4 गुंडों ने मेरी माँ को जबरदस्ती खूब चोदा!!

दोस्तों आज मुझे ये बात बताने में बहुत शर्मिंदगी हो रही है लेकिन मैं ये बात अपने आप में ज्यादा दिन दबा कर नही रख सकता। क्यों कि मैं जब भी मेरी माँ को देखता हूँ। उस रात की वो घटना बार बार मेरी आँखों के सामने आ जाती है।

उस वक़्त मेरी माँ ने मुझे कसम दी थी कि मैं ये बात किसी को ना बताऊ पर मैं अंदर ही अंदर घुट रहा हूँ। इसलिए मैं ये घटना आप सभी के साथ बताने जा रहा हूँ। मेरे परिवार में हम तीन लोग ही है मैं मम्मी और पापा मेरे पिता एक डॉक्टर है और मेरी मम्मी एक हॉउस वाइफ है। मैं उस वक़्त स्कूल से निकल कर कॉलेज में दाखिला हुआ था।

यानी कि मैं उस वक़्त 16 साल का बच्चा था। दोस्तों मैं अब कहानी पर आता हूँ। मेरी माँ थोड़ी मॉर्डन थी यानी कि वो दूसरी हॉउस वाइफ से थोड़ी अलग थी। मेरी माँ की हाईट 5 फिट 6 इंच है और मेरी माँ का फिगर 36 30 38 का है। मैं उनकी फिगर का साइज आप सभी को इसलिए बता रहा हूँ। क्योंकि उस रात के बाद मेरी नियत मेरी माँ के प्रति खराब हो गयी थी।

मैं भी अपनी माँ को चोदने की चाहत रखने लगा था। बात उस वक़्त की है जब गर्मी के दिन थे। और शादियों का सीजन चल रहा था। हमे भी अपने एक रिश्तेदार के यहाँ शादी में जाना था। पापा ने कहा था कि वो हॉस्पिटल से शाम को जल्दी घर आ जाएंगे और हम तीनों शादी में चलेंगे।

शाम हो चुकी थी। मैं और मम्मी तैयार हो कर पापा का इंतेज़ार कर रहे थे। पापा की राह देखते देखते शाम के 7 बज गए पर पापा अभी तक घर नही आये थे। हमे दूर जाना था। इसलिए मम्मी ने पापा को फ़ोन किया पर पापा का फ़ोन बंद आया। करीब 1 घंटे बाद यानी कि रात के 8 बजे पापा का फ़ोन आया।

पापा ने कहा कि उनके हॉस्पिटल में एक एमरजेंसी केश आया है। वो शादी में नही जा पाएंगे। पापा ने मम्मी को कहा कि हमदोनों शादी में चले जायें। थोड़ी देर बाद मम्मी ने मुझसे कहा और हमदोनों शादी के लिए निकल पड़े मम्मी कार चलाना जानती थी।

मैं और मम्मी कार लेकर शादी में जाने के लिए निकल पड़े मेरी मम्मी सज धज कर एकदम किसी दुल्हन की तरह लग रही थी। एकदम गोरी चिट्टी किसी गुड़िया की तरह मतलब किसी भी मर्द का ईमान बिगाड़ दे ऐसी लग रही थी।

हमने करीब एक घंटे का सफर तय कर लिया था। मैं कार में बैठे बैठे जंगल के तरफ देख रहा था। और जंगल से आती हुई आवाज सुन रहा था। बीच जंगल मे हमे कुछ दूरी पर टॉर्च की रोशनी आती दिखी जो ठीक हमारे चेहरे पर पड़ रही थी। कुछ 3 से 4 लोग दिख रहे थे। वो हमारी कार के सामने आकर खड़े हो गए।

मम्मी ने कार रोक दी मैंने मम्मी को कार चलाने के लिए कहा लेकिन उन चारो में से दो लोग हमारी कार का रास्ता रोक रहे थे। और दो लोग मम्मी के साइड कार की खिड़की को खोलने को कह रहे थे। मुझे अंदेशा हो गया था कि अब कुछ गलत होने वाला है।

