहले उनकी नजर मेरे हाथ पर पड़ी जो अभी भी उनके चूत में थी। फिर उन्होंने बड़ी हैरानी के साथ मेरी तरफ देखा और मेरा नंगा लंड देखकर मेरा हाथ एकदम से झटककर अपनी चूत से बाहर निकाल लिया।

फिर उन्होंने अपनी सलवार चढ़ा ली और उठकर बैठ गई। और अपनी चुचियों की तरफ देखा जो अभी भी उनके कमीज़ के गले से बाहर झूल रही थी। फिर उन्होने अपनी चुचियों को अपने कमीज़ के अंदर कर लिया। फिर मुझे फटकारती हुई बोली तू ये सब क्या कर रहा है रे?

मैं चुपचाप रहा! फिर अम्मी बोली ये हराम है हमारे बीच नहीं हो सकता। मैं बोला पता नही अम्मी आज क्या हुआ मुझे अपने आप पर कंट्रोल ही नही रहा। तभी अम्मी ने कहा आज तूने जो देखा है। उस वजह से हो रहा है। जो देखा था सब भूल जा।

मैंने कहा अम्मी भूलना तो चाहता हूं। पर बार बार यही याद आ रहा है। और तभी से अपने लंड को दिखाते हुए बोला इसमें दर्द हो रहा है और ये बार बार टाईट हो जा रहा है। थोड़ी देर बाद अम्मी ने सोचा और कहा ये ठीक हो जायेगा।

बाथरुम जा और अपने हाथ से इसे मुट्ठी में पकड़के चमड़ी को आगे पीछे सरका अपने आप नॉर्मल हो जायेगा। तो मैंने कहा अम्मी मैं दो बार कर चुका हूं। पर ये नॉर्मल नही हो रहा है और मुझें बहुत दर्द भी हो रहा है। मैं थोड़ा मासूम बनते हुए बोला!

फिर अम्मी कुछ देर सोचने के बाद बोली अगर तू ये सब किसी को नही बताएगा तो एक तरीका है। मैं तो खुश हो गया की अम्मी मुझे अपनी चूत चोदने को देगी। उत्तेजना में मैंने कहा नहीं बताऊंगा अम्मी आप अपनी सलवार खोलकर लेट जाओ।

तभी अम्मी ने हल्का सा तमाचा मेरे गाल पर कस दिया। फिर अपनी चूत की तरफ इशारा करके बोली तुझे क्या लगता है मैं तुझे इसमें करने दूंगी कुत्ते! चल हट अपनी पैंट उतार और चुपचाप सीधा लेट जा मै चूसकर इसे शांत करूंगी।

मैं अपनी पैंट को निकालकर पूरा नंगा होकर लेट गया फिर अम्मी ने अपना मुंह मेरे लंड के सामने किया और मेरा लंड अपने मुंह में लेकर आराम आराम से चुसने लगी। मुझे चरम आनंद आ रहा था। ऐसा लग रहा था की कई जन्मों का बोझ निकल रहा है।

अम्मी के कोमल कोमल होठ मेरे लंड पे अपना जादू बिखेर रही थी अम्मी बड़े प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी। कुछ ही देर में मेरे अंदर एक बिजली सी दौड़ी और मैंने अपनी कमर उठाकर अम्मी के मुंह में अपना लंड जोर से ठेल दिया और साथ ही अपना सारा माल अम्मी के मुंह में झाड़ दिया।

उसके बाद मैं नंगा वैसे ही लेट गया अम्मी भी दूसरी तरफ लेट गई कुछ देर तक तो सब ठीक था। जैसे ही मैंने सोने के लिए अपनी आंखें बन्द की फिर से अम्मी की चूत का वो नज़ारा याद आने लगा और फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया।

फिर से मेरे लंड में दर्द होने लगा मैंने फिर से अम्मी को जगाया और बोला देखो ना अम्मी फिर से लंड कड़ा हो गया है और दर्द भी हो रहा है। तो अम्मी हैरान परेशान नजरों से मेरी तरफ देखने लगी और बोली कुत्ते पता नही क्या करना चाहता है।

फिर मैंने अम्मी से कहा अम्मी एक बार दे दो ना मेरी तकलीफ कम हो जायेगी। फिर से अम्मी ने मुझे फटकार लगाई। मैने कहा अम्मी अगर आप वो(चूत) नही देना चाहती तो कम से कम पीछे वाली(गांड) दे दो मैं आपकी गांड की दरार के बीच ही अपना लंड रगड़ के शांत कर लूंगा।

कुछ देर सोंचने के बाद अम्मी ने कहा ठीक है पर तू बाद गांड की दरार के बीच में ही रगड़ना गांड में डालेगा तो मारूंगी। मैंने कहा ठीक है अम्मी फिर अम्मी पलटकर पेट के बल लेट गई। और बोली सलवार और चड्डी को मेरी जांघो तक ही निकालना। मैंने कहा जी ठीक है अम्मी!

