दारू पिला कर विधवा भाभी को पेला भाग-1

दारू पिला कर विधवा भाभी को पेला भाग-1

यह एक देहाती कहानी है लोकल लोगो को मालुम है की आज कल गांव में लेडिश लोगो का शराब का चलन कुछ जादा बड़ गया है आज कल की औरते आपस में गुट बनाकर शराब का सेवन कर रही है।

हमारे गांव में सादी का सीजन चल रहा था और यदि आस पास में सादी हो तो कोइ ध्यान नही देता की कौन रात को कहा सो रहा है सब अपने में बिजी रहते है जिसको जहा जगह मिली सो जाओ।

ऐसा हि एक किस्सा मेरे साथ हुआ या कहे की मैं जानता था मेरे बगल वाली भाभी शराब पीती है वो भी लोगो से छिपकर भाभी विधवा है उनके पति का बोहोत पहले ज्यादा शराब पीने कि वजह मौत हो गई थी।

उस घर में भाभी और उनकी सास रहा करती थीं उनकी जिंदगी बस ऐसे हि चल रही थीं कुछ किराया का रूम है जिनको भाड़े पर लगाया हुआ है उन्ही से उनके घर का खर्च चलता था कुछ छोटी मोटी जरुरत रहती थीं तो भाभी मुझ बोल देती थीं।

इसलिए भाभी से मेरी अच्छी बनती थीं पर उनकी सास काफी बुजुर्ग हो गईं थीं हमेशा बिस्तर पर लेटी रहती थीं बस आखरी सांसे गिन रही थीं कहानी पर आते है।

मेरे घर के बगल में सादी हो रही थीं और मेरे दोस्तों ने कहा यार आज रात को प्रोग्राम रखते हैं। शराब पीने का मगर एक दिक्कत है की शराब तो ले आयेंगे लेकिन रखेंगे कहा रात को प्रोग्राम है और शराब दुकान साम को हि बंद हों जाती है।

मैने कहा कोइ बात नही सब इंंतेजाम हो जाायेगा और हम लोगो ने शराब ले आई मैं चुपके सी भाभी के पास गाया और उनके घर में शराब रखने के लिए मनाने लगा भाभी मान गईं पर बोली मुझे भी शराब पिलाओगे तब।

मैंने सोंचा भाभी मजाक कर रही है और मैंने हा बोल दिया रात हुई मै भाभी के पास गाया शराब लेने तो भाभी ने पूछा कहा पिओगे मैने कहा हम दो दोस्त है घर के बाहर खेत के तरफ़ अंधेरा रहता हे कोइ नही आएगा।

भाभी बोली अपने दोस्त को यही बुला लो कही जाने की जरुरत नही है मैने बोला आपकी सासु मां वो बोली बुढ़िया सोई है सुबह हि उठेंगी जब तक ना उठाओ।

मैंने सोचा अच्छा जुगाड हो गया और अपने दोस्त को फोन कर दिया कुछ नमकीन ले कर भाभी के घर आजा। कुछ ही देर में मेरा दोस्त आ गाया हम तीनो भाभी के अंदर वाले कमरे में आ गए।

भाभी का रूम अच्छा था मतलब समझ गय होंगे मैने दो पेग बनाया तो भाभी बोली मेरा कहा है मैं भाभी की बात को अभी भी मजाक समझ रहा था भाभी बोली मेरे लिय भी बनाओ और खुद हि अपना पैग बनाई और थोड़ी टाइट पैग जो पीते है। वो लोग जानते ही होंगे।

फिर पीने का दौर चला मेरा दोस्त तीन पैग पीकर अब मुझसे नही होगा बोलकर अपने घर चला गाया। मैं और भाभी पीते रहें कितना पैग चला पता ही नही चल रहा था। बस मैं और भाभी पिये जा रहें थे और पीने के साथ – साथ कई प्रकार की बाते सुरू हो गईं थीं।

मैं मजाक में भाभी छेड़ते हुए बोला भाभी आप रात कैसे काटती है बिना सेक्स के?? भाभी बोलीं बस ऐसे ही भाभी बताओ ना भाभी बोलीं जानकर क्या करोगे कुछ नही आपकी मदत करूंगा कैसे भाभी आप जैसे कहो भाभी बोली तुम मेरे लिए क्या कर सकते हों?

भाभी कुछ भी शराब का नशा भी अपना काम कर रहा था। भाभी बोली नही कर सकते मैं बोला भाभी बोलकर तो देखो। भाभी बोली तुम मुझे खुश कर सकते हों मैं बस इतनी सी बात भाभी तुम बोलकर तो देखो।

भाभी बोली ठीक है आज रात मैं तुम्हारी हुं तुम देख लो। इतना सुनते ही मैं शराब छोड़कर भाभी के होठ पीने लगा भाभी भी मेरा साथ देने लगी मैं भाभी के होठों के पीने लगा। भाभी अब बहुत गरम हो चुकी थीं। क्योंकि मुझसे पहले भाभी अपना कपड़ा खोलकर तैयार हों गईं थी।

फिर मुझे उठकर कपड़े खोलने के लिए बोली मैं भी कपड़े खोलकर मैदाने पलंग पर कूद पड़ा भाभी अपनी चूत खोलकर मेरे मुंह पर बैठ गईं और अपना चूत चटवाने लगी मेरे मुंह पर बैठकर भाभी ने अपनी चूत इतनी चटवाई की मैं बता नही सकता हू।

जैसे जन्मों की प्यासी हो भाभी ने अपनी चूत चटवाते चटवाटे मेरे मुंह पर पेसाब भी कर दीया। जब मैं उठने की कोशिश करता तो मुझे रोक देती और कहती और चाटो और चाटो बहुत ही मजा आ रहा है।

मैं भी मजे से भाभी का सारा पेसाब पी गया और उनकी चूत चाटता रहा सेक्स करते समय सब अच्छा लगता हैं। भाभी मेरे मुंह में हि झड़ गईं फिर भी मुझसे अपनी चूत चटवाती रही। मैं बोला चूत हि चटवाएंगी की कुछ और भी देंगी।

मेरे मुंह से ये बात निकलते ही मेरे से ज्यादा जल्दी भाभी को थी मेरे मुंह सी उठकर सीधे मेरे लन्ड पर अपनी चूत रखकर बैठकर नाचने लगी मुझे लग रहा था। उनके चूतड़ों और शरीर के भार से लगा की अब मेरा लन्ड टूट जाएगा पर लंड उनकी चूत में घुसते ही मुझे मजा आने लगा।

दोस्तों बाकी की कहानी अगले भाग में।

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