मैं और मम्मी डरे हुए थे। आखिर में मम्मी ने कार की खिड़की को नीचे किया। तब मुझे उन चारों की आवाज सुनाई देने लगी। वो मेरी मम्मी को देखकर गंदी गंदी बातें कर रहे थे। एक बोल रहा था देखो भाइयों क्या माल है आज रात तो मज़ा आ जायेगा। आज रात हमे इसकी चुत मिल जाये तो क्या बात हो।

दूसरा मेरी मम्मी की गालो को छू रहा था। बोल रहा था। कि इसकी गालो की तरह इसकी चुत भी मुलायम होगी मैं पहले इसकी चुत में अपना लंड डालूँगा। इतना सुनकर मेरी मम्मी उनके सामने गिड़गिड़ाने लगी। मम्मी की सकल रोने जैसी हो गयी थी। मैं भी डरा सहमा चुप चाप बैठा था। वो चारों देखने मे ही खूंखार लग रहे थे।

मेरी मम्मी की बातों का उनपर कोई असर नही दिख रहा था। फिर एक ने अंदर हाथ डाल कर कार का दरवाजा खोल दिया। और मम्मी को खींचकर बाहर निकाल दिया। मुझे भी बाहर निकाल दिया। फिर दो लोगों ने मुझे और मेरी मम्मी को पिछले सीट के पैर रखने वाली जो जगह है वहाँ बैठा दिया और खुद दो लोगों पिछले सीट पर बैठ गए।

हम उनके पैरो के पास बैठे थे। और दो लोग आगे की सीट पर मम्मी अभी भी उनके सामने गिड़गिड़ा रही थी। पर शायद कोई फायदा नही था। एक ने कार स्टार्ट की और कहा कि अड्डे पर चलते है। और इस माल को वंही जमकर इसकी चुदाई करेंगे। मम्मी इस बात को सुनकर ज़ोर से रोने लगी।

तभी पीछे बैठे एक ने मेरी मम्मी की ब्लाउज में हाथ डाल दिया। और उनकी बूब्स को मसलने लगा। मम्मी अपने हाथों से उसके हाथ को रोकने की कोशिश कर रही थीं। पर वो चुदाई की आग में जलने लगा था। उसने मम्मी की ब्लाउज खोल दी। मम्मी की ब्रा भी उतार कर कार में फेंक दिया। मैं ये सब देख रहा था। मम्मी मेरे सामने बेबस होकर अपनी इज्जत तार तार होता देख रही थी।

पीछे बैठे दूसरे सख्स ने मेरी मम्मी की बड़ी बड़ी बूब्स देखकर बोला वाह!!! कितने बड़े है यारो इसके बूब्स इनको चूसने में तो मज़ा आ जायेगा। इतना कहकर उसने मेरी मम्मी के बूब्स को अपनी हाथों में भर लिया। और ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स दबाने लगा। और उनकी काली काली बड़ी निपल्लों को चिमटी से मिसने लगा।

मम्मी दर्द से कराह रही थी। अ आआआह…आ…आ…म्हं…. कर रो रही थी। पर वो रुकने वाला नही था। मैं भी अपनी मम्मी की बड़ी बड़ी चुचियाँ मसलते हुए देख रहा था। मम्मी बोली प्लीज छोड़ दो मुझे मेरा बेटा सब देख रहा है। पर उनका दिल नही पसीजा मेरी मम्मी मुझसे नज़रे चुरा रही थी।

फिर एक दूसरे से कहा मम्मी को दोनों की गोद मे लेटने को मम्मी नही मानी पर उन्होंने मम्मी को खींच कर अपनी गोद मे लेटा दिया। मम्मी अब औंधे मुंह उन दोनों की गोद मे पड़ी थी मम्मी की चुचियाँ एक कि जांघो पर और कमर दूसरे की गोद में यानी मम्मी की गांड ऊपर थी।

फिर एक ने अपनी पैंट उतार कर अपनी जांघो पर कर दी और अपना काला मोटा लंड मम्मी के मुँह के सामने लहराने लगा। उसका लंड धीरे धीरे सख्त मोटा और बड़ा होता जा रहा था। मम्मी अपनी मुँह को अपने हाथों से ढक कर छुपा रही थी। पर उसने मम्मी के हाथ उनके मुँह पर से हटा दिये और अपना काला मोटा तगड़ा लंड उनके मुँह में धकेलने लगा।