फिर मैंने अम्मी की सलवार और उनकी चड्डी को उनकी गांड पर से खींचकर उनकी जांघों तक नीचे कर दिया और फिर मैं अम्मी के दोनों जांघो के अगल बगल अपने घुटनों के बल बैठ गया। फिर मैंने अपने दोनों हाथों से अम्मी के गांड के दोनों हिस्सों को फैलाकर अपना लंड अम्मी की गांड के बीच दरार में डालकर अपने कमर को आगे पीछे करने लगा।

अम्मी की गांड बहुत बड़ी थी जिसके बीच में मेरा लंड कहा गायब हो रहा था पता ही नही चल रहा था। अम्मी की गांड के बीच लंड रगड़ते हुए मेरा लंड एक दो बार उनकी गांड की छेद से टकरा गया। जिससे हड़बड़ाते हुए अम्मी ने कहा अंदर मत डालना वरना मारूंगी।

मैं मस्ती से अपनी के गांड के दोनों हिस्सों के बीच अपना लंड दबाकर अपने लंड का पानी निकालने में लगा हुआ था। कुछ देर में मेरे लंड का पानी अम्मी की गांड दरार में ही निकल गया। जिससे अम्मी की गांड की दरार मेरे माल से भर गई थी।

तभी अम्मी ने कहा की चल हट अब हो गया न तो मैंने अम्मी से कहा अम्मी प्लीज़ एक बार और ऐसे ही करने दो ना प्लीज़ अम्मी!!! तो अम्मी ने थोड़ा परेशान होने वाले अंदाज में कहा ठीक है पर कोई शरारात मत करना इस बार जैसा किया वैसा ही करके जल्दी निकाल मैंने कहा जी अम्मी!!

मैं फिर से अम्मी की गांड के दोनों हिस्सों के बीच अपना दौड़ाने लगा इसबार उनकी गांड की दरार में माल भरे होने के कारण लंड आसानी से फिसल रहा था। मैंने अम्मी के गांड के दोनों हिस्सों को कसकर दबा दिया ताकि मेरा लंड अच्छे से उनकी गांड के बीच दब सके!

मैं वैसे ही करके अम्मी की गांड दरार के बीच अपना लंड चोदता रहा फिर मैंने देखा अम्मी चूत की छेद ठीक मेरे लंड के पोजीशन में थी मैं उनकी चूत के छेद के करीब से अपना लंड उनकी गांड के दरार में। ठेल रहा था।

तभी मुझे एक तरकीब सूझी क्यों न मैं जानबूझकर अम्मी की चूत में अपना लंड डाल दूं। फिर मौका मिले न मिले अम्मी गुस्सा करेगी तो बोल दूंगा फिसलकर अंदर घुस गया।

तब मैंने जानबूझकर अपना लंड अम्मी की गांड के नीचे ले आया और एक सटीक निसाना लगाकर अम्मी की चूत में अपना लंड पेल दिया। लंड चिपचिपा होने के कारण एक बार में ही अम्मी की चूत में घुस गया। लंड उनकी चूत में घुसते ही वो आग बबूला हो गई।

जब मेरा लंड अम्मी की चूत में गया तब मुझे पता चला की चूत चोदने का शुख क्या होता है। लंड अम्मी की चूत में घुसते ही मेरे अंदर एक अजीब सा नशा छा गया। अम्मी गालियां दे कर लंड चूत से निकालने को कहती रही पर मैंने उनकी बातों को अनसुना करके अम्मी के गांड पर अपनी कमर चढ़ाए लेट गया।

और उनकी चूत की गर्माहट का मजा लेते हुए उनकी चूत में लंड डाले उनके गालों को चूमने लगा। उनकी गलियों का कोई मूझपर कोई असर नहीं हो रहा था। वो बार बार मुझे अपना लंड उनकी चूत से निकलने को कहती रही पर मैं उनके गालों को चूमता हुआ।

अपनी कमर उछाल उछालकर उनकी चूत में अपना लंड चोदने लगा उनके लाख मना करने पर भी मैं अपने आप को रोक नहीं सका मैं लगातार अम्मी की चूत को चोदता रहा कुछ देर के विरोध के बाद अम्मी भी शांत पड़ गई।

अब हमारे पूरे कमरे में अम्मी की गीली चूत में लंड घुसने निकलने की फच्च… फच…. फच्च…फचर.. फचर… की आवाज आ रही थी। मैं जितनी तेजी से उनकी चूत मारता उतनी ही तेजी में उनकी चूत से आवाज आ रही थी। अम्मी की चूत ने बहुत ही जल्दी मेरे लंड का पानी ऐंठकर निचोड़ लिया।

पर मैं जोश जोश में एक बार अम्मी की चूत में झड़ने के बाद भी अम्मी की चूत चोदता रहा करीब दूसरी बार मैं 20 तक टिका रहा और उसके बाद फिर से अम्मी की चूत में ही अपना सारा लावा निकाल कर छोड़ दिया। और उनके बदन पर से करवट लेकर उनके बगल में लेट गया।

उसके बाद अम्मी भी घुसे से बड़बड़ाती हुई उठकर अपनी सलवार और चड्डी निकालकर नीचे से बिलकुल नंगी हो गई और अपनी चड्डी से अपनी चूत साफ करके नंगी मेरे बगल में लेट गई! दोस्तों अभी अम्मी मुझसे थोड़ी नाराज है। पर मुझे उम्मीद है की वो फिर से मुझे अपनी चूत चोदने देंगी

ये घटना 2 दिन पहले की है अगर मेरी अम्मी को उस रात मजा नही आया तो वो चुदाई के बाद बिलकुल नंगी होकर मेरे साथ क्यों सोई मैं इससे क्या अंदाज लगाऊं? क्या वो मुझे फिर से अपनी चूत को चोदने का मौका देंगी?

उम्मीद है आपको मेरी और मेरी अम्मी की चुदाई की ये घटना पसंद आई होगी। कृपया अपना सुझाव दें।

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