मम्मी मना कर रही थी। लेकिन उसने उनकी बात नही सुनी और अपने मोटे लंड से मम्मी का मुँह भर दिया। अब मम्मी की रोने की आवाज उसके मोटे लंड ने दबा दी। और वो मम्मी के बालों को पकड कर उनका सर ऊपर नीचे कर अपना लंड मम्मी के मुँह में चोदने लगा। मम्मी भी बेबस होकर उसका लंड चूस रही थी। उनके मुँह से थूक निकल कर मेरी हाथ पर गिर रहा था। क्योंकि मैं ठीक उनके चेहरे के नीचे कार की फर्श पर बैठा मम्मी को भावुक होकर देख रहा था

फिर दूसरा जो मेरी मम्मी की कमर को अपनी गोद मे लिए ऊपर से ही उनकी गांड को मसल रहा था। उसने मम्मी की साड़ी को एड़ी के पास से उठा कर उनकी पीठ पर कर दिया। और उसके बाद उसने मम्मी के गांड के दोनों तरबूजों (हिस्सों) को अपने हाथों से फैलाकर गांड के बीच अपना मुँह घुसा कर मम्मी की गांड चाटने लगा। जब वो मम्मी की बड़ी उभरी हुई गोरी गोरी गांड को चाट रहा था। तो अजीब सी “चपड़ चपड़” की आवाज आ रही थी।

फिर उसने अपना मुँह मम्मी की गांड से हटाया और अपनी मोटी उंगली पर थूक लगाकर उसने मम्मी की गांड में अपनी उंगली डाल दी। गांड में उंगली घुसते ही मम्मी चहक गयी मम्मी की मुँह से आ….आ हहह कर चिल्ला उठी। उसने जबरदस्ती अपनी पूरी उंगली मम्मी की गांड में ठेल दी। और वो भी कामुकता में मस्त हो कर बोला आआआह!!! कितनी गरम और गहरी गांड है इस रंडी माल की लगता है इसका पति इसकी गांड नही मरता।

इसलिए अभी भी इसकी गांड टाइट है। पर मैं आज इसकी गांड मारकर इसकी कुँवारी गांड को फैला दूंगा। रास्ते मे वो चारों मम्मी के बारे में उल्टी सीधी गंदी गंदी बातें बोले जा रहे थे। इतने में ही पहले शख्स जिसने मेरी मम्मी के मुँह में अपना लंड डाला था उसने अपना सारा माल मम्मी के मुँह में ही छोड़ दिया। मम्मी ने अपने मुँह से उसका लंड निकलना चाहा मगर उसने करने नही दिया।

उसने अपने लंड की वीर्य के आखिरी बून्द तक मेरी मम्मी के मुँह में निकाला फिर दोनों ने मम्मी को अपने पैरों के पास बैठा लिया मम्मी के मुँह से सफेद गोंद जैसा कुछ बाहर निकल रहा था। फिर जिसने मम्मी की गांड में उंगली डाली थी। उसने मम्मी को अपने पैरों के बीच खींचा और अपना बड़ा सा लंड मम्मी के मुँह में डालकर उनके बालों को पकड़ लिया और मम्मी के सर को आगे पीछे करके अपना लंड चुसवाने लगा।

उसका लंड करीब 8″ लंबा था। वो अपनी पूरी ताकत लगा कर मम्मी के मुँह को अपने लंड पर दबा रहा था। जिससे उसका लंड जड़ तक मम्मी के मुँह में जा रहा था। मम्मी के मुँह में लगे वीर्य से लंड आसानी से उनके मुँह को चोद रहा था। साथ ही वो बोल रहा था। “चूस साली आज इसी लंड से तेरी चुत और गाँड़ की गहराइयों को नापुंगा साली रंडी”.

ऐसे ही कुछ देर कार चलती रही फिर वो हमें जंगल मे बने एक घर के आगे कार रोकते हुए वो चारों मुझे और मम्मी को पकड़कर उस एक कमरे वाले मकान में ले गए। फिर वो चारों मम्मी को बारी करके अपनी बाहों में भरते और मम्मी के होंठो और उनके बूब्स को चूसते मम्मी अब हार मान चुकी थी। अब मम्मी ज्यादा विरोध नही कर रही थी।

फिर एक ने मम्मी की कमर में हाथ डालते हुए उनकी साड़ी एक झटके में उतार फेंकी मम्मी अपनी हाथों से अपनी साड़ी को खुलने से पकड़ने लगी पर मम्मी उसे अपनी साड़ी उतारने से नही रोक सकी। मम्मी अब खुली हुई ब्लाउज और पेटीकोट में उन चारों के सामने खड़ी अपनी चुचियों को अपने हाथों से छिपाती हुई खड़ी थी। फिर दूसरे सख्स ने मम्मी की गांड पर जोर का तमाचा जड़ दिया। जिससे मम्मी उछल पड़ी।

वो चारों मेरी मम्मी को घेर कर खड़े हो गए उन चारों की आड़ में मम्मी अब मुझे नही दिखाई दे रही थी मैं सहमा हुआ एक कोने में बैठे देख रहा था। जब उन चारो ने मम्मी को अपने घेराव से आजाद किया तो मैं वो नज़ारा देख दंग रह गया। मम्मी बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उनका पेटिकोट उनके पैरों के नीचे पड़ा हुआ था। ब्लाउज जिसके बटन उन्होंने पहले ही खोल दिये थे। वो भी मम्मी के बदन से निकाल कर फेंक दिया था।

मम्मी को इस हालत ने देख मुझे अच्छा नही लग रहा था। पर मम्मी क्या माल लग रही थी। कही कोने में दुबका हुआ मेरा लंड भी मम्मी की उस हसीन बदन को देख खड़ा हो गया। फिर उन चारों में से एक मम्मी की टाँगो के बीच बैठ गया। और मम्मी की चुत को चाटने लगा। दूर से मैं भी मम्मी की चुत का दीदार कर रहा था। मम्मी मेरी तरफ शर्म से देख भी नही रही थी। कैसा लगेगा अपने ही बेटे के सामने किसी माँ को चुदना वो भी गैर मर्दो से इसी शर्म की वजह से मम्मी मुझसे नज़रे नही मिला रही थी।

वो चारों मेरी मम्मी के ऊपर टूट पड़े थे। वो चारो भी बिल्कुल नंगे मम्मी को चारों तरफ से घेरे उन्हें चाटे जा रहे थे। फिर एक ने कहा अब मैं इसे पहले चोदूंगा फिर उसने मम्मी को बिस्तर पर पटक दिया और मम्मी की टाँगो को अपने कंधों पर रख कर अपना मोटा काला लंड मम्मी की छोटी छोटी झाँटो वाली चुत पर रगड़ने लगा। मम्मी अभी भी उसे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश में थी।

ओर उसको बोल रही थी। की कम से कम मुझे मेरे बेटे के सामने तो मत चोदो वो सब देख रहा है। ये कहकर मम्मी रो रही थी। उनके आंखों से आँसू बह रहे थे। पर उस मादरचोद पर कोई असर नही हुआ। उसने मम्मी की चुत पर थोड़ा थूक लगाया और एक ज़ोरदार झटका देकर अपना मोटा लौड़ा मम्मी की चुत में पूरा का पूरा ठेल दिया। मम्मी आ..आह..आह…आ…आआआह…. दरररद होआ… रहा आ..आ है ए ए आआआह….

मम्मी की उस चींख को सुनकर मेरी भी आंखों से आंसू आ गए। ये सब होता हुआ मैं साफ साफ देख रहा था। मैं देख पा रहा था कि कितना मोटा लंड मम्मी की चुत में जड़ तक घुसा कर उनकी चुत को चोद रहा है। उसका लंड इतना मोटा था कि मम्मी की चुत फैल कर उनके गांड की छेद से बिल्कुल सट चुकी थी। वो शख्स अपने मोटे लंड को मम्मी की चुत में डाले हुए मम्मी के सीने पर सर रख कर उनकी दोनों निप्पलों को बारी बारी से चूस रहा था। साथ ही वो अपनी कमर चला कर मम्मी की चुत भी चोद रहा था।

पूरे कमरे में “फच्च फच्च घप घअप ” की आवाजें गूंज रही थी फिर उस शख्स ने जिसे मम्मी की गांड में उंगली डाली थी। वो मम्मी के चेहरे के ऊपर आ गया और उसने अपना लंबा लंड मम्मी के मुँह में डाल दिया। पहला शख्स जिसने मम्मी की चुत में अपना लंड डाल रखा था। वो ज़ोर ज़ोर से मम्मी की चुत की चुदाई करने लगा। उसकी चुदाई से मम्मी की चुत से रस बहना शुरू हो गया।

मम्मी की चींख पुकार अब ” आन्ह…आन्ह….ओह्ह.. ओह्ह… उम्मह ह ह….उम्मह” बदल गयी थी मम्मी अब मधुर कामूक आवाजे निकाल रही थी। मम्मी अब चुदाई के जोश में डूब चुकी थी। अब मम्मी को अपने ऊपर काबू रखना बस से बाहर हो रहा था। अब पूरे कमरे में उम्म… उम्म…आआ…आह… ऊई..ई… ई… ईई अहह….अहह… की ध्वनि गूंज रही थी साथ ही जब चुत चोदते हुए सख्स की जांघ जब मम्मी की जांघो से मिल रही थी तब “फच्च फच्च ठाप्प ठाप्प” की आवाजें आ रही थी।

अब मम्मी के पाव जो कि उस आदमी के कंधों पर थे मम्मी ने अपने पैर अब उस शख्स के कमर पर कश लिए और अपने हाथों से मम्मी उसकी गांड को सहलाते हुए उसके लंड को अपनी चुत में धकेलने लगी। और अपनी आंखें बंद करके चुदाई का मज़ा ले रही थी। मम्मी सब ज़ोर जबरदस्ती भूल कर अपनी चुत की वासना को सांत करवाने लगी। एक बार चुत चोदते चोदते उस सख्स का काला मोटा लौड़ा मम्मी के चुत से बाहर निकल गया

तो मम्मी ने अपने हाथों से उसके लंड को अपनी चुत में घुसाया फिर से उस कमीने ने मेरी मम्मी की चुत में अपने लौड़े की बौछार कर दी। और थोड़ी देर में वो झड़ कर हट गया। फिर तीसरा सख्स नीचे लेट गया और मम्मी को अपने ऊपर लेटा लिया मम्मी भी खुशी खुशी उसके ऊपर लेट गयी। फिर उसने मम्मी की चुत में अपना लंड सेट कर दिया और दना दन मम्मी की चुत मारने लगा।

मम्मी भी उसके लंड पर अपनी बड़ी गांड उछालकर अपनी चुत चुदवाने लगी। तभी दूसरे सख्स जिसने मम्मी की गांड में उंगली डाली थी फिर से मम्मी की गांड की छूने मसलने लगा। फिर उसने अपनी उंगली पर थूक लगाई और ज़ोर से अपनी उंगली को मम्मी की गांड में डाल दिया। मम्मी आ…आन्ह..आआह.. चिल्लाते हुए अपनी गांड उछालती रही। अब मम्मी की चुत में नीचे से लंड घुस रहा था और पीछे से गांड में उंगली

फिर उस शख्स ने अपनी उंगली मम्मी की गांड से निकाल ली और अपने लंड पर थूक लगाकर मम्मी को चुत चोद रहे शख्स के ऊपर लेटने को कहा मम्मी ने वैसा ही किया अब मम्मी की गांड थोड़ी ऊपर उठ गयी जिससे उनकी गांड का छेद साफ दिखने लगा। फिर तीसरे सख्स ने अपना लंड धीरे से मम्मी की गांड की छेद पर रखा और एक दमदार धक्का मारा लंड का अगला हिस्सा मम्मी की गाँड़ में चला गया।

मम्मी आआआह…. आआआह….. कराहती हुई निढाल होकर नीचे लेटे शख्स के ऊपर लेट गयी अब मम्मी ने अपनी कमर उछालनी बंद कर दी वो दर्द से छटपटा रही थी। फिर उस आदमी ने मम्मी की गांड में धीरे धीरे अपने लंड को ठेलने लगा। उसके ज़ोर लगाने से उसका पूरा लंड मम्मी की गांड के भीतर चला गया। मेरी मम्मी अब दो मर्दों के बीच दबी हुई थी एक उम्मी की चुत में लंड डालकर लेटा हुआ था तो दूसरा मम्मी की गांड में लंड डालकर मम्मी के ऊपर लेटा हुआ था।

कुछ देर बाद मम्मी की कराह बंद हो गयी। तो दोनों ने धक्का लगाना शुरू कर दिया एक मम्मी की चुत में अपना लंड डाल कर चोद रहा था तो दूसरा मम्मी की गांड में लंड के धक्के लगा रहा था। उन दोनों के बीच मेरी मम्मी चक्की में गेहूं की तरह पीस रही थी। दोनों ने मम्मी की चुत और गांड चोद चोद कर फैला दिया था। मम्मी की चुत की छेद और गांड की छेद आपस में सट रहे थे साथ ही दोनों के लंड भी कभी कभी आपस मे रगड़ खा रहे थे। चौथे शख्स ने भी मेरी माँ को खूब चोदा मम्मी को भी चुदने में मज़ा आ रहा था।

उन चारों ने रात भर मेरी मम्मी को जमकर 4-4 खेप चोदा सुबह के पाँच बजे तक मेरी मम्मी की उन चारों ने ठुकाई की उसके बाद उँजाला होने से पहले ही वो हमें वहाँ छोड़कर भाग गए। उनके जाने के बाद मैं उठकर मम्मी के पास गया मम्मी थकावट के मारे चूर हो गयी थी। उनके होंठ प्यास से सुख रहे थे। मैंने उन्हें पानी दिया वो मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी।

पहली बार मैंने मेरी मम्मी को नंगा देख रहा था। मेरी नज़र उनकी चुत और झाँटो से हट ही नही रही थी। मैंने उनसे कहा कि मम्मी आप उनका साथ दे रही थी मैंने देखा आपने ऐसा क्यों किया?? तो मम्मी ने कहा बेटा मैं भी एक औरत हूँ मैं भी अपने आप पर काबू नही रख पाई मुझे इस संभोग से संतुष्टि मिलने लगी। तो मैंने अपने आप को उनको पूरी तरह से सौप दिया।

फिर मैंने मम्मी की जांघो को देखा तो वो एकदम लाल हो चुकी थी। फिर मैंने उनकी जांघो के बीच अपने हाथ डालकर उनकी जाँघों को फैला दिया जिससे मुझे मेरी मम्मी की चुत दिख गयी मम्मी की चुत रात भर लंड से घिसने से छिल कर लाल हो चुकी थी। मैंने मम्मी से पूछा कि आपको दर्द नही हो रहा है। तो मम्मी ने कहा कि शुरुआत में दर्द हुआ फिर दर्द मज़ा बन गया। पर अभी ये फूल कर लाल हो गयी है तो अभी इसमें दर्द है ऐसा मम्मी ने अपनी चुत की ओर इशारे में कहा

फिर कुछ देर आराम करने के बाद मम्मी अपने कपड़े पहनती हुई बोली कि मैं कल की रात जो उनके साथ हुआ वो किसी को ना बताऊ। मुझे पता था कि मम्मी जो भी बोले पर मम्मी ने खुलकर अपनी चुदाई का मज़ा लिया शुरुआत में तो वो विरोध कर रही थी पर बाद में वो लंड की भूखी औरत बनकर चुदाई में उन चारों का साथ देने लगी। दोस्तों तभी से मुझे अपनी मम्मी की चुदाई करने का मन करता है।

मैं तो कभी कभी अकेले में उनकी ब्लाउज को खोलकर उनकी बूब्स निकालकर चूसने लगता हूँ। नही तो मम्मी से कहता हूं कि मुझे आप अपने दूध पिलाओ तो मम्मी भी अपने ब्लाउज़ का हुक खोलकर आपने बूब्स मुझे पीने देती है। पर मम्मी इसे मेरी बचकानी हरकत समझकर नज़र अंदाज़ कर देती हैं। दोस्तों अगर कभी मुझे मेरी मम्मी की चुत चोदने को मिली तो आप लोगों को जरूर बताऊँगा।